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5 बैंकों पर RBI का सख्त एक्शन, 4 पर जुर्माना और एक पर जड़ा ताला, ग्राहकों को इतना पैसा मिलेगा वापस

RBI Action on bank - बैंक ग्राहकों के लिए बड़ा अपडेट सामने आया है। भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों का उल्लंघन करने पर पांच बैंकों पर बड़ी कार्रवाई की है। आरबीआई ने चार बैकों पर जुर्माना ठोका है।  वहीं, एक बैंक का लाइसेंस रद्द (Bank License Cancel) कर दिया है। अब सवाल उठता है कि आरबीआई (RBI) के बैंकों पर एक्शन के बाद अब ग्राहकों को कितना पैसा वापस मिलेगा। 

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HR Breaking News (ब्यूरो)। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नियमों का उल्‍लंघन करना 5 को-ऑपरेटिव बैंकों को भारी पड़ा है. आरबीआई ने 4 बैंकों पर जहां जुर्माना ठोका है, वहीं एक को-ऑपरेटिव बैंक (Co-operative Bank) का तो लाइसेंस ही रद्द कर दिया गया है।

 जिस बैंक का लाइसेंस निरस्‍त हुआ है, उसका नाम अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड है. यह बैंक उत्तर प्रदेश के सीतापुर में काम करता है. आरबीआई का कहना है कि इस को-ऑपरेटिव बैंक के पास संचालन के लिए पूंजी नहीं बची. इतना ही नहीं बैंक में आगे कमाई की कोई भी उम्मीद नहीं दिख रही. इसलिए इस बैंक को बंद किया जा रहा है।

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आरबीआई (RBI) की कार्रवाई के बाद से ही अर्बन कोऑपरेटिव बैंक को अपना काम बंद करना पड़ा है. आरबीआई ने कमिश्नर एवं रजिस्ट्रार, उत्तर प्रदेश से भी बैंक को बंद  (bank closed) करने के लिए उपयुक्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए. आरबीआई (RBI) का कहना है कि बैंक ने ग्राहकों को भी पूरा भुगतान नहीं किया।

अच्‍छी बात यह है कि बैंक के अधिकतर ग्राहकों को बैंक में जमा उनकी लगभग पूरी पूंजी वापस हो जाएगी. बैंक की ओर से कहा गया कि 98.32 फीसदी ग्राहकों को उनका पूरा पैसा वापस कर दिया जाएगा. 5 लाख रुपये तक जमा का बीमा (Insurance) होता है. बैंक के 98.32 फीसदी ग्राहकों के 5 लाख रुपये या इससे कम ही जमा हैं।


इन बैंकों पर लगा जुर्माना


भारतीय रिजर्व बैंक (reserve Bank of India) ने 4 को-ऑपरेटिव बैंक पर जुर्माना लगाया. जिन बैंकों पर फाइन लगाया गया है, उनमें पाटन को-ऑपरेटिव बैंक, राजर्षि शाहू को-ऑपरेटिव बैंक, डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल बैंक (District Central Bank) और प्राथमिक शिक्षक सहकारी बैंक शामिल है. इन चारों बैंकों में से 3 बैंकों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना और एक अन्य बैंक पर दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया।


इसलिए लगा फाइन

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डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल बैंक (District Central Bank) नाबार्ड की गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहा था. वहीं, पाटन को-ऑपरेटिव बैंक द्वारा केवाईसी नियमों की अनदेखी की गई. शिक्षक सहकारी बैंक (Cooperative bank) ने आरबीआई के नियमों के विरुद्ध जाकर गोल्ड लोन मुहैया कराया जबकि राजर्षि शाहू सहकारी बैंक ने न्यूनतम बैलेंस के नियमों का पालन नहीं कर रहा है।