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Income Tax : 12 लाख की कमाई पर देना होगा जीरो टैक्स, लगा दिया ये गणित तो देखते रह जाएंगे बड़े बड़े CA

12 लाख रुपये सालाना कमाई करने वाले भी अपने इनकम टैक्स को जीरो पर ला सकते हैं. सुनने में यह काम असंभव सा लगता होगा, मगर ये संभव है. इसके लिए आपको हमारे बताए फॉर्मूले को फॉलो करना होगा.आइए जानते है इसके बारे में विस्तार से.

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HR Breaking News (नई दिल्ली)।  ऑफिस के एचआर डिपार्टमेंट की ईमेल तो आपको मिल ही गई होगी. वित्त वर्ष 2023-24 के लिए इनकम टैक्स संबंधी इन्वेस्टमेंट्स प्रूफ देने का वक्त आ चुका है. कुछ ऑफिस इसके लिए जनवरी में तो कुछ फरवरी के किसी दिन को लास्ट डेट मानकर चलते हैं. ईमेल मिलते ही कर्मचारियों में प्रूफ जमा कराने की फुसफुसाहट शुरू हो जाती है. कोई रेंट रिसीप्ट जुटा रहा है तो कोई बीमा पॉलिसी, नेशनल पेंशन स्कीम के बारे में पूछताछ कर रहा है. सबकी एक ही चाहत है कि इनकम टैक्स में जाने वाला अधिक से अधिक पैसा बचाया जा सके. आज हम इसी को लेकर आपकी बहुत बड़ी दुविधा का सॉल्यूशन दे रहे हैं.

 

 

यदि आपकी सैलरी 12 लाख रुपये सालाना है तो भी इन स्टेप्स को फॉलो करके आप एक पैसा भी इनकम टैक्स देने से बच सकते हैं. मतलब आपका इनकम टैक्स निल हो सकता है. हालांकि, एक बार सुनने में यह बात असंभव मालूम हो सकती है, मगर जब आप पूरी कैलकुलेशन समझेंगे तो यकीन भी हो जाएगा. तो चलिए चलते हैं सीधा गुणा-गणित पर.


पहली बात तो ये कि आपको अपने HR डिपार्टमेंट से अपनी सैलरी को टैक्स-फ्रेंडली तरीके से अरेंज करने का अनुरोध करना होगा. इसी के आधार पर आप 12 लाख रुपये तक की सैलरी को भी जीरो टैक्स पर ला सकते हैं. इसके अलावा, निवेश तो करना ही होगा, ताकि आपका टैक्स न्यूनतम या जीरो हो सके. निवेश में मुख्य तौर पर हाउसिंग रेंट अलाउंस (HRA), लीव ट्रैवल अलाउंज (LTA), हेल्थ इंश्योरेंस, लाइफ इंश्योरेंस जैसी चीजें शामिल करनी होंगी.


यदि आपकी सैलरी 12 लाख रुपये है तो आपको अपनी सैलरी इस तरीके से स्ट्रक्चर करानी चाहिए कि HRA 3.60 लाख रुपये बने, LTA 10,000 रुपये और टेलीफोन का बिल 6,000 रुपये हो. ग्रॉस सैलरी पर आपको इस तरह डिडक्शन मिलेगी-

  • सेक्शन 16 के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन – 50,000 रुपये
  • प्रोफेशनल टैक्स से छूट – 2,500 रुपये
  • सेक्शन 10 (13A) के तहत HRA – 3.60 लाख रुपये
  • सेक्शन 10 (5) के तहत LTA – 10,000 रुपये
  • उपरोक्त सभी मदों को यदि आप जोड़ देंगे अब आपकी टैक्स योग्य सैलरी 7 लाख 71 हजार 500 (7,71,500) रुपये शेष रहेगी.

आगे की कैलकुलेशन इस तरह रहेगी:

  • सेक्शन 80C के तहत (LIC, PF, PPF, बच्चों की ट्यूशन फीस इत्यादी) – 1.50 लाख रुपये
  • सेक्शन 80CCD के तहत टियर-1 के तहत नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) पर – 50,000 रुपये
  • 80D के तहत अपने लिए, पत्नी और बच्चों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस – 25,000 रुपये
  • पेरेंट्स (वरिष्ठ नागरिकों) के लिए हेल्थ पॉलिसी पर छूट मिलेगी – 50,000 रुपये

हो गया न जादू…


उपरोक्स सभी डिडक्शन अथवा छूट को यदि जोड़ लिया जाए तो आपकी टैक्स योग्य आय केवल 4,96,500 रह जाएगी. यदि आपकी टैक्स योग्य इनकम 5 लाख से कम रह जाती है तो उस पर करदाता को कोई टैक्स नहीं देना होता है. यही वह फॉर्मूला है, जिसे फॉलो करते हुए आप अपनी 12 लाख रुपये की आय को भी बिलकुल जीरो-टैक्स कर सकते हैं.

बता दें कि ये सारी जानकारी आपको इनकम टैक्स के नियमों के अंतर्गत ही दी गई है, परंतु शर्त ये है कि आपके मानव संसाधन (HR) विभाग को भी आपकी बात पर अमल करना होगा. एक महत्वपूर्ण बात ये है कि ये फॉर्मला पुराने टैक्स रिजीम पर काम करेगा. नए टैक्स रिजीम की व्यवस्था अलग है.


HR आपकी बात न माने तो क्या करें? 


अगर आपकी कंपनी का एचआर सैलरी को टैक्‍स फ्रेंडली बनाने पर राजी नहीं तो आपके लिए दूसरा रास्‍ता भी है. इसमें भी आप साल के 12 लाख की सैलरी पर इनकम टैक्‍स शून्‍य कर सकते हैं. आसान कैलकुलेशन से सब समझ आ जाएगा.

  • 2 लाख रुपये होम लोन पर छूट.
  • 80 सी के तहत 1.5 लाख की छूट.
  • एनपीएस टीयर 1 खाते पर 50,000 की छूट.
  • स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन 50,000 रुपये.
  • पत्‍नी, बच्‍चों और खुद का बीमा 25,000 रुपये.
  • माता-पिता या वरिष्‍ठ नागरिक का बीमा 50,000 रुपये.
  • सेविंग अकाउंट पर 10,000 रुपये की छूट.


अब आपकी कंपनी अगर सिर्फ 1.70 लाख रुपये भी एचआरए देती है तो कुल कमाई 5 लाख से नीचे आ जाएगी और आपकी टैक्‍स देनदारी शून्‍य हो जाएगी.