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Property Documents : प्रोपर्टी खरीदने के लिए ये 8 डॉक्यूमेंट हैं सबसे जरूरी, वरना नहीं मिलेगा मालिकाना हक

Property Purchasing : कोई भी प्रोपर्टी जब आप खरीदें तो इससे जुड़े अहम दस्तावेज जरूर चेक कर लें। खासकर 8 डॉक्यूमेंट तो ऐसे हैं, जिनमें से एक की भी अनदेखी कर दी तो प्रोपर्टी (property knowledge) के साथ ही पूंजी भी डूब सकती है। इन डॉक्यूमेंट्स के बिना खरीददार को प्रोपर्टी का मालिकाना हक भी नहीं मिलेगा। आइये जानते हैं कौन से हैं ये खास डॉक्यूमेंट्स।

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Property Documents : प्रोपर्टी खरीदने के लिए ये 8 डॉक्यूमेंट हैं सबसे जरूरी, वरना नहीं मिलेगा मालिकाना हक

HR Breaking News - (Property Papers)। प्रोपर्टी खरीदने के लिए मोटी रकम चुकानी पड़ती है, इसलिए इसे लेते समय हर कदम फूंक फूंककर रखने की जरूरत होती है। खासकर प्रोपर्टी से जुड़े जरूरी डॉक्यूमेंट्स (property documents) की आप पहले ही जांच कर लेंगे तो धोखाधड़ी का शिकार होने से बच जाएंगे। आप भी कहीं प्रोपर्टी (property buying tips) ले रहे हैं तो इन 8 प्रोपर्टी डॉक्यूमेंट्स को जरूर देख लें। कहीं ऐसा न हो कि आपको मालिकाना हक (property rights) ही न मिले और बाद में पछताना पड़ जाए। 


1. बैनामा सबसे अहम कागजात -


प्रोपर्टी लेने से पहले बैनामा (sale deed) बहुत जरूरी होता है। असली बैनामा ही संपत्ति पर किसी का मालिकाना हक साबित करता है। संबंधित इलाके के सब-रजिस्ट्रार के ऑफिस में प्रॉपर्टी रजिस्टर (property registry) कराने के दौरान इसे जरूर हासिल कर लें।

2. ऑक्यूपॅन्सि सर्टिफिकेट -


ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट (Occupancy Certificate) से ही यह साबित होता है कि प्रोपर्टी विक्रेता का उस प्रोपर्टी पर कब्जा है या नहीं। ऑक्यूपॅन्सि सर्टिफिकेट बिल्डर से जरूर ले लेना चाहिए। इसे देने से मना करने पर बिल्डर पर कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है। इस कागजात के बिना प्रोपर्टी (property tips) खरीदने का फैसला न लेना ही आपके लिए सही रहेगा। 


3. पजेशन लेटर है जरूरी-


डिवेलपर की ओर से खरीददार को पजेशन लेटर (possession letter) जारी किया जाता है। अगर आपके पास केवल ओसी (Occupancy Certificate) है तो यह बिना पजेशन लेटर के अकेले प्रॉपर्टी पर कब्जा पाने के लिए (property possession rules) पर्याप्त नहीं है। प्रॉपर्टी पर कब्जे की तारीख सहित अन्य डिटेल होती है। होम लोन के लिए इस दस्तावेज की असली कॉपी की मांग ग्राहक से बैंक मांगता है।


4. प्रोपर्टी मोर्गेज पेपर्स-


किसी प्रोपर्टी पर लोन आदि बकाया तो नहीं है, यह प्रोपर्टी खरीदने से पहले ही जांच लें। प्रोपर्टी को कहीं गिरवी रखा होगा तो बकाया होने के कारण कानूनी अड़चन आ सकती है। इसलिए लोन (loan on property) क्लियर होने की स्थिति में ही प्रोपर्टी खरीदनी चाहिए। इसलिए जरूरी है कि प्रोपर्टी मोर्गेज पेपर (property mortgage papers) चेक कर लें। गिरवी रखी गई प्रॉपर्टी लोन सिक्योर करने में कोलैटरल के रूप में काम करती है।


5. म्यूटेशन का होना जरूरी-


म्यूटेशन यानी दाखिल खारिज (mutation of property) एक ऐसा दस्तावेज है जो ग्राम पंचायत की संपत्तियों में सबसे ज्यादा काम आता है। इसी से पता चलता है कि प्रोपर्टी या जमीन का पूर्व मालिक कौन रहा है। रजिस्ट्री के साथ ही जमीन का दाखिल खारिज व नामांतरण यानी म्यूटेशन करवा लेना चाहिए। इसके बाद आपको मालिकाना हक (property rights) मिलता है।

6. नो ओब्जेक्शन सर्टिफिकेट  -


आमतौर पर प्रोजेक्ट की प्रोपर्टी लेते समय बिल्डर से एनओसी (property NOC) लेना न भूलें। अन्य प्रोपर्टी विक्रेता से भी एनओसी ले सकते हैं। बिल्डर को अलग-अलग अथॉरिटीज से कई एनओसी (property NOC) लेनी पड़ती हैं। आप बिल्डर से इन एनओसी की कॉपी रिकॉर्ड में रखने के लिए मांग सकते हैं।

7. प्रोपर्टी का अलॉटमेंट लेटर-


अलॉटमेंट लेटर इसलिए भी ज्यादा जरूरी होता है क्योंकि बैंक होम लोन (home loan on property) देते समय इसकी मांग करते हैं। यह बेहद जरूरी दस्तावेजों में से एक है। इसे डिवेलपर या हाउसिंग अथॉरिटी से आप लेने की मांग कर सकते हैं। इस डॉक्यूमेंट (property documents) में प्रॉपर्टी की डिटेल व  ग्राहक की ओर से बिल्डर को दी जाने वाली रकम की जानकारी होती है। 

8. प्रोपर्टी टैक्स से जुड़ी रसीदें-


प्रॉपर्टी मालिकों को अपनी प्रोपर्टी पर टैक्स (property tax rules) भी चुकाना होता है। इसके चुकाए जाने पर संबंधित विभाग रसीद देता है। इनसे साबित होता है कि प्रोपर्टी से संबंधित टैक्स आदि का बकाया चुका दिया गया है। टैक्स नहीं चुकाने से संपत्ति पर अलग से शुल्क भी लगता है। यह प्रोपर्टी (property selling tips) खरीददार का महंगा पड़ सकता है। इसलिए म्युनिसिपल अथॉरिटी में जाकर चेक भी कर लें।