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Loan EMI Bounce : लोन की किस्त नही भर पा रहे तो जरूर कर लें ये काम, सिबिल स्कोर पर नही पड़ेगा असर

Loan EMI Bounce : अकसर पैसे की तंगी के चलते लोगो को लोन का सहारा लेना पड़ जाता है। कई बार आर्थिक स्थिती ठीक न होने के कारण कई लोग समय पर लोन की किस्त नही भर पाते है। आप जानते ही है कि अगर समय पर लोन न भरा जाएं तो सिबिल स्कोर खराब हो जाता है। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे है उस तरीके के बारे में जिससे अपनानें के बाद आपके सिबिल स्कोर पर नही पड़ेगा असर।
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Loan EMI Bounce : लोन की किस्त नही भर पा रहे तो जरूर कर लें ये काम, सिबिल स्कोर पर नही पड़ेगा असर

HR Breaking News : (Loan EMI Bounce) लोग जरूरत पड़ने पर लोन ले तो लेते है लेकिन उसकी EMI समय पर चुकाना काफी मुश्किल होता है। लोन की किस्त न भर पाने की वजह से सबसे पहले लोनधारक पर जो असर पड़ता है, वह उसके सिबिल स्कोर से संबंधित है। लोन की ईएमआई मिस होने पर सिबिल स्कोर (cibil score) खराब हो जाता है। इसके बाद भविष्य में लोन मिलना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में लगातार ईएमआई बाउंस (EMI bounce) होना लोनधारक के लिए खतरे की घंटी है। 


अगर आप भी लोन की ईएमआई भरने में चुनौती का सामना कर रहे हैं तो फटाफट ये 4 काम कर लें और सिबिल स्‍कोर गिरने से बचाते हुए आसानी से लोन रिपेमेंट करें। 

 


बैंक मैनेजर के सामने रखें अपनी बात-


लोन की ईएमआई (EMI bounce hone par kya kre)  भरने में कोई समस्या आ रही है तो आप बैंक मैनेजर से मिलकर अपनी बात रख सकते हैं। लोन चुकाने में जो असमर्थता का कारण बन रहा है, उसे आप मैनेजर को बता सकते हैं। आप यह भी स्पष्ट कर सकते हैं कि यह आप जानबूझकर नहीं कर रहे हैं बल्कि मजबूरीवश ऐसा हो रहा है। 


बैंक मैनेजर को सही स्थिति से अवगत कराएं और वे आपकी स्थिति व मजबूरी को समझकर राहत दे सकते हैं। समय पर किस्त भरने का भरोसा देते हुए आप पेनेल्टी (Penalty on EMI bounce) में भी राहत पा सकते हैं।

 

 

CIBIL Score के लिए करें यह रिक्वेस्ट -


एक या दो किस्तें अगर मिस होती हैं तो सिबिल स्कोर की रिपोर्ट में दर्ज नहीं होता, क्योंकि तीन महीने बाद बैंक आपकी क्रेडिट रिपोर्ट (credit report) आगे भेज देते हैं। इसलिए तीसरी किस्त बाउंस होने से पहले की बैंक (bank news) जाकर बात करें व समय पर किस्त भरने का भरोसा दिलाएं। 


पिछली किस्तें इसी दौरान भर देंगे तो यह आपके लिए बेहतर रहेगा। साथ ही बैंक मैनेजर से  रिक्वेस्ट करें कि वो आपके सिबिल स्कोर को लेकर निगेटिव रिपोर्ट (cibil score report) न भेजें। सिबिल स्कोर खराब हुआ तो आपको आगे लोन मिलना मुश्किल हो जाएगा।

 


EMI को कर सकते हैं होल्‍ड- 


जब भी आपको लगे कि कुछ समय तक आपके पास पैसों का प्रबंध नहीं है और लोन की किस्त नहीं चुका पा रहे हैं, जब पैसों का प्रबंध हो जाएगा तो इसे चुका देंगे। ऐसी स्थिति में आप बैंक (bank loan) जाकर अपनी बात रख सकते हैं।आप कुछ समय तक अपनी किस्‍त को होल्‍ड (EMI hold rules) करने के लिए आवेदन कर सकते हैं। पैसों का प्रबंध होते ही इसे चुकाकर आप राहत पा सकते हैं।


एरियर EMI का ऑप्शन चुनें-


कई लोगों की सैलरी महीने के शुरू में आ जाती है तो कई की लास्ट वीक में आती है। ईएमआई आमतौर पर महीने के शुरू में ही भरनी होती है, इसे एडवांस ईएमआई (Advance EMI)कहा जाता है। 


ऐसे में अगर आप सैलरी लेट आने के कारण ईएमआई समय पर नहीं भर पा रहे हैं तो अपनी सैलरी के टाइम अनुसार इसे चेंज करा सकते हैं और एरियर ईएमआई (arrear EMI) का विकल्प चुन सकते हैं। इसके लिए बैंक मैनेजर से आप बात कर सकते हैं।