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Personal Loan लेने वाले जान लें इन 5 चार्जेस के बारे में, नही तो खड़ी हो सकती है मुसीबत

Bank Charges for Personal Loan : इमर्जेंसी में जब भी एक साथ काफी पैसों की जरूरत पढ़ जाती है तो लोन का ध्यान सबसे पहले आता है। लोन के द्वारा ही बड़ी रकम की जरूरत को पूरा कर सकते है। ऐसे में पर्सनल लोन लेते वक्त कुछ जरूरी बातो पर आपको ध्यान देना बेहद जरूरी है। हम बातकर रहे है पर्सनल लोन पर लगने वाले उन चार्जेस के बारें में जिसे अगर आपने नजरअंदाज किया तो आपको दिक्कत हो सकती है। 

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HR Breaking News (नई दिल्ली)। जब भी आपको किसी बीमारी, इमर्जेंसी की वजह से पैसों की जरूरत होती है तो आप पर्सनल लोन (Personal Loan) के जरिए पैसों की जरूरत को तुरंत पूरा कर सकते हैं. होम लाोन कार लोन की तुलना में पर्सनल लोन के अमाउंट को किसी भी तरह से के काम में उपयोग किया जा सकता है. पर्सनल लोन के लिए बहुत कम दस्तावेज की जरूरत होती है.


पर्सनल लोन (Personal Loan) को असुरक्षित माना जाता है इसलिए बैंक इस पर स्पेशल चार्जेस लगाते हैं, क्योंकि इस लोन को , जिसका अर्थ है कि लोनधारक लोन के लिए गारंटी के रूप में कोई संपत्ति रखने के लिए बाध्य नहीं होता है. हालांकि, पर्सनल लोन पर लगने वाले चार्जेस और इंटरेस्ट रेट ज्यादा होता है और यह हर बैंक में अलग-अलग हो सकता है. पर्सनल लोन लेते समय ग्राहक को कई तरह के चार्जेस (Bank Loan Charges) चुकाने होते हैं.


1. लोन प्रॉसेसिंग फीस


हर एक बैंक लोन प्रॉसेसिंग फीस (Loan Processing Fee) का न्यूनतम और अधिकतम प्रतिशत निर्धारित करता है जो लोनधारक को भुगतान करना होगा. लोन के अनुमोदन के लिए बैंक को कुछ ओवरहेड खर्च को कवर करना होता है और इसके लिए वह प्रॉसेसिंग फीस वसूल करता है. पर्सनल लोन में लोन प्रॉसेसिंग फीस कुल लोन राशि का 0.5% से 2.50 प्रतिशत तक होता है. कोटक महिंद्रा बैंक अंतिम लोन राशि के 3% तक और लागू करों को चार्ज करता है.


2. वेरीफिकेशन चार्जेस


बैंक विश्वसनीय स्त्रोत के आधार पर ही लोन देता है। बैंक को लोन स्वीकृत करने से पहले लोनधारक की लोन चुकाने की क्षमता में विश्वास होना चाहिए. आमतौर पर बैंक लोनधारक (loan holder) की साख को सत्यापित करने के लिए थर्ड पार्टी को नियुक्त करते हैं, जो ग्राहक की क्रेडिट रिपोर्ट और लोन रीपेमेंट हिस्ट्री (Loan Repayment History) की जांच करते हैं. इस प्रक्रिया के लिए बैंक लोनधारक से वेरीफिकेशन चार्ज वसूल करता है.


3. ईएमआई बाउंस होने पर जुर्माना


पर्सनल लोन लेने वालों को खासकर यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि समय पर ईएमआई (EMI) भुगतान करने के लिए पर्याप्त धन खाते में बचाकर रखा जाए. अगर ईएमआई बाउंस (EMI bounce) होती है या लेट होती तो बैंक जुर्माना वसूल करते हैं. इसलिए, जल्दी से लोन चुकाने का प्रयास करने के बजाय, ऐसी ईएमआई राशि चुनें जो आप आसानी से दे सकें. कोटक महिंद्रा बैंक ईएमआई बाउंस होने पर 500 रुपये से अधिक शुल्क लेता है. वहीं, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक (IDFC First Bank) प्रति ईएमआई बाउंस पर 400 रुपये तक का शुल्क लेता है.

4. जीएसटी टैक्स


अगर किसी बैंक ग्राहक को लोन स्वीकृति (loan approval) या पुनर्भुगतान अवधि के दौरान किसी अतिरिक्त सेवा की आवश्यकता होती है, तो उसे GST कर के रूप में मामूली शुल्क का भुगतान करना होगा. आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के अनुसार सभी सेवा शुल्कों पर जीएसटी लागू होगा.


5. फोरक्लोजर पेनल्टी


आपके द्वारा लोन पर चुकाया गया ब्याज (Interest paid on loan) बैंक की इनकम का स्त्रोत होता हैं. यदि आप तय अवधि से पहले अपने लोन का भुगतान करते हैं, तो आपके बैंक को नुकसान हो सकता है. इस नुकसान की भरपाई के लिए आपका बैंक प्रीपेमेंट पेनल्टी (bank prepayment penalty) लगा सकता है. एक बैंक अक्सर प्रीपेमेंट या फोरक्लोजर चार्ज के रूप में 2-4 फीसदी ग्राहकों से वसूल करता है.