RBI ने एक और बैंक का लाइसेंस किया रद्द, जानिये ग्राहकों को कितना पैसा मिलेगा वापस
Urban Co-operative Bank : आरबीआई ने अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड का लाइसेंस रद्द कर दिया है। अब अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक को अपना कामकाज बंद करना होगा। इस तरह यह न तो जमा स्वीकार कर सकता है और ना ही जमा राशि का भुगतान कर सकता है।आइए जानते है इसके बारे में विस्तार से.
HR Breaking News (नई दिल्ली)। रिजर्व बैंक यानी आरबीआई (RBI) ने उत्तर प्रदेश के एक बैंक पर बड़ी कार्रवाई की है। आरबीआई ने अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (Urban Co-operative Bank) का लाइसेंस रद्द कर दिया है। यह उत्तर प्रदेश में सीतापुर बेस्ड बैंक है। आरबीआई के इस एक्शन के साथ ही अब अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक को अपना कामकाज बंद करना होगा। बैंक 7 दिसंबर 2023 को कारोबार बंद होने के साथ ही अपना बैंकिंग बिजनस बंद कर देगा।
को-ऑपरेटिव, उत्तर प्रदेश के कमिश्नर और रजिस्ट्रार से अनुरोध किया गया है कि वे बैंक को बंद करने और एक लिक्विडेटर नियुक्त करने के लिए आदेश जारी करें। आइए जानते हैं कि आरबीआई ने अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस क्यों रद्द किया।
ये हैं लाइसेंस रद्द करने के कारण :
- बैंक के पास पर्याप्त पूंजी नहीं है और ना ही कमाई की संभावना है। इस प्रकार, यह बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 11(1) और धारा 22 (3) (d) के साथ पठित धारा 56 के प्रावधानों का अनुपालन नहीं करता है।
- यह बैंक बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 22(3) (a), 22 (3) (b), 22(3)(c), 22(3) (d) और 22(3)(e) के साथ पठित धारा 56 की आवश्यकताओं का अनुपालन करने में विफल रहा है।
- बैंक का जारी रहना उसके जमाकर्ताओं के हितों के लिए अच्छा नहीं है।
- बैंक अपनी वर्तमान वित्तीय स्थिति के साथ अपने वर्तमान जमाकर्ताओं को पूरा भुगतान करने में असमर्थ होगा।
- यदि बैंक को अपना बैंकिंग व्यवसाय आगे बढ़ाने की अनुमति दी जाती है, तो जनहित पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
लोगों को मिल जाएगा 5 लाख तक का बीमा क्लेम
लाइसेंस रद्द होने के साथ ही अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सीतापुर, उत्तर प्रदेश को बैंकिंग व्यवसाय करने से प्रतिबंधित किया गया है। इस तरह यह न तो जमा स्वीकार कर सकता है और ना ही जमा राशि का भुगतान कर सकता है। लिक्विडेशन पर प्रत्येक जमाकर्ता को जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम (DICGC) से डीआईसीजी अधिनियम, 1961 के प्रावधानों के अधीन ₹5,00,000/- (पांच लाख रुपये केवल) तक की बीमा क्लेम राशि प्राप्त करने का हकदार होगा। बैंक द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, 98.32% जमाकर्ता डीआईसीजीसी से अपनी जमा राशि का पूरा भुगतान प्राप्त करने के हकदार हैं।