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RBI को नोट छापने से 6 गुना महंगा पड़ता है सिक्का ढालना, जानिए कितना आता है टोटल खर्च

RBI - आप अपनी जेब में रखे सिक्कों और नोटों को बड़ा आसानी से खर्च (Indian Currency) कर देते हैं, पर क्या आपने कभी ये सोचा है कि इन्हें छापने में कितना खर्च आता है ? ऐसे में अगर आपका जवाब नहीं है ताे चलिए आइए जान लेते है नीचे इस खबर में-
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RBI को नोट छापने से 6 गुना महंगा पड़ता है सिक्का ढालना, जानिए कितना आता है टोटल खर्च

HR Breaking News, Digital Desk- आप अपनी जेब में रखे सिक्कों और नोटों को आसानी से खर्च कर देते हैं, पर क्या आपने कभी सोचा है कि इन्हें छापने में कितना खर्च आता है (Note Coin Printing Cost)? भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के अनुसार, नोटों की छपाई से ज़्यादा लागत सिक्कों की ढलाई में आती है. फिर भी, RBI लगातार सिक्के क्यों छापता है? 

आखिर इसके पीछे की वजह क्‍या है और इससे आम आदमी को क्‍या फायदा मिलता है. अगर इसमें कोई फंडा है तो बड़े नोट के सिक्‍के क्‍यों नहीं छापे जाते. आपके इन सभी सवालों का जवाब इस खबर में मिल जाएगा. (Indian currency update)

सबसे पहले बात करते सबसे छोटे सिक्‍के यानी 1 रुपये की. रिजर्व बैंक ने सूचना के अधिकार (RTI) में पूछे एक सवाल के जवाब में खुद बताया है कि 1 रुपये का सिक्‍का बनाने की लागत उसके मूल्‍य से कहीं ज्‍यादा है. 1 रुपये का सिक्‍का ढालने में करीब 1.1 रुपये का खर्च आता है, जबकि 2 रुपये का सिक्‍का ढालने में 1.28 रुपये खर्च करने पड़ते हैं. इसी तरह 5 रुपये का सिक्‍का 3.69 रुपये में ढाला जाता है तो 10 रुपये का सिक्‍का बनाने की लागत 5.54 रुपये है.

अब दोनों की तुलना करें तो…
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI latest news) के एक नोटिफिकेशन के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2021-22 में ₹10 के एक हज़ार नोट छापने की लागत ₹960 थी, यानी प्रति नोट 96 पैसे. इसके विपरीत, ₹10 का एक सिक्का बनाने में ₹5.54 का खर्च आया. इस प्रकार, नोट की तुलना में एक सिक्के की ढलाई लागत लगभग छह गुना अधिक थी. (Indian currency)

फिर भी क्‍यों सिक्‍के ढालता है RBI-
सिक्कों की छपाई का खर्च अधिक होने के बावजूद, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI latest update) हर साल करोड़ों सिक्के इसलिए बनाता है क्योंकि सिक्के नोटों की तुलना में कई तरह से अधिक फायदेमंद साबित होते हैं. नोटों को छापने में 15 से 17 तरह के सुरक्षा फीचर्स का इस्तेमाल होता है, जिससे उनकी लागत बढ़ जाती है. इसके विपरीत, सिक्के सालों-साल चलते हैं, जबकि कागज के नोट की उम्र सीमित होती है। लंबे समय में, नोटों की बार-बार छपाई सिक्कों की तुलना में अधिक महंगी पड़ती है.

लेकिन बड़े नोट के सिक्‍के नहीं ढालता-
अगर समय के साथ सिक्‍के ढालना नोट छापने से सस्‍ता दिखने लगता है तो रिजर्व बैंक बड़े नोटों के सिक्‍के क्‍यों छापता. इसका जवाब भी रिजर्व बैंक (Reserve Bank) की ओर से जारी एक रिपोर्ट में ही मिल जाता है. दरअसल, नोट जितनी बड़ी होती जाती है, उसे छापने का खर्च उतना ही घटता जाता है.

भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India) के अनुसार, ₹20 का नोट छापने की लागत 95 पैसे है, जबकि ₹50 के नोट की लागत ₹1.13 है. इसी तरह, ₹100 का नोट ₹1.77, ₹200 का नोट ₹2.37 और ₹500 का नोट ₹2.29 में छपता है. इन नोटों के सिक्के बनाने पर लागत बहुत अधिक आएगी और ग्राहकों के लिए उनका उपयोग और रखरखाव भी मुश्किल होगा.

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