लोन नहीं भरने वालों को RBI ने दी बड़ी राहत, अब बैंक वाले नहीं करेंगे परेशान
HR Breaking News, Digital Desk- केंद्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रिटेल लोन से जुड़े जोखिमों के बारे में बताया है। क्रेडिट इंफॉर्मेशन ब्यूरो (इंडिया) लिमिटेड की सिबिल रिपोर्ट के अनुसार दिसंबर 2023 को पर्सनल लोन और क्रेडिट बिल न चुकाने के मामले में बढ़ोतरी देखने को मिली है। इसमें सबसे ज्यादा गौर करने की बात यह है कि ये मामले पहले के आंकड़ों की तुलना में कहीं ज्यादा है।
अगर आपने भी अभी तक कोई लोन या फिर क्रेडिट कार्ड का बिल नहीं चुकाया है तो ऐसे में आपको डिफॉल्टर कहा जाता है। अब सवाल ये है कि आप ऐसे स्थिति में क्या करेंगे? आइए, इस नीचे जानते हैं इस सवाल का जवाब।
एजेंट परेशान कर रहे हैं?
जब लोग कर्जा (Loan) नहीं चुका पाते हैं तो उन्हें बैंक के रिकवरी एजेंट काफी परेशान कर देते हैं। सबसे पहले तो जानते हैं कि RBI ने रिकवरी के लिए क्या निर्देश जारी किए हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ने लोन रिकवरी एजेंट्स के लिए नियमों को सख्त किया है। RBI ने बकाया कर्ज की वसूली करने वाले एजेंटों के लिए नए निर्देश जारी करते हुए कहा कि वे सुबह 8 बजे के पहले और शाम 7 बजे के बाद किसी भी कर्जदार को कॉल नहीं कर सकते हैं।
केंद्रीय बैंक ने एक नोटिफिकेशन जारी करते हुए कहा कि बैंक, नॉन बैंक फाइनेंशियल कंपनीज यानी NBFC और एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनीज यानी ARC यह सुनिश्चित करें कि कर्ज वसूली संबंधी उसके निर्देशों का ठीक से पालन किया जाए। रिजर्व बैंक (RBI) ने कहा कि कर्जदारों को किसी भी तरह से प्रताड़ित न किया जाए और उन्हें उकसाया न जाए, कर्जदारों को किसी भी तरह का अनुचित मैसेज न भेजा जाए। साथ ही कोई धमकी न दी जाए, किसी अनजान नंबर से फोन न किया जाए। यही नहीं वसूली एजेंट सुबह 8 बजे से पहले और शाम 7 बजे के बाद किसी भी कर्जदार को किसी भी तरह का कॉल भी नहीं कर सकते हैं। ऐसा नहीं है कि पहली बार RBI ने इस मुद्दे पर निर्देश जारी किए हैं।
आप ये काम कर सकते हैं-
आपको बतादें कि जब भी आप कोई लोन के डिफाल्टर (Loan Defaulter) हो जाते हैं तो इसका सीधा असर आपके क्रेडिट स्कोर (CIBIL Score) पर पड़ता है। ऐसे में कोई भी बैंक दोबारा लोन नहीं देता है अगर मिलता भी है तो उसके लिए ज्यादा ब्याज चुकाना पड़ता है। अगर ऐसी स्थिति बन जाती है तो आपके पास कुछ कानूनी अधिकार भी हैं। आप इनकी मदद से इस हालात से खुद को निकाल सकते हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की गाइडलाइन के अनुसार लोन डिफॉल्टर्स को राहत जरूर मिलती है। वह लोन के छोटे पेमेंट कर सकते हैं। इससे वो अपने फाइनेंशियल लेवल को एक नए सिरे से शुरू कर सकते हैं। जिसके बाद वो आराम से अपना कर्ज (Bank Loan) मैनेज कर सकते हैं।
इसे ऐसे समझिए कि अगर आपके पास 10 लाख रुपये का लोन है और आप उसे नहीं चुका पा रहे हैं तो इसको दोबारा रीस्टार्ट करवा सकते हैं। इसके लिए पहले आपको एकमुश्त 5 लाख रुपये भरने होंगे, फिर आप छोटे-छोटे इंस्टॉलमेंट में अपना बाकी का लोन भर सकते हैं। लोन डिफाल्टर होने के बाद आपका क्रेडिट स्कोर (CIBIL Score) काफी खराब हो जाता है।
आपको बता दें कि अगर आपका सिबिल स्कोर 750 है तो इसे अच्छा स्कोर माना जाएगा। वहीं अगर ये 600 से कम है तो ये खराब की श्रेणी में आता है। सभी बैंक केवल सिबिल स्कोर के आधार पर ही लोन देते हैं। अगर आपका सिबिल स्कोर अच्छा है तो आपको लोन भी आसानी से मिल जाएगा साथ ही बैंक आपको कम ब्याज का ऑफर देगा।
लोन डिफॉल्ट होने पर करें ये काम
अपनी स्थिति का सही आकलन करें।
आपको सबसे पहले उस बैंक परामर्श करना चाहिए,जिससे आपने लोन लिया है।
अपनी वित्तीय स्थिति की गणना करें।
अपना सिबिल स्कोर को खराब होने से बचाने के लिए अपने लोन को सबसे पहले चुकाएं।
क्या है कानूनी अधिकार
भारत में देनदारों के लिए कानूनी अधिकार है। हाल ही में, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों और वित्तीय फर्मों से जानबूझकर कर्ज न चुकाने वालों को समझौता से बाहर करने का आह्वान किया है। जो लोग इसमें शामिल होते हैं वो 12 महीने के बाद क्रेडिट के लिए फिर से आवेदन कर सकते है।