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property knowledge : घर खरीदना सही या किराए पर रहने में ज्यादा फायदा, मान ली ये बात तो एक साथ ले सकेंगे 2 घर

house loan calculator :अपना घर खरीदना हर किसी का सपना होता है। लेकिन आज शहरों में जिस कदर प्रॉपर्टी के रेट (property rate) बढ़ रहे हैं हर किसी के लिए घर खरीदना आसान नहीं है। ऐसे में ज्यादातर नौकरीपेशा लोग शहरों में मकान किराए पर लेकर रहते हैं। लेकिन अब सवाल ये उठता है कि घर खरीदना सही है या किराए के मकान में रहने पर ज्यादा फायदा है। चलिए नीचे खबर में विस्तार से समझते हैं -  

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property knowledge : घर खरीदना सही या किराए पर रहने में ज्यादा फायदा, मान ली ये बात तो एक साथ ले सकेंगे 2 घर

HR Breaking News (ब्यूरो) - जानकारों का कहना है कि हर व्यक्ति का सपना होता है कि उसका खुद का एक घर हो। इस सपने को पूरा करने के लिए भले ही उसे होम लोन लेना पड़े या फिर कोई अन्य लोन। हां, इस बात में कोई दौराय नहीं है कि अब घर खरीदना थोड़ा आसान हुआ है। क्योंकि होम लोन (Home Loan) आसानी से मिल जाता है, जोकि घर की कीमत की एक बड़ा हिस्सा होता है। या यूं मान लो कि आपको घर की कीमत की दोगुनी रकम बैंक को चुकानी होती है। 

 

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अब सवाल ये उठता है कि अपना घर खरीदना (property knowledge) सही है या फिर किराए के मकान में रहना ज्यादा फायदेमंद है। वहीं, जो लोग किराए के मकान में रहते हैं उनका मानना है कि जितना वह घर का रेंट दे रहे हैं उनमें कुछ पैसे और मिलाकर वह होम लोन की ईएमआई (EMI) आसानी से दे सकते हैं। ऐसे बहुत से लोग हैं जो किराए के मकान की बजाय अपना घर खरीदना ज्यादा सही मानते हैं। लेकिन इस खबर के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि ज्यादा फायदा किसमें है। चलिए.... 


जैसे ही Job लगती है लोग फटाफट होम लोन का जुगाड़ कर लेते हैं और घर खरीदने का बड़ा फैसला ले लेते हैं। डाउन पेमेंट (Down Payment) का जुगाड़ इधर-उधर से हो जाता है। लेकिन सवाल यह है कि क्या जॉब लगते है खुद का मकान खरीदने का फैसला सही होता है? और क्या करियर की शुरुआत में होम लोन (Home Loan) लेने का कदम सही होता है?


दरअसल, आज हम आपको डिटेल में बताएंगे कि लोन लेकर घर या फ्लैट खरीदना क्यों फायदे का सौदा नहीं है, वो भी नौकरी लगते ही। यदि आप ऐसा कदम उठाते हैं तो आर्थिक आधार पर बंध जाएंगे। इससे अच्छा यह होगा कि आप किराए के मकान में ही रहें। घर खरीदने का फैसला लेने से पहले आप अपनी समझ से कैलकुलेशन (house loan calculator) कर कर सकते हैं कि आपको किसमें ज्यादा फायदा है। आमतौर पर जब लोग लोन लेकर घर खरीदते हैं तो वो EMI में बंधकर रह जाते हैं। क्योंकि देश में ज्यादातर लोग Home Loan कम से कम 20 साल या इससे ज्यादा के लिए ही  लेते हैं। चलिए एक उदाहरण से समझते हैं कि घर खरीदना या किराये पर रहना कौन सा बेहतर सौदा है -

 

बड़े शहर में घर खरीदने पर कितना होगा खर्चा - 

दरअसल, देश में ज्यादातर मिडिल क्लास परिवार 2BHK फ्लैट ही खरीदते हैं, खासकर मेट्रो शहरों या इसके आसपास के इलाकों में यही ट्रेंड है। 2BHK फ्लैट की कीमत (2BHK Flat Price) शहरों के हिसाब से तय होती है। यदि दिल्ली-NCR की बात करें तो यहां 2बीएचके फ्लैट लगभग 50 लाख रुपये में मिल जाते हैं। इसके लिए करीब 15 फीसदी तक अमाउंट डाउन पेमेंट (Down Payment) करना होता है। यानी लगभग 7 से 8 लाख रुपये डाउन पेमेंट करना होता है। इसके साथ ही स्टांप डयूटी (Stamp Duty), रजिस्ट्रेशन चार्ज (Registration Charges) और ब्रोकरेज अलग से लगता है।


यहां समझें पूरा कैलकुलेशन - 

 

मान लीजिए कोई लगभग 50 लाख रुपये का फ्लैट खरीदता है तो इसके लिए  अगर 7 लाख रुपये डाउन पेमेंट (Home Down Payment Rule) करता है। और बाकी 43 लाख रुपये होम लोन लेता है। सिबिल स्कोर अच्छा होने पर वर्तमान में 9 प्रतिशत इंटरेस्ट पर होम लोन (home loan News) मिल जाता है। 9  प्रतिशत इंटरेस्ट के हिसाब से 20 साल के लिए 43 लाख रुपये के होम लोन पर 38,688 रुपये की EMI बनती है। इसके अलावा डाउन पेमेंट और बाकी चीजों पर आपको करीब 12 लाख रुपये खर्चा करना पड़ेगा।
 


किराए के मकान में रहते हुए कर सकते हैं इतना निवेश 

 

अब दूसरा तरीका यह है  घर खरीदने की बजाय Rent पर रहने का फैसला करते हैं, और जो फ्लैट खरीद रहे थे उसे ही किराये (Flat On Rent) पर लेते हैं, जिसका मंथली रेंट करीब 15 से 17 हजार रुपये  के करीब हो सकता है। इस तरह हिसाब लगाएं  तो हर मंथ आपके पास Saving के लिए लगभग 21 हजार रुपये से ज्यादा बच जाएंगे। अब यदि इस पैसे को सही रणनीति के साथ निवेश करें तो करोड़ों का फंड जोड़ सकते हैं। आज के समय में तगड़े रिनर्ट के लिए कई विकल्प मौजूद हैं।

SIP से बंपर रिटर्न

यूं तो आज निवेश (investment) के एक से बेहतरीन एक विकल्प मौजूद हैं। लेकिन कम मेहनत पर ज्यादा रिटर्न देने के मामले में एसआईपी (SIP) को सबसे अच्डा विकल्प माना जाता है। SIP में 10 से 15  फीसदी का रिटर्न आसानी से मिल जाता है। यदि आप हर महीने 21 हजार रुपये लगाते हैं, और उसपर 15 प्रतिशत रिटर्न मिलता है तो इस हिसाब से आपको 20 साल के बाद  लगभग 3.18 करोड़ रुपये मिलेंगे। जबकि आप 20 साल में करीब - करीब 50 लाख रुपये इंवेस्ट करेंगे। 

इसके अलावा मंथली EMI के अलावा आपके पास निवेश करने के लिए 12 लाख रुपये की एकमुश्त रकम भी है, जो आप डाउन पेमेंट से लेकर कागजी कामों पर पॉकेट से खर्च करने वाले थे। अगर इस 12 लाख रुपये को एकमुश्त कहीं निवेश करते हैं तो ये भी 20 साल के बाद एक बड़ा अमाउंट बन जाएगा। यह निवेश 20 साल में 12 फीसदी सालाना के हिसाब से करीब 1.15 करोड़ रुपये और 15 फीसदी के हिसाब से 1.96 करोड़ रुपये आराम से हो जाएगा।

वही, अगर आप फ्लैट खरीदते हैं तो आपको लोन चुकाने में कम से कम  20 साल का समय लग जाएगा। भारत में रियल एस्टेट (Real Estate) का रेट सालाना करीब 8 फीसदी की दर से तेजी से बढ़ रहा है। इस हिसाब से देखें  तो आपको जो घर अभी 50 लाख रुपये में मिल रहा है, वह आपको 20 साल के बाद 2.33 करोड़ रुपये में मिल जाएगा। यानी होम लोन (home loan interest rate) लेकर जो फ्लैट आज 50 लाख रुपये में खरीदेंगे, उसकी कीमत 20 साल के बाद करीब 2.33 करोड़ रुपये हो सकती है। लेकिन साथ ही पुराने घर की वैल्यू घटती भी है।


इतने समय में जुटा लेंगे 5 करोड़ का फंड -

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वहीं, अगर आप किराये के मकान में रहते हुए EMI के पैसे को सही जगह इंवेस्ट कर करोड़पति बन सकते हैं। क्योंकि पहले वाली स्थिति में यानी किराये पर रहकर 20 साल में आप 5 करोड़ रुपये से अधिक का फंड जमा कर लेंगे।  यह 15 फीसदी रिटर्न के हिसाब से है। अगर 12 फीसदी भी रिटर्न मिला, तो 20 साल बाद आपके पास 3.25 करोड़ रुपये हो जाएंगे। इस तरह  नया मकान खरीदने की बजाय किराये पर रहकर निवेश करना ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है, और 20 साल के बाद investment की राशि से ही मौजूदा कीमत पर 2 घर आसानी से खरीद सकते हैं।