Indian Currency : 10, 20, 50, 100 और 500 रुपये के नोट पर महात्मा गांधी की तस्वीर ही क्यों, RBI ने किया बड़ा खुलासा
Indian Currency : 10, 20, 50, 100 और 500 रुपये के नोटों पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तस्वीर एक परिचित दृश्य है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि आखिर उनके ही चित्र को क्यों चुना गया? ऐसे में अगर आप जवाब नहीं हैं तो चलिए आइए जान लेते है आज इस खबर में-

HR Breaking News, Digital Desk- (Indian Currency) भारतीय करेंसी नोटों पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तस्वीर एक परिचित दृश्य है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि आखिर उनके ही चित्र को क्यों चुना गया? आरबीआई (Reserve Bank of India) ने इस सवाल का जवाब देते हुए कई महत्वपूर्ण खुलासे किए हैं, जो भारतीय मुद्रा (Indian Currency) के इतिहास और गांधी जी की तस्वीर के पीछे की वजह को स्पष्ट करते हैं। चलि आइए नीचे खबर में जान लेते है कि आखिर कब शुरू हुआ गांधी जी की तस्वीर का सफर?
1969 में पहली बार छपा-
RBI के अनुसार, महात्मा गांधी की तस्वीर पहली बार 1969 में उनकी 100वीं जयंती पर एक रुपये के नोट पर छपी थी, जिसमें उन्हें बैठे हुए दिखाया गया था। इसके बाद, 1987 में 500 रुपये के नोट पर उनकी मुस्कुराती हुई तस्वीर दिखाई दी। अंततः, 1996 में 'महात्मा गांधी सीरीज' के साथ, गांधी जी की तस्वीर सभी भारतीय नोटों पर स्थायी रूप से प्रमुखता से छापी जाने लगी।
क्यों चुनी गई गांधी जी की तस्वीर?
आजादी के बाद भारतीय नोटों पर किंग जॉर्ज VI की तस्वीर थी, जिसे 1949 में सारनाथ के अशोक स्तंभ से बदल दिया गया। 1960-79 के दशक में बाघ, हिरण, हीराकुंड बांध और आर्यभट्ट उपग्रह जैसे कई प्रतीक नोटों पर छपे। हालांकि, नकली नोटों का खतरा बढ़ने के कारण 1987 में महात्मा गांधी को नोटों पर जगह मिली।
नकली नोटों से बचाव-
RBI ने पाया कि किसी व्यक्ति के चेहरे की नकल करना कठिन होता है। इसलिए, 1990 के दशक में नकली नोटों से बचने के लिए मानव चेहरों को नोटों पर छापने का फैसला लिया गया। महात्मा गांधी को उनकी राष्ट्रीय अपील और पूरे देश में स्वीकार्यता के कारण चुना गया। RBI और सरकार का मानना था कि गांधी जी की तस्वीर विवादों से परे है, क्योंकि वे भारत की स्वतंत्रता और एकता के प्रतीक हैं। किसी अन्य स्वतंत्रता सेनानी या नेता की तस्वीर क्षेत्रीय या राजनीतिक विवाद (territorial or political disputes) को जन्म दे सकती थी।
क्या है तस्वीर की कहानी?
नोटों पर छपी गांधी जी की मुस्कुराती तस्वीर 1946 में ली गई एक मूल फोटो से ली गई है, जिसमें वे ब्रिटिश राजनेता लॉर्ड फ्रेडरिक विलियम पेथिक-लॉरेंस (British statesman Lord Frederick William Pethick-Lawrence) के साथ खड़े थे। इस तस्वीर को उनकी शांत और दयालु मुस्कान के कारण चुना गया, जो उनके अहिंसक और करुणामय व्यक्तित्व को दर्शाती है। हालांकि, इस तस्वीर के फोटोग्राफर (photographer) की पहचान आज तक अज्ञात है।
क्या कभी बदलेगी यह तस्वीर?
समय-समय पर अन्य महापुरुषों जैसे रवींद्रनाथ टैगोर, एपीजे अब्दुल कलाम (apj abdul kalam), सुभाष चंद्र बोस, या यहां तक कि भगवान गणेश और लक्ष्मी की तस्वीरें नोटों पर छापने की मांग उठती रही है। लेकिन RBI और सरकार ने स्पष्ट किया है कि गांधी जी की तस्वीर को बदलने का कोई प्रस्ताव नहीं है। 2014 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली (Finance Minister Arun Jaitley) ने लोकसभा में कहा था कि कोई भी व्यक्ति गांधी जी से बेहतर देश के स्वभाव का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकता।
कई सुरक्षा मानक जरुरी-
1996 में शुरू हुई 'महात्मा गांधी सीरीज' के बैंक नोटों में नकली नोटों को रोकने के लिए कई सुरक्षा विशेषताएं, जैसे वॉटरमार्क, सुरक्षा धागा, और दृष्टिबाधितों के लिए इंटैग्लियो प्रिंटिंग शामिल की गईं। 2016 में, 'महात्मा गांधी नई सीरीज' ने इन सुरक्षा उपायों को और भी पुख्ता किया, जिससे जाली नोटों का प्रचलन काफी कम हो गया है।