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Loan Pre-payment : समय से पहले लोन भरना सही या गलत, लोन लेने वाले जरूर जान लें ये काम की बात

Fore-Closing of Loan : आप अपनी जरूरत के चलते बैंक से लोन लेते है और उसके बाद जल्द से जल्द उस लोन को चुकाने की साचते है। इसके लिए बैंक से आपको इसकी अवधि से पहले भी पूरा लोन चुकाने का ऑप्शन भी मिलता है। लेकिन कुछ  बैंकों में आपको इसके लिए फोर-क्लोजिंग चार्ज भी देना होता है। लोन चुकाने से पहले आइए जान लीजिए लोन फोर-क्लोजिंग के फायदे और नुकसान...

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HR Breaking News (नई दिल्ली)। आपको जब भी एकसाथ ज्यादा फंड जुटाने की जरूरत होती है तो अक्सर बैंक से लोन (loan from bank) को बेहतर विकल्प माना जाता हैं. लेकिन बाद में लंबे समय तक इस लोन ईएमआई चुकानी पड़ती है जिसके साथ आपसे मोटा ब्याज भी वसूल किया जाता है. अगर आपके लोन की अवधि (Loan period) अभी पूरी नहीं हुई है और आपके पास उसे चुकाने के लिए पूरे पैसे हैं तो आप इसे तय अवधि से पहले भी चुका सकते हैं यानी लोन फोर-क्लोजिंग करा सकते हैं.

लोन फोर-क्लोजिंग (Fore-closing of loan)कराते समय आपको इन कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना होगा. इसके कुछ फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी हो सकते हैं. आज हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि आपके लिए लोन फोर-क्लोजिंग कराना फ़ायदेमंद होगा या नुकसानदेह.


लोन फोर-क्लोजिंग कुछ फायदे


आपको बता दें कि जब आप समय से पहले भुगतान करते हैं तो इससे लोन पर लगने वाला ब्याज बच जाता है. अगर आपने एक से ज्यादा लोन ले रखे हैं तो पहले उस लोन को चुका सकते हैं जिसकी ब्याज दर (Interest rate on loan) ज्यादा है. इस तरह आप पर्सनल लोन, कार या बाइक लोन, क्रेडिट कार्ड ईएमआई आदि को एक-एक करके चुका सकते हैं. वहीं आपके पास लोन ट्रांसफर करने का ऑप्शन भी रहता है. आप ज्यादा ब्याज दर वाले बैंक से किसी कम ब्याज दर वाले बैंक में अपना लोन ट्रांसफर करा सकते हैं.


लोन फोर-क्लोजिंग पर लगता है चार्ज


आपको बता दें कि कई बैंक समय से पहले लोन चुकाने पर ग्राहकों से इसके लिए चार्ज वसूल करते हैं. अगर आप अपने किसी लोन की फोर-क्लोजिंग (Fore-closing of loan) कराने का सोच रहे हैं तो पहले बैंक में इसे लेकर पूछताछ कर लेनी चाहिए. कई बैंक बची हुई लोन की राशि का 1 से 5 फीसदी तक चार्ज वसूल करते हैं. ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि उन्हें ब्याज पर होने वाले नुकसान की कुछ भरपाई की जा सके. फोर-क्लोजिंग चार्ज और बची हुई ईएमआई (EMI) पर ब्याज दोनों की कैलकुलेशन करके आप लोन चुकाने या नहीं चुकाने का फैसला कर सकते हैं.


ये सर्टिफिकेट जरूर लें


आपको लोन की फोर-क्लोजिंग कराने के बाद उसका एनओसी सर्टिफिकेट (NOC certificate) जरूर लेना चाहिए. यह सर्टिफिकेट इस बात का सबूत है कि आपने लोन का भुगतान कर दिया है. इसके अलावा होम लोन या प्रॉपर्टी से जुड़े सभी मामलों की ट्रांजेक्शन की डिटेल के लिए एनईसी यानी नॉन-इंकम्ब्रेंस सर्टिफिकेट (Non-encumbrance certificate) लेना होता है. वहीं लोन का भुगतान करने के बाद आपको यह भी सुनिश्चित करना होगा कि आपका सिबिल स्कोर समय पर अपडेट किया जाए. क्योंकि इसे सामान्य रूप से प्रोसेस होने में काफी समय लगता है, जिसका आपके सिबिल स्कोर पर असर पड़ सकता है.