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Property knowledge: फ्लैट खरीदने वालों के लिए काम की बात, जानिये अपार्टमेंट की किस मंजिल पर घर खरीदना सबसे सही

ऊपर या नीचे, हर मंजिल पर रहने के अपने अलग फायदे और नुकसान होते हैं. अगर आप भी इस चिंता में हैं कि अपार्टमेंट में कौन सी मंजिल पर घर खरीदना सही रहेगा तो हम आपकी मुश्किल आसान कर देते हैं.आइए जानते है इसके बारे में विस्तार से.

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HR Breaking News (नई दिल्ली)।  भारत के ज्यादातर शहरों में बड़ी इमारतें बन रही हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों के लिए जगह बनाई जा सके. इसलिए भारत में रियल एस्टेट डिवेलपर्स अपार्टमेंट पर ज्यादा जोर दे रहे हैं. इसका मकसद हर आय वर्ग के घर खरीदारों तक बड़ी पहुंच बनाना है. अगर आप भी हाई राइज रिहायशी इमारत में घर खरीदने का बना रहे हैं तो हम आपकी मुश्किल आसान कर देते हैं. किसी भी अपार्टमेंट में फ्लैट खरीदने से पहले हर चीज को देखें और फिर इस नतीजे पर पहुंचे कि आपकी लाइफ स्टाइल के लिए कौन का फ्लोर बेस्ट है.

 

 

डेवलपर्स आमतौर पर पहले किसी बिल्डिंग/इमारत की ऊपरी फ्लोरों को बेचने की प्रैक्टिस का अनुसरण करते हैं और फिर बेचने के लिए निचले फ्लोरों की इंवेंट्री खोलते हैं. आज हम आपको कुछ ऐसे फैक्टर बताने जा रहा है, जो आपको सही फ्लोर पर घर खरीदने में आ रही मुश्किलों को सुलझाने में मदद करेगा.

अगर अपार्टमेंट के बाहर की लोकेशन बहुत ही शानदार है तो आपको ऊपर का फ्लोर लेना सही रहेगा. वहीं ग्राउंड फ्लोर पर रहने वाले अक्सर चूहों के आने व लगातार बाहरी शोर से परेशान हो सकते हैं क्योंकि वे पार्किंग लोट के पास में होते हैं. इसके अलावा धूप की कमी एक और बड़ी कमी हो सकती है.


 रेंटल रिटर्न्स के हिसाब से लेकिन नीचे के फ्लोर की डिमांड ज्यादा होती है. अगर आपका फ्लोर नीचे है तो आपको बेहतर रेंटल रिटर्न्स मिल सकते हैं. इसका मतलब है आप अपना घर किराए पर देकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं, क्योंकि अकसर भारतीय लोग जमीन के पास रहना पसंद करते हैं.

 फ्लैट खरीदते समय उस जगह का वेदर कैसा होता है इस बात का भी पूरा ध्यान रखना चाहिए. अगर उस शहर में वायु प्रदुषण ज्यादा है तो नीचे का फ्लोर ठीक रहता है. मुंबई और बेंगलुरु में लोग ऊपर की मंजिलों पर घर लेना पसंद करते हैं, जबकि दिल्ली/एनसीआर और चेन्नई में ग्राउंड फ्लोर पर. इन शहरों में जलवायु अलग होना भी पसंद अलग अलग होने की वजह है.


 भीड़भाड़ वाले इलाकों में नीचे फ्लोर पर रहने से आपको उतनी प्राइवेसी नहीं मिल पाएगी. अगर आप अकेले और बार बार डिस्टर्ब नहीं होना चाहते तो हाई फ्लोर पर घर लेना आपके लिए सही है.

आप जितने ऊंचे फ्लोर पर घर लेते हैं, ऊर्जा की खपत उतनी ही ज्यादा होती है. ऐसा इसलिए है, क्योंकि गर्मियों के दिनों में आपको एयर कंडीशनर काफी वक्त तक चलाना पड़ता है. इसके अलावा पानी पहुंचाने के लिए मोटर पंप में भी ज्यादा ऊर्जा लगती है.

 अगर बच्चों के अलावा आपके पैरंट्स भी साथ रहते हैं तो ग्राउंड फ्लोर पर घर लेना ही आपके लिए बेस्ट होगा. सेफ्टी के अलावा यह सुविधाजनक भी है. साथ ही अगर परिवार में कोई चलने फिरने में असमर्थ हो या उसे ऊंचाई से डर लगता हो तब भी ग्राउंड फ्लोर पर घर लेने में समझदारी है.