ITR : इनकम टैक्स नहीं भरने पर क्या होगा एक्शन, टैक्सपेयर्स जान लें नियम
income tax rules : आयकर विभाग ने सालभर की आय पर टैक्स भरे जाने संबंधी कई नियम तय किए हुए हैं। अगर कोई टैक्स योग्य इनकम पर टैक्स (income tax ke niyam) नहीं भरता है तो उस पर विभाग की ओर से तुरंत कार्रवाई की जाती है। इससे टैक्स न भरने वालों को कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ता है। अगर आप भी इस दायरे में आते हैं तो आयकर विभाग के इन नियमों (ITR new rules) व कर न भरने पर की जाने वाली कार्रवाई को अवश्य जान लें।

HR Breaking News - (Income tax) । लोग पूरे साल अंधाधुंध होकर कमाई के पीछे लगे रहते हैं, लेकिन जब इस कमाई पर टैक्स (tax on annual income) देने की बात आती है तो अधिकतर बचते नजर आते हैं। कई आय को छिपाते हैं तो कई फर्जी तरीके से टैक्स में छूट (tax exemption) पाने के तरीके आजमाते हैं।
अनेक लोग ऐसे भी होते हैं जो इनकम टैक्स भरते ही नहीं हैं। ऐसे लोगों पर आयकर विभाग की पैनी नजर होती है। विभाग तुरंत एक्शन लेते हुए कई तरह की कार्रवाई (action on tax evasion) ऐसे लोगों पर करता है। करदाता आयकर से जुड़े इन नियमों को जान लेंगे तो फायदे में रहेंगे।
किसे भरनी पड़ती है आईटीआर -
बजट 2025 में 12 लाख तक की सालाना कमाई को इनकम टैक्स (income tax slabs) के दायरे से बाहर किया गया है। सालभर में 12 लाख तक की आय वाले लोगों को इनकम टैक्स तो नहीं देना पड़ता, लेकिन आईटीआर (Income tax return) भरनी जरूरी है। इसके अलावा करदाताओं के लिए भी आईटीआर भरनी आवश्यक है।
ITR नहीं भरी तो यह होगी कार्रवाई -
आईटीआर भरने में देरी करने पर इनकम टैक्स एक्ट 1961 (income tax act) की धारा 276सीसी के तरह कार्रवाई करते हुए जुर्माना लगाया जाता है। आईटीआर (ITR filing rules)दाखिल नहीं करने पर भी इसी धारा के तहत जुर्माना लगाया जाता है।
टैक्स न भरने पर क्या होगा-
आईटीआर न भरने व टैक्स न देने पर इनकम टैक्स एक्ट (income tax act) में जुर्माने से लेकर जेल तक का प्रावधान किया गया है। ऐसे में आयकर अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कराया जाता है। इसके बाद लोगों की समस्या और बढ़ जाती है, इसलिए आयकर नियमों (income tax rules) का उल्लंघन न करने में ही भलाई है।
समय पर करा दें TDS जमा-
इनकम टैक्स एक्ट की धारा 276 बी के तहत उस समय कार्रवाई की जाती है जब कोई व्यक्ति TDS जमा (TDS rules) करने में देरी करता है। ऐसा करने पर जेल भी हो सकती है। आयकर विभाग कोर्ट में मुकदमा भी दायर कर सकता है और कोर्ट इसमें TDS के साथ ब्याज और जुर्माना (Penalty for not depositing TDS) भरने का आदेश भी दे सकती है।
जान-बूझकर छिपाई आय तो हो सकती है जेल-
कई करदाता जान-बूझकर आय को छिपा लेते हैं। ऐसा करने वालों पर आयकर विभाग (income tax department) कड़ी कार्रवाई करता है। सालाना इनकम के हिसाब से टैक्स न देना जान बूझकर कर चोरी माना जाता है। ऐसे में इनकम टैक्स एक्ट की धारा 276सी के तहत संबंधित करदाता (taxpayers news) पर जुर्माना तो लगता ही है, साथ ही जेल भी हो सकती है।
वित्त मंत्री कर चुकी हैं यह स्पष्ट -
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) पिछले साल बजट पेश करने के दौरान यह स्पष्ट कर चुकी हैं कि इनकम टैक्स एक्ट (income tax act) की कुछ धाराओं में किए गए सजा के प्रावधानों को सरकार कम करना चाहती है, ताकि आईटीआर (ITR new rules) से जुड़े मुकदमों में कमी लाई जा सके। ऐसे में सजा के प्रावधानों को कम करने के बाद करदाताओं को कोर्ट कचहरी के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।