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ITR 2025-26 : इनकम टैक्स भरने से पहले कर लें ये काम, वरना घर आएगा इनकम टैक्स का नोटिस

Income Tax Return : आईटीआर यानी इनकम टैक्स रिटर्न भरना जिम्मेदारी भरा कार्य होने के साथ साथ चुनौतीपूर्ण भी है। आईटीआर  (ITR new Rules) भरते समय तो कई बातों का ध्यान रखना ही होता है, इसे भरने से पहले भी कई काम निपटा लेने बेहद जरूरी होते हैं। इन कार्यों की अनदेखी करने पर घर पर तुरंत इनकम टैक्स (Income tax rules) का नोटिस आ जाएगा। खबर में जानिये आईटीआर भरने से पहले क्या क्या काम आपको निपटाने होंगे।

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ITR 2025-26 : इनकम टैक्स भरने से पहले कर लें ये काम, वरना घर आएगा इनकम टैक्स का नोटिस

HR Breaking News - (ITR Filing Rules)। इनकम टैक्स रिटर्न भरने का समय अब नजदीक आता जा रहा है। हालांकि इस बार थोड़ा अतिरिक्त समय आईटीआर (ITR Filing Last Date) भरने के लिए दिया गया है। ऐसे में यह लोगों के लिए आईटीआर भरने से पहले किए जाने वाले जरूरी कार्यों के लिए सुनहरा मौका है।

आपको आइटीआर (ITR bhrne se pahle kya kre) भरने के दौरान ही नहीं, आईटीआर भरने से पहले भी कई जरूरी काम करने होते हैं, ताकि बाद में कोई परेशानी न हो और आयकर विभाग के नोटिस (It notice) से भी बचा जा सके। आईटीआर भरने में आसानी चाहते हैं तो इन कामों को निपटाने में देर न करें। 

इस बार टैक्सपेयर्स के लिए है यह मौका-


वित्तीय वर्ष 2024-25 (आकलन वर्ष 2025-26) के लिए वैसे तो आईटीआर फाइल (ITR File krne ka niyam) की जा रही हैं, लेकिन अभी तक आपने इसे नहीं भरा है तो आईटीआर से जुड़े जरूरी कार्य निपटाकर इसे भर सकते हैं। टैक्सपेयर्स के लिए इस बार 15 सितंबर (ITR last date) तक का मौका है। आईटीआर भरने से  कार्यों को समय से पहले करना इसलिए जरूरी है क्योंकि रिटर्न सही तरीके से नहीं भरी गई तो आयकर विभाग (income tax department) आपको नोटिस भेजेगा और आपको फिर से मशक्कत करनी होगी तथा फाइन आदि भी देना पड़ेगा। 

1. समय से पहले जुटा लें सभी जरूरी दस्तावेज -


आपकी ओर से आईटीआर (ITR rules 2025) में भरी गई डिटेल आयकर विभाग के डेटा के साथ मैच होना जरूरी है, नहीं तो इनकम टैक्स विभाग तुरंत नोटिस भेज देगा। आईटीआर भरने समय कोई गड़बड़ी न हो, इससे बचने के लिए पहले ही सभी आवश्यक दस्तावेज (documents for ITR) एकत्रित कर लें।  

2. फायदे व नुकसान का कर लें आकलन-


आपके बचत खाते, एफडी (fixed deposit), या अन्य स्रोतों से ब्याज की आय कितनी है, इसकी पूरी डिटेल ले लें। शेयर, म्यूचुअल फंड या फिर प्रोपर्टी में निवेश (property investment) किया है तो इसके लाभ हानि की डिटेल भी आपके पास होनी चाहिए। 

3. फॉर्म 26AS में यह कर लें चेक-


आईटीआर भरने से पहले फॉर्म 26AS के बारे में जानकारी होनी जरूरी है। इसमें जमा किए गए टीडीएस और एडवांस टैक्स (advance tax kab dena padta h) की डिटेल होती है। इसे AIS (annual information statement) के साथ मिलान करें। किसी तरह की मिसमैचिंग होने पर अपने नियोक्ता, बैंक या आयकर विभाग से संपर्क करके इसे दुरुस्त करा लें।

4. ये फॉर्म व रसीदें पहले ही इकट्‌ठा कर लें-


आईटीआर भरने से पहले फॉर्म 16, 26AS, और AIS चेक कर लें। यह भी चेक कर लें कि आपका पैन और आधार कार्ड लिंक है या नहीं। नौकरीपेशा लोग अपने नियोक्ता से फॉर्म 16 (form 16) जरूर ले लें। आयकर की धारा 80C के तहत PPF, LIC, ELSS में निवेश किया है तो टैक्स में छूट (tax exemption rules) मिलती है। इसलिए इनकी रसीदें पहले ही जुटा लें। धारा 80D (मेडिकल इंश्योरेंस), इसके अलावा अन्य छूट के लिए रसीदें भी जुटा लें।

5. समय पर ITR भरना तय करें-


आईटीआर फाइल करने की अंतिम तारीख तक आईटीआर (income tax return) जरूर भर दें। इस बार 15 सितंबर तक आईटीआर फाइल की जानी हैं। इसके बाद आपको 1 हजार से लेकर 10 हजार रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है। साथ ही 1 प्रतिशत मासिक ब्याज भी चुकाना पड़ सकता है। आयकर रिटर्न फाइल करने के बाद आधार ओटीपी, नेट बैंकिंग (net banking) या डिजिटल सिग्नेचर के जरिए ई -वेरीफाई कर दें, नहीं तो यह अमान्य हो जाएगी।


6. ITR फॉर्म चुनने में न करें यह गलती-


आईटीआर (ITR rules) भरने से पहले सही फॉर्म का चुना जाना जरूरी होता है। आयकर विभाग की ओर से 7  तरह के आईटीआर फॉर्म उपलब्ध कराए गए हैं। इनमें से आपको कौन सा चुनना यह पहले ही तय कर लें। गलत फॉर्म चुनने पर आयकर रिटर्न डिफेक्टिव रिटर्न (defective return) घोषित हो सकती है या अमान्य हो सकती है। अलग-अलग आय के स्रोतों और टैक्सपेयर्स (taxpayers update) की कैटेगरी के अनुसार ये फॉर्म भी अलग अलग होते हैं। 


7. सही टैक्स रिजीम चुनें -


आईटीआर भरने से पहले टैक्स रिजीम (tax regime) का सही से चुनाव करें कि आपको नई कर व्यवस्था अनुसार टैक्स भरना है या पुरानी टैक्स व्यवस्था के अनुसार टैक्स भरना है। पुरानी टैक्स रिजीम (old tax regime) में सेक्शन 80C, 80D, 80DD आदि के तहत छूट और कटौतियां मिलती हैं लेकिन नई टैक्स रिजीम (new tax regime) में कम टैक्स दरें होती हैं पर छूट कम हैं। नई रिजीम डिफॉल्ट है, लेकिन पुरानी टैक्स रिजीम के तहत कर चुकाना चाहते हैं तो आपको फॉर्म 10-IEA भरना होगा।

8. कैपिटल गेन अकाउंट में निवेश-


प्रॉपर्टी या शेयर बाजार (stock market) से आय या फिर किसी संपत्ति को बेचकर लाभ कमाया है और आप उस पर टैक्स छूट चाहते हैं तो कैपिटल गेन अकाउंट खोलना न भूलें। इनकम टैक्स एक्ट (income tax act) के अनुसार टैक्स छूट के लिए कैपिटल गेन की रकम आईटीआर भरने की अंतिम तारीख से पहले कैपिटल गेन अकाउंट स्कीम (Capital Gain Account Scheme) में जमा करनी होगी।

ऐसा न करने पर आपका टैक्स छूट का दावा खारिज हो सकता है। इस पैसे से आप भविष्य में घर खरीदने या अन्य जगह निवेश (investment tips) करने के लिए यूज कर सकते हैं।