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RBI ने खरीद डाला 58 टन सोना, जानिए बार-बार सोना क्यों खरीद रहा है रिजर्व बैंक

RBI - वित्त वर्ष 2024-25 में भी सोने की खरीद ने रफ्तार पकड़ी है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अब तक सबसे ज्यादा सोने की खरीद वित्त वर्ष 2021-22 में की थी, जब कुल 66 टन सोना भंडार में जोड़ा गया... ऐसे में आइए नीचे खबर में जान लेते है कि आखिर आरबीआई बार-बार सोना क्यों खरीद रहा है-

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RBI ने खरीद डाला 58 टन सोना, जानिए बार-बार सोना क्यों खरीद रहा है रिजर्व बैंक

HR Breaking News, Digital Desk- भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank Of India) ने वित्त वर्ष 2024-25 में 57.5 टन सोना खरीदा है, जिससे देश का कुल स्वर्ण भंडार 879.6 टन हो गया है. यह खरीद पिछले सात वर्षों में दूसरी सबसे बड़ी वार्षिक खरीद मानी गई है. सोना (gold) एक सुरक्षित निवेश माना जाता है, जिसे मुसीबत के समय में महत्व दिया जाता है. RBI का उद्देश्य अपने विदेशी मुद्रा भंडार को विविध बनाकर जोखिमों से सुरक्षित रखना है.

बार-बार सोना क्यों खरीद रहा है RBI ?

आरबीआई की यह खरीदारी वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और डॉलर की स्थिति के मद्देनजर की गई है. वैश्विक स्तर पर कई केंद्रीय बैंक अमेरिकी डॉलर की अस्थिरता और पश्चिमी अर्थव्यवस्थाओं के दबाव के चलते अपने भंडार में सोने का हिस्सा बढ़ा रहे हैं. भारत भी इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए अपने भंडार को और मजबूत और संतुलित बनाने के लिए समुचित कदम उठा रहा है, जिससे आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित हो सके.

कब-कब ख़रीदा सोना?

एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अब तक सबसे ज्यादा सोने की खरीद वित्त वर्ष 2021-22 में की थी, जब कुल 66 टन सोना भंडार में जोड़ा गया. इसके बाद 2022-23 में 35 टन और 2023-24 में 27 टन सोना खरीदा गया.

वित्त वर्ष 2024-25 में भी सोने की खरीद ने रफ्तार पकड़ी है. इस ट्रेंड के पीछे वैश्विक स्तर पर बढ़ती अनिश्चितता और डॉलर की अस्थिरता प्रमुख वजह मानी जा रही है. नवंबर 2024 में डोनाल्ड ट्रंप के दोबारा अमेरिकी राष्ट्रपति चुने जाने के बाद डॉलर में लगातार उतार-चढ़ाव देखा गया, जिससे निवेशकों का रुझान एक बार फिर सुरक्षित विकल्प माने जाने वाले सोने की ओर बढ़ा है.RBI की यह रणनीति भारत के विदेशी मुद्रा भंडार को विविधता देने और वैश्विक जोखिमों से बचाव के लिए अहम मानी जा रही है.

कहां रखा है भारत का सोना?

बता दें कि देश का अधिकांश स्वर्ण भंडार इंग्लैंड (england) और अन्य विदेशी बैंकों में रखा गया है. वर्ष 2024 की पहली तिमाही में भारत उन शीर्ष देशों में शामिल रहा है जिन्होंने सबसे अधिक मात्रा में सोना खरीदा. यह कदम वैश्विक बाजार में सोने की कीमतों में आई तेजी (Gold prices rise in the global market) के बावजूद उठाया गया है.

भारत का अधिकांश स्वर्ण भंडार इंग्लैंड और अन्य विदेशी बैंकों (foreign banks) में स्थित है. वर्ष 2024 की पहली तिमाही में, भारत ने सोना खरीदने में प्रमुखता हासिल की और शीर्ष देशों में जगह बनाई. यह कदम वैश्विक बाजार में सोने की कीमतों में आई तेजी के बावजूद उठाया गया है.

मुसीबत में कैसे आएगी काम?

विशेषज्ञों का मानना है कि RBI की नीति से आर्थिक स्थिरता में वृद्धि होगी, जिससे अंतरराष्ट्रीय लेन-देन और विदेशी कर्ज के जोखिम में कमी आएगी. यह नीति भारतीय रुपये को वैश्विक स्तर पर मजबूत बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक प्रयास मानी जा रही है।. इससे न केवल भारत की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि देश की अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रतिष्ठा भी बढ़ेगी, जो दीर्घकालिक विकास में सहायक साबित होगी.

कुल मिलाकर, RBI की ओर से इतनी बड़ी मात्रा में सोने की खरीद को भारत की दीर्घकालिक आर्थिक रणनीति का हिस्सा माना जा सकता है, जिसका उद्देश्य है वैश्विक वित्तीय अस्थिरता से देश की अर्थव्यवस्था को सुरक्षित रखना और विदेशी मुद्रा भंडार को संतुलित बनाए रखना.