टैक्सपेयर्स के लिए बड़ा अलर्ट, अब इतने साल पुराने मामले खोलेगा इनकम टैक्स विभाग, CBDT ने अधिकारियों को दिए निर्देश
अगर आप टैक्स भरते हैं तो ये खबर आपके लिए अहम है। CBDT ने इनकम टैक्स विभाग(Income Tax Department) को आदेश जारी किए हैं कि सभी टैक्सपेयर्स के पुराने मामलों खंगाला जाए और सालाना इनकम का बयोरा लिया जाए। ऐसे में टैक्सपेयर्स की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
HR Breaking News (नई दिल्ली)। अगर आप आईटीआर (ITR) फाइल करते हैं तो यह आपके काम की खबर है। सीबीडीटी यानी सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने पुराने मामलों को खोलने के लिए इनकम टैक्स विभाग के अधिकारियों का व्यापक दिशानिर्देश जारी किए हैं। इसमें कुछ टैक्सपेयर्स को राहत दी गई है लेकिन बाकी टैक्सपेयर्स की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। ऐसे टैक्सपेयर्स के पुराने मामलों को खंगाला जा सकता है जिनकी सालाना इनकम 50 लाख रुपये से ज्यादा है और उन्होंने अपनी इनकम डिक्लेयर नहीं की थी। उनके दस साल पुराने मामलों को भी आईटी विभाग खंगाल सकता है। सीबीडीटी ने 23 अगस्त को इस बारे में इनकम टैक्स अधिकारियों को डिटेल दिशानिर्देश जारी किए।
सीबीडीटी ने सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) के अप्रैल में एक ऑर्डर के मुताबिक टैक्स अधिकारियों को यूनिफॉर्म प्रैक्टिस सुनिश्चित करने को कहा है। इसमें कहा गया है कि उन मामलों को दोबारा नहीं खोला जाएगा जिनमें अपीलीय अथॉरिटीज का अंतिम फैसला आ चुका है। इससे कुछ टैक्सपेयर्स को राहत मिली है लेकिन आने वाले दिनों में कई बड़े मामलों को खोला जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) के एडवोकेट दीपक जोशी ने कहा कि सीबीडीटी के निर्देश की अच्छी बात यह है कि कम से कम उन मामलों को नहीं छेड़ा जाएगा, जहां कोई अपील लंबित नहीं है। लेकिन बाकी लोगों के लिए स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है।
सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) का फैसला
सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) ने अभिसार बिल्डवेल मामले में अप्रैल में फैसला सुनाया था। इसमें सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया था कि आईटी कानून की धारा 153-ए के तहत इनकम टैक्स(Income Tax) अधिकारी रिएसेसमेंट प्रॉसीडिंग के दौरान किसी टैक्सपेयर्स की इनकम में कोई एडीशन नहीं कर सकते हैं। इसके लिए उनके पास ठोस सबूत होना चाहिए। हालांकि कोर्ट ने साथ ही कहा था कि आईटी कानून की धारा 147 और 148 के तहत रिएसेसमेंट को रिस्टोर किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सीबीडीटी ने हाल में इनकम टैक्स अधिकारियों को दिशानिर्देश जारी किए हैं।
जोशी ने कहा कि कुछ ही टैक्सपेयर्स को राहत मिली है लेकिन बाकी के लिए स्थिति नहीं बदली है। यानी उन्हें कई साल तक मुकदमेबाजी में फंसे रहना पड़ सकता है। धारा 148 (पुरानी व्यवस्था) के तहत आईटी अधिकारी छह साल पुराने मामलों के खोल सकता है। फाइनेंस एक्ट, 2021 में जोड़ी गई धारा 148ए के तहत 10 साल पुराने मामलों को खोला जा सकता है। लेकिन इसके लिए सालाना इनकम 50 लाख रुपये से अधिक होनी चाहिए। सीबीडीटी के मुताबिक पुराने मामलों को खोलते समय यह लिमिट लागू होगी। यानी 50 लाख रुपये के कम सालाना इनकम वाले मामलों को नहीं खोला जाएगा।