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RBI ने इस बैंक पर लगाया करोड़ों का जुर्माना, ग्राहकों की जेब पर होगा असर

बैंकों की फाइनेंशियल स्थिति को सुधारने के लिए आरबीआई सख्ती से काम कर रहा है। ऐसे में अगर कोई बैंक नियमों का पालन नहीं करता है या कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो कड़ी कर्रवाई की जा रही है। हाल ही में आरबीआई (RBI) ने एक बड़े बैंक पर कार्रवाई करते हुए करोड़ों रुपये का जुर्माना लगाया है चलिए जानते हैं क्या इसका असर ग्राहकों की जेब पर पड़ेगा या नहीं? 

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HR Breaking News (ब्यूरो)। RBI ने अपने नियमों को लेकर सख्त है और इसका पालन न करने वाले बैंक और फाइनेंस कंपनियों के खिलाफ तगड़ा एक्शन भी ले रही है। गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए आरबीआई ने ट्रांसपेरेंट और अनुपालन में सुधार के लिहाज से पीयर टू पीयर लोन मंच की गाइडलाइन और नियम सख्त किए हैं। इसी के साथ हाल ही में RBI ने नियमों का उल्लंघन करने पर बैंक ऑफ महाराष्ट्र (Bank of Maharashtra) पर 1.27 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है,

जिसमें अपने KYC भी शामिल है। केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 8 अगस्त, 2024 के एक आदेश द्वारा बैंक ऑफ महाराष्ट्र पर 'बैंक ऋण वितरण के लिए ऋण प्रणाली', 'बैंकों में साइबर सुरक्षा ढांचा' और 'नो योर कस्टमर' पर आरबीआई द्वारा जारी कुछ निर्देशों का पालन न करने पर 1.27 करोड़ रुपये का मौद्रिक जुर्माना लगाया है।

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नोटिस पर बैंक के जवाब, व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतीकरण और उसके द्वारा किए गए अतिरिक्त प्रस्तुतीकरण की जांच पर विचार करने के बाद, आरबीआई ने पाया कि बैंक के खिलाफ आरोप सही थे, जिससे मौद्रिक जुर्माना लगाना उचित था।


इन पर भी लगा जुर्माना


इसके अलावा, RBI ने हिंदुजा लीलैंड फाइनेंस लिमिटेड (Hinduja Leyland Finance Limited) पर नो योर कस्टमर (KYC) निर्देश, 2016 के कुछ प्रावधानों का पालन न करने के लिए 4.90 लाख रुपये का मौद्रिक जुर्माना लगाया है।


RBI ने यह भी कहा कि यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमी पर आधारित है और इसका उद्देश्य कंपनी द्वारा अपने कस्टमर्स के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर निर्णय लेना नहीं है।


केंद्रीय बैंक ने पूनावाला फिनकॉर्प लिमिटेड पर 'गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - प्रणालीगत रूप से जरूरी गैर-जमा लेने वाली कंपनी और जमा लेने वाली कंपनी (रिजर्व बैंक) निर्देश, 2016' के कुछ प्रावधानों का पालन न करने के लिए 10 लाख रुपये का मौद्रिक जुर्माना भी लगाया है।

सही पाए गए सभी आरोप - 

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नोटिस पर कंपनी के जवाब, व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतियों और इसके द्वारा किए गए अतिरिक्त प्रस्तुतियों की जांच पर विचार करने के बाद, RBI ने पाया कि कंपनी के खिलाफ निम्नलिखित आरोप कायम थे, जिसके लिए मौद्रिक जुर्माना लगाना उचित था, RBI ने एक बयान में कहा।


कंपनी की ओर से दिए जाने वाले ऋणों से पहले की तारीख से ही कर्ज पर ब्जाया लगाया गया जोकि ग्राहकों को बताए गए गए ऋण की शर्तों के विपरीत था।