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Old Pension Scheme: देश के 5 राज्यों में लागू हुई पुरानी पेंशन योजना

Old Pension Scheme Latest Update: पुरानी पेंशन योजना (OPS) लागू करनेवाले राज्यों में राजस्थान सबसे पहले नंबर पर है. वहीं, हाल में हिमाचल प्रदेश सरकार ने भी ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करने का फैसला किया है. आइए जानते है इसके बारे में पूरी जानकारी।
 
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Old Pension Scheme: देश के 5 राज्यों में लागू हुई पुरानी पेंशन योजना

HR Breaking News (ब्यूरो) : देशभर में इन दिनों से पुरानी पेंशन योजना और नई पेंशन योजना के लेकर बहस छिड़ी हुई है. कई राज्यों में पुरानी पेंशन योजना या ओल्ड पेंशन स्कीम को फिर से लागू करने की मांग तेज हो गई है. हालांकि, यह मांग लंबे समय से हो रही है. कुछ दिनों पहले केंद्र की मोदी सरकार ने कुछ चुनिंदा केंद्रीय कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) का लाभ देने का फैसला किया.

इसके तहत सभी केंद्रीय कर्मचारियों (Government Employees) को पुरानी पेंशन योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा. सरकार की ओर से दी गई नई अपडेट के अनुसार, जो कर्मचारी 22 दिसंबर 2003 के पहले निकली भर्ती के जरिये सरकारी नौकरी में शामिल हुआ है, सिर्फ उसे ही पुरानी पेंशन (Old Pension Implemented) का लाभ मिलेगा.

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इसके अलावा जिन कर्मचारियों को 22 दिसंबर 2003 के बाद निकली भर्ती के जरिए नौकरी मिली है उन्हें पुरानी पेंशन का लाभ नहीं मिलेगा. उन्हें नेशनल पेंशन स्कीम (National Pension Scheme) के तहत पेंशन कवर दिया जाएगा.

इसके साथ ही सरकार ने यह भी साफ किया है कि अगर कोई कर्मचारी नई पेंशन योजना से पुरानी पेंशन योजना (NPS To OPS) में जाने का  विकल्प चुन लेते हैं तो वह उनका अंतिम विकल्प माना लिया जाएगा. इसका मतलब है कि वह फिर नई पेंशन योजना में स्विच नहीं कर पाएगें.

वहीं, केंद्रीय कर्मचारियों की तरफ से लगातार हो रही मांग के बीच देश के 5 राज्यों में एक बार फिर से पुरानी पेंशन योजना को लागू (Old Pension Implemented) कर दिया गया है. इन राज्यों में राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश शामिल हैं.

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पुरानी पेंशन योजना लागू करनेवाले राज्यों में राजस्थान सबसे पहले नंबर पर है. वहीं, हाल में हिमाचल प्रदेश सरकार ने एक अप्रैल से पुरानी पेंशन योजना को लागू करने का फैसला किया है. यहां हम आपको उन सभी राज्यों के बारे में बताने जा रहे हैं जहाँ पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme In States) लागू कर दिया गया है. तो चलिए जानते हैं.


राजस्थान


 राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने पुरानी पेंशन व्यवस्था को सफलतापूर्वक लागू  (Rajasthan Implemented Old Pension Scheme (OPS)) कर दिया है.

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यह ओपीएस को बहाल करने वाला सबसे पहला राज्य बन गया. राज्य का बजट 2023-24 पेश करने के दौरान सीएम गहलोत ने सभी सेवारत और रिटायर कर्मचारियों को नई पेंशन योजना के बजाय पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) का लाभ देने की घोषणा की.


छत्तीसगढ़


 राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) के नेतृत्व वाली कैबिनेट ने बजट की घोषणा के बाद कर्मचारियों को नई और पुरानी पेंशन योजना (OPS) को चुनने का विकल्प दिया. कैबिनेट ने फैसला किया कि कर्मचारी राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के लिए राज्य द्वारा किए गए योगदान और उस पर अर्जित लाभांश को जमा करने के बाद ओपीएस में वापस जा सकते हैं.

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झारखंड


 1 सितंबर 2022 को झारखंड कैबिनेट ने पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Implemented in Jharkhand) को बहाल करने की मंजूरी दी. राज्य में ओपीएस (OPS) को लागू करना हेमंत सोरेन (Hemant Soren) सरकार के चुनावी वादों में शामिल थी. 


पंजाब


पंजाब के मुख्यमंत्री (Bhagwant Mann) ने नवंबर 2022 में  राज्य में पुरानी पेंशन योजना लागू (Old Pension Scheme In Punjab) करने की बात कही. राज्य सरकार के इस फैसले के बाद अब 1.75 लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिलने वाला है.


हिमाचल प्रदेश


 यह पुरानी पेंशन योजना को लागू करने वाला सबसे नवीनतम राज्य है. हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) कैबिनेट की बैठक में अपने चुनावी घोषणापत्र में दिए गए वादे के तहत मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) ने ओपीएस को लागू करने ( OPS restored in Himachal) को मंजूरी दी.


आपको बता दें कि पुरानी पेंशन योजना यानी ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) के तहत सरकार साल 2004 से पहले कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद एक निश्चित पेंशन देती थी. यह पेंशन कर्मचारी के रिटायरमेंट के समय उनके वेतन पर आधारित होती थी.

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इस स्कीम में रिटायर हुए कर्मचारी की मौत के बाद उनके परिजनों को भी पेंशन का लाभ दिया जाता था. हालांकि, अलट बिहारी वाजपेयी की  सरकार ने 1 अप्रैल 2004 को पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) को बंद करने का फैसला किया था. जिसके बाद साल 2004 में पुरानी पेशन योजना के बदले राष्ट्रीय पेंशन योजना (National Pension System) शुरू की गई थी.