RBI Circulars : अब आसानी से मिल जाएगा लोन, RBI ने बदले नियम
RBI Circulars : किसानों और छोटे कारोबारियों के लिए अच्छी खबर है। दरअसल आपको बता दे कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक नया नियम जारी किया है, जिसके तहत अब किसानों और छोटे कारोबारियों को आसानी से लोन मिल जाएगा.... आइए नीचे खबर में जान लेते है इस अपडेट से जुड़ी पूरी डिटेल-

HR Breaking News, Digital Desk- (RBI Circulars) किसानों और छोटे कारोबारियों के लिए अच्छी खबर है। अब वे सोना या चांदी गिरवी रखकर आसानी से कृषि और MSME लोन ले सकते हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक नया नियम जारी किया है, जिसके तहत बैंक अपनी मर्जी से सोना या चांदी गिरवी रखने वाले ग्राहकों को लोन देने से मना नहीं कर सकते। इससे पहले बिना कुछ गिरवी रखे लोन की एक सीमा थी। इस कदम से ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों और छोटे व्यवसायों को विशेष रूप से लाभ होगा। (RBI New Update)
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के 11 जुलाई के सर्कुलर के अनुसार, अब बैंक 2 लाख रुपये तक के लोन के लिए सोना और चांदी गिरवी रख सकते हैं, बशर्ते उधारकर्ता (किसान या कारोबारी) स्वेच्छा से ऐसा करे। एक बैंक अधिकारी ने बताया कि यह नया नियम सुनिश्चित करेगा कि सोना या चांदी गिरवी रखने वाले को बिना कुछ गिरवी रखे लोन लेने के फायदे से वंचित न किया जाए। इस बदलाव से ग्रामीण क्षेत्रों (rural areas) में लोगों के लिए लोन प्राप्त करना आसान हो जाएगा, जहां सोना सबसे सुलभ संपत्ति है।
क्या होगा फायदा-
अब अगर लोग सोना गिरवी रखकर लोन ले पाएंगे, तो बैंकों को लोन देने में आसानी होगी। इससे किसानों को बुवाई के समय या किसी इमरजेंसी (emergency) में जल्दी लोन मिल जाएगा। सोना गिरवी रखकर लोन देना आसान होता है। इससे लोग सूदखोरों के चक्कर में नहीं पड़ेंगे और लोन चुकाने में भी आसानी होगी।
2023 में भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank Of India) ने बैंकों से कहा था कि वे गहनों के बदले दिए जाने वाले सभी लोन को 'गोल्ड लोन' मानें। लेकिन इसका मतलब यह भी था कि बैंकों को गोल्ड लोन के नियमों (gold loan rules) का पालन करना होगा। किसानों के लोन में थोड़ी छूट मिलती है, क्योंकि उनकी कमाई मौसम पर निर्भर करती है। लेकिन गोल्ड लोन में ऐसा नहीं होता। इस वजह से पिछले साल सरकारी बैंकों का गोल्ड लोन का कारोबार लगभग दोगुना हो गया।
बैंकों को भी इस नए नियम से फायदा होगा। सोना गिरवी रखकर लोन देने से बैंकों को कम जोखिम होता है। इससे वे गांवों में ज्यादा लोगों को लोन दे पाएंगे। इससे बैंकों को सरकार के तय किए गए लक्ष्य को पूरा करने में भी मदद मिलेगी।