RBI को इन 3 बैंकों पर है सबसे ज्यादा भरोसा, इनमें कभी नहीं डूबेगा ग्राहकों का पैसा
safe banks list : आए दिन हमारे सामने बैंकों के डूबने की खबर सामने आती दिख जाती है। ऐसे में अक्सर लोगों के मन में ये चिंता रहती है कि वो जिस बैंक (India's Safest Banks) में पैसा निवेश कर रहे हैं वहां पर पैसा रखना सुरक्षित भी है या नहीं। आज हम आपको ऐसे तीन बैंकों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां पर पैसा रखना का सुरक्षित है। आइए जानते हैं उन बैंकों के बारे में जहां पर पैसा डूबने का बिल्कुल भी खतरा नहीं है।
HR Breaking News - (safe banks in india)। भारतीय रिजर्व बैंक ने डोमेस्टिक सिस्टमैटिकली इंपोर्टेंट बैंक्स (D-SIBs) की लिस्ट जारी कर दी है। यानी आरबीआई द्वारा इस बात की जानकारी दी गई है कि किन बैंकों (RBI Safe banks list) में पैसा निवेश करना सुरक्षित है और किन बैंकों में नहीं। खबर में जानिये ऐसे तीन बैंकों के बारे में जो आपको काफी कम ब्याज दर पर एफडी ऑफर कर रहे हैं।
इन बैंकों में पैसा निवेश कराना है सुरक्षित-
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) और आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) को एक बार फिर भारतीय रिजर्व बैंक ने डोमेस्टिक सिस्टमैटिकली इंपोर्टेंट बैंक्स (D-SIBs) करार दिया है। आरबीआई के मुताबिक, 13 नवंबर को डी-सिब्स बैंकों (reserve bank of india) की लिस्ट को जारी किया गया था। पिछले साल भी इन तीनों बैंकों को ही डोमेस्टिक सिस्टमैटिकली इंपोर्टेंट बैंक का दर्जा दे दिया गया था।
डी सिब्स की लिस्ट में शामिल है ये बैंक-
डी सिब्स (D-SIBS Banks) लिस्ट में शामिल बैंकों को घरेलू सिस्टम के लिए काफी अहम माना जाता है। इन बैंकों को देश के सबसे सुरक्षित बैंक माना जाता है। जानकारी के लिये बता दें कि सिस्टम के लिए इतने महत्वपूर्ण होते हैं कि जिनके डूबने पर पूरी अर्थव्यवस्था को भी झटका लग सकता है। इस तरह के बैंक (D-SIBS Banks list) काफी ज्यादा जरूरी हैं। अगर इन बैंकों को कुछ हुआ तो सरकार खुद इन्हें बचाने की कोशिश करेगी।
बैंक ने जारी की लिस्ट-
भारतीय रिजर्व बैंक ने डी-सिब्स बैंकों की सूची 31 मार्च 2024 तक मिले आंकड़ों के आधार पर तैयार क र दिया है। घरेलू सिस्टम के लिए इस बैंकों को अहम करार दिया गया है। बैंकों को एडीशनल कॉमन इक्विटी टियर-1 (CET1) मेंटेन करना होता है। इन्हें अपने बकेट के हिसाब से अधिक कॉमन इक्विटी टियर 1 (Common Equity Tier 1) को मेंटेन करके रखना होता है। यह वह पूंजी है जिसके जरिए जोखिमों का प्रबंधन आसानी से किया जा सकता है। D-SIBs की लिस्ट में शामिल बैंकों को इसे अधिक रखना पड़ता है।
2014 में लागू हुआ था कोंसेप्ट-
भारतीय रिजर्व बैंक ने पहली बार घरेलू सिस्टम के लिए जरूरी बैंकों की लिस्ट को जारी कर दिया था। यानी डी-सिब्स (Domestic Systemically Important Banks) की अवधारणा को 10 साल पहले वर्ष 2014 में अपनाया था। वहीं 2015 में भारतीय स्टेट बैंक और फिर अगले साल वर्ष यानी 2016 में आईसीआईसीआई बैंक को इस सूची में रखा गया। 2017 में एचडीएफसी बैंक की एंट्री इस लिस्ट में हुई।
जानिये कौन सा बैंक है कौन सी लिस्ट में शामिल-
आरबीआई ने इस बार भारतीय स्टेट बैंक (safe bank kon se hain) को बकेट-4 में रखा है जिसके तहत इसे 0.80 फीसदी अतिरिक्त सीईटी1 मेंटेन करना होगा। इसके अलावा एचडीएफसी बैंक भी बकेट 2 में बना हुआ है और इसे 0.40 फीसदी हाई सीईटी1 मेंटेन करना होता है। आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) को बकेट 1 में रखा गया है और इसे सीईटी1 बफर में एडीशनल 0.20 फीसदी बनाए रखना होगा। नए नियम 1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाले हैं।
