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RBI : कटे फटे नोटों का क्या करता है रिजर्व बैंक, 90 प्रतिशत को नहीं होगी जानकारी

RBI Updates  : ATM से कटे-फटे नोट निकलते ही लोग परेशान हो जाते हैं. एक ही सवाल होता है कि अब क्या करें? ये भी सच है कि अक्सर एटीएम से फटे नोट निकल आते हैं. किसी दुकान वाले को देने पर वे लेने से इनकार कर देता है, लेकिन RBI  के रूल के मूताबिक बैंक उसे बदल देता है, ऐसे में क्या आप जानते है की कटे फटे नोटों का क्या करता है रिजर्व बैंक, आइए खबर में जानते है पूरी जानकारी।
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HR Breaking News, New Delhi : एक नोट हमेशा बाजार में घूमता रहता है. आप किसी से एक नोट लेते हैं और उसे किसी दूसरे व्यक्ति को दे देते हैं. इसके बाद वो अगला बंदा भी इसे किसी और को दे देता होगा. इसी तरह नोट लगातार बाजार में घूमता रहता है और लगातार घूमते रहने की वजह से कई बार यह फट जाता है तो कई बार पुराना हो जाता है और उसका कागज भी अजीब सा हो जाता है. एक टाइम बाद ये चलन में आने योग्य नहीं रह पाता है.


क्या आप जानते हैं कि जब यह नोट काफी खराब हो जाता है तो फिर इस नोट का क्या किया जाता है. साथ ही जानेंगे इन खराब नोटों को नष्ट करने का क्या प्रोसेस है और किस तरह से इन नोटों को चलन से बाहर किया जाता है… जानते हैं पुराने नोटों से जुड़ी हर एक बात…


बेकार हुए नोटों को कहां जमा किया जाता है?


नोट छापते वक्त ही उनकी लाइफ तय की जाती है कि कब तक ये नोट आसानी से चलन में रह सकते हैं. ये अवधि खत्म होने पर या फिर प्रचलन की वजह से नोट खराब होने पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया इन नोटों को फिर से अपने पास रख लेता है. एक बार नोट वापिस आने के बाद इन्हें बैंक अपने पास जमा कर लेता है.


कटे फटे नोटों का क्या किया जाता है?


जब कोई नोट पुराना हो जाता है या फिर चलन में आने योग्य नहीं रहता है तो इसे व्यावसायिक बैंकों के जरिए जमा कर लिया जाता है. इसके बाद उन्हें दोबारा बाजार में नहीं भेजा जाता है. पहले तो इन पुराने नोट को रद्दी मानकर जला दिया जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होता है. अब पर्यावरण को देखते हुए खास मशीनों के जरिए इनके छोटे-छोटे टुकड़े किए जाते हैं और फिर इन रिसाइकिल किया जाता है. इससे कई तरह के दूसरे प्रोडक्ट बनाकर बाजार में बेचा जाता है.


कौन छापता है नोट?


भारत में नए सिक्के छापने का अधिकार (right to print new coins) रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पास है. एक रुपये के छोड़कर सभी नोट आरबीआई छापता है जबकि एक रुपये का नोट भारत सरकार की ओर से छापा जाता है. खास बात ये है कि आरबीआई 10 हजार रुपये तक के नोट छाप सकता है और इससे बड़े नोट छापने के लिए सरकार से इजाजत (permission from government) लेनी होती है.


कौन तय करता है कितने नोट छापने हैं?


पहले आरबीआई कई मानकों को ध्यान में रखते हुए यह पता करता है कि कितने नोट छापने की जरूरत है और फिर इसके लिए सरकार से स्वीकृति ली जाती है. फिर सरकार भी आदेश देने से पहले आरबीआई से इजाजत (permission from rbi) लेती है और फिर उसके आधार पर अंतिम फैसला लिया जाता है. वैसे आखिरी फैसला सरकार का ही होता है.


कब छापे जाते हैं नोट? (When are notes printed?)


ऐसा नहीं है कि जब भी देश में गरीबी को मिटाना हो तो नए नोट छाप दो और चाहे जब नए नोट छाप दिए जाए. भले ही सरकार के पास नोट छापने का अधिकार होता है, लेकिन ऐसा नहीं है कि चाहे जब कितने भी नोट छाप दिए जाए. ऐसा करने से अर्थव्यवस्था गड़बड़ा जाएगी. इससे वहां की करेंसी की कीमत काफी ज्यादा कम हो जाती है और महंगाई की रेट भी काफी बढ़ जाती है.