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indian currency : 1 रुपये का नोट RBI नहीं करता जारी, गवर्नर के भी नहीं होते साइन, जानिये कौन है इसका कर्ता धर्ता

1 rupees update : भारत में बैंकिंग व्यवस्था संभालने के साथ ही भारतीय रिजर्व बैंक मुद्रा (RBI update on 1 rupees note)  से जुड़े सभी कार्य भी देखता है। किसी नोट को छापना हो या फिर मार्केट से हटाना हो, आरबीआई सरकार के साथ मिलकर निर्णय लेता है। इसके बावजूद हैरानी की बात यह है कि हर बड़ा नोट छापने वाला आरबीआई  (RBI latest news) 1 रुपये का सबसे छोटे नोट नहीं छापता। इस पर आपको गवर्नर के साइन भी नहीं मिलेंगे। ऐसे में सवाल उठता है कि तो कौन इस नोट को छापता है, यह लोगों के हाथों में कैसे पहुंचा है? आइये जानते हैं इस नोट से जुड़े कई दिलचस्प व रोचक किस्से।
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indian currency : 1 रुपये का नोट RBI नहीं करता जारी, गवर्नर के भी नहीं होते साइन, जानिये कौन है इसका कर्ता धर्ता

HR Breaking News - (indian currency)। एक रुपये का नोट भारतीय मुद्रा में सबसे छोटा नोट है। इस नोट को लेकर कई रोचक व ऐतिहासिक किस्से हैं। हर बड़े से बड़े नोट को छापने का अधिकार रखने वाले आरबीआई को इस छोटे से नोट (one rupee note update) को छापने का अधिकार प्राप्त नहीं है। इस पर गवर्नर हस्ताक्षर भी नहीं कर सकता।

बेशक यह नोट सबसे छोटा हो, लेकिन इसकी कहानी बहुत बड़ी है। ऐसे में हर कोई जानना चाहता है कि इस नोट को भारतीय मुद्रा (indian currency news) में कौन लेकर आया और कौन इसे छापता है। अनेक लोग यह भी जानने के इच्छुक होते हैं कि आखिर 1 रुपये के नोट को छापने का अधिकार आरबीआई  (reserve Bank of India ) को क्यों नहीं है? इन सभी सवालों के जवाब जानिये इस खबर में।

1 रुपये को लेकर ये भी उठते हैं मन में सवाल-


भारतीय मुद्रा का सारा जिम्मा आरबीआई (RBI notes fact) का है पर एक रुपये के नोट को लेकर ऐसा नहीं है। यह हैरान करने वाली बात है कि भारतीय रिजर्व बैंक इस नोट को न तो छापता है, न इस पर कोई आरबीआई की गारंटी छपी होती और न ही गवर्नर के साइन होते। कई लोगों का सवाल यह भी होता है कि इन सब चीजों के न होने के बावजूद यह नोट (reserve bank of india) देश में चल कैसे रहा है? 


इस कारण इस नोट को नहीं छापता आरबीआई-


भारतीय रिजर्व बैंक ( indian currency facts) के अधिनियम 1934 की धारा 24 में प्रावधान है कि आरबीआई को भारतीय मुद्रा का हर नोट छापने का अधिकार है। लेकिन कानून में 1 रुपये का जिक्र न होने के कारण 1 रुपये के नोट को आरबीआई (RBI rules for currency) नहीं छाप सकता है। 


1 रुपये का जानिये इतिहास-


अगर बात करें कि 1 रुपये का नोट (1 rupees note history) कब शुरू हुआ था तो बता दें कि इसका इतिहास आजादी से पहले का है। यह नोट पहली बार 30 नवंबर 1917 को अंग्रेजों के समय में छापा गया था। आरबीआई अधिनियम 1934 (RBI 1934 act)  बनने से पहले ही 1926 में 1 रुपये के नोट की छपाई बंद कर दी गई थी। 1940 में यह फिर से छपना शुरू हुआ था। 


सरकार को है यह अधिकार-


1 रुपये का नोट छापने का अधिकार भारत सरकार (central govt) को है। शुरू से ही एक रुपये का नोट छापने का जिम्‍मा सरकार का है और तब से ही यह नोट छापने का काम वित्‍त मंत्रालय के अधीन है। 

नहीं होते गवर्नर के साइन-


रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया 1 रुपये के नोट को छोड़कर सभी नोट (note printing rules) छापता है और सभी नोटों पर आरबीआई गवर्नर के साइन भी होते हैं। केवल 1 के नोट पर गवर्नर के साइन (sign on 1 rupee note) नहीं होते। वित्त मंत्रालय के अधीन होने के कारण इस नोट पर भारत सरकार के  वित्‍त सचिव के साइन आपको मिलेंगे। ऐसा नहीं है कि 1 रुपये के नोट को लेकर आरबीआई (RBI guidelines) की कोई जिम्मेदारी नहीं है। बेशक इस नोट को वित्‍त मंत्रालय जारी करता है, लेकिन  सर्कुलेशन और प्रबंधन का जिम्मा आरबीआई (RBI) को दिया गया है।
 


हमेशा चलन में रहा है 1 रुपये का नोट-


1 रुपये के नोट के साथ एक और बड़ी खूबी यह जुड़ी है कि यह नोट (1 rupye ka note ) कभी चलन से बाहर नहीं हुआ है। बेशक इसकी छपाई बंद होती रही है लेकिन यह नोट (1 rupees note update) बंद नहीं हुआ है। हालांकि यह अलग बात है कि यह नोट यूज में कम ही आता है,

1 रुपये के कागज के नोट की बजाय अब 1 रुपये का सिक्का अधिक यूज किया जाता है। बड़े नोटों को बंद करने की बात करें तो सरकार 10000, 5000, 2000 और 1000 के नोट बंद कर चुकी (Indian currency facts) है। 1 रुपये के नोट की छपाई पहली बार 1926 में बंद हुई थी, इसके बाद 1940 में फिर से इसे छापना शुरू किया गया। 1994 में फिर से इस नोट की छपाई बंद की गई।