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RBI का बड़ा फैसला, 1 तारीख से बदल जाएगा पैसे भेजने से जुड़ा नियम

RBI NEFT RTGS rules : देश में बैंकिंग सेक्टर पर लोगों की निर्भरता लगातार बढ़ती जा रही है। लोगों की निर्भरता के साथ ही भारतीय रिजर्व बैंक भी समय समय पर बैंकिंग सेक्टर में आवश्कता अनुसार बदलाव करता रहता है। अब नए साल पर बैंकिंग सेक्टर में ग्राहकों के लिए रुपये ट्रांसफर करने से जुड़ा (RBI money transfer rules) एक नियम बनाया है। सभी ग्राहकों को नया नियम जरूर जान लेना चाहिए।

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RBI Update : आरबीआई का बड़ा फैसला, 1 तारीख से बदल जाएगा पैसे भेजने से जुड़ा नियम

Hr Breaking News (RBI NEFT RTGS new rules) :  देश में डिजिटलाइजेशन का युग चल रहा है। इस दौर में हर व्यक्ति का मोबाइल फोन भी एक बैंक की तरह ही काम करता है। भारतीय रिजर्व बैंक (reserve Bank of India) द्वारा बैंकिंग सेवाओं को और आसान बनाने के लिए कई नियम बनाए जाते हैं। जब से यूपीआई आया है तब से तो लोगों को रुपये ट्रांसफर करने में आसानी हो गई है। लेकिन यूपीआई से ट्रांजेक्शन में एक लिमिट तय है। 

 

एनईएफटी और आरटीजीएस में कमी को RBI ने किया पूरा


दूसरी और बैंकिंग सेक्टर में यूपीआई से पहले ही आरबीआई (RBI) ने एनईएफटी और आरटीजीएस (NEFT or RTGS) की सुविधा दे दी थी। जिसे ऑनलाइन बैंकिंग के माध्यम से प्रयोग किया जाता है और एक दूसरे उपभोक्ता को आसानी से और बड़ी अमाउंट भेजी जा सकती है। आरटीजीएस और एनईएफटी में बड़ी रकम भेजने की सुविधा के साथ कुछ कमी भी थी, जिसे अब आरबीआई ने बदलने का फैसला किया है। 

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नहीं होगी अब कोई गलत ट्रांजेक्शन


आरबीआई (RBI) ने आरटीजीएस और एनईएफटी का प्रयोग करने वालों को रुपये ट्रांसफर करने में नई सुविधा दी है। इससे अब किसी के अकाउंट में गलती से ट्रांसजेक्श नहीं होगी। जब भी एनईएफटी या आरटीजीएस (NEFT and RTGS) करेंगे तो अब बैंक अकाउंट के साथ सामने वाले बेनिफिसरी का नाम वेरिफाई किया जा सकेगा। नाम वेरिफाई होने से पता चल जाएगा कि किसके अकाउंट में पैसे जा रहे हैं। 

 

RBI ने बैंकों को दिए निर्देश


अब पैसे ट्रांसफर करते हुए ही पता चल सकेगा कि किसका खाता है। नए साल पर इस सुविधा को लागू करने के लिए आरबीआई (reserve Bank of India) ने बैंकों को निर्देश दिए हैं। एनईएफटी और आरटीजीएस में ये सुविधा प्रदान करने के लिए बैंकों को 1 अप्रैल 2025 तक का समय आरबीआई ने दिया है। एक अप्रैल से पहले बेनिफिशयरी के नाम की लुक अप सुविधा शुरू करने को बोला है।  

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RBI के फैसले से ये होगा बड़ा फायदा


आरबीआई (RBI update rules) ने एनईएपटी और आरटीजीएस के दौरान बेनिफिशयरी अकाउंट के खाताधारक का नाम बताने की सुविधा प्रदान की है। इससे पहला तो लाभ होगा कि गलती से किसी और के पास ट्रांजेक्शन नहीं हो सकेगी। वहीं दूसरा फ्रॉड पर भी लगाम लगेगी। बहुत से फ्रॉड करने वाले किसी जानकार की आवाज में बात करके पैसे ट्रांसफर करवा लेते हैं। अब ऐसे केसेज पर लगाम लग जाएगी। आईएफएससी और अकाउंट नंबर डालने के बाद बेनिफिशियरी के नाम को भी वेरिफाई किया जा सकेगा।  

 

यूपीआई में पहले से सुविधा मौजूद


बैंकिंग सेक्टर में कई तरीकों से रुपयों का लेन देन होता है। ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में ही कई मैथड है। इनमें यूपीआई और आईएमपीएस में बेनिफिशयरी का नाम पहले ही पता लग जाता है। इसमे ये सुविधा पहले से मौजूद है। आरबीआई (RBI update) ने अब एनईएफटी और आरटीजीएस के लिए भी ये बदलाव किया है।  

 

RBI ने लिया बड़ा फैसला


भारतीय रिजर्व बैंक (reserve Bank of India) के तत्कालिन गर्वनर शक्तिकांत दास ने अक्तूबर 2025 में मॉनिटरी पॉलिसी का एलान किया था। तब प्रस्ताव आया था कि यूपीआई और आईएमपीएस की तरह ही एनईएफटी और आरटीजीएस में भी बेनिफिशरी के नाम को वेरिफाई करने की सुविधा की जाए। इससे गलत खाते में पैसे भी नहीं जाएंगे और फ्रॉड पर भी कुछ हद तक लगाम लगेगी।