Savings Account : बैंक खाते में पैसा जमा कराने और निकालने की क्या है लिमिट, जान लें इनकम टैक्स के नए नियम
Savings Account rules : बचत खाता आज के समय में हर किसी की जरूरत बन गया है। यही कारण ही है कि अधिकतर लोगों के पास सेविंग अकाउंट है। आज भी इन खातों के सही संचालन के लिए अनेक लोग बैंकिंग व इनकम टैक्स के नियमों से अनजान हैं। अपने सेविंग अकाउंट (savings account transaction limit) में कोई खाताधारक कितने रुपये जमा करा सकता है और कितने निकाल सकता है, इसे लेकर भी लिमिट तय की गई है। इनकम टैक्स ने इसके लिए बाकायदा नियम (Income Tax new rules) तय किए हुए हैं। आइये जानते हैं इन नियमों के बारे में इस खबर में।

HR Breaking News - (Banking Rules)। बैंक खातों में पैसा जमा और निकालने के लिए नए नियम लागू किए गए हैं। सरकार ने इनकम टैक्स से जुड़े नियमों में बदलाव किया है, जो सभी बैंक खाताधारकों पर असर डालेंगे। यह कदम वित्तीय लेन-देन (transaction limit for saving account) को पारदर्शी बनाएगा और टैक्स चोरी पर कड़ी नजर रखेगा। लोग अब बिना डर के अपनी वित्तीय गतिविधियां कर सकेंगे, लेकिन इसके लिए उन्हें नई सीमाएं और शर्तों का पालन करना होगा। यह बदलाव देश की आर्थिक मजबूती के लिए हैं, हालांकि उन लोगों को उलझन हो सकती है जो बैंक खातों व इनमें की जाने वाली ट्रांजेक्शन को लेकर नियमों का पालन नहीं करते।
एक दिन में कैश जमा करवाने की लिमिट -
बैंक में पैसे जमा करने की एक सीमा होती है।अगर आप एक दिन में 50 हजार रुपये से अधिक जमा (savings account deposit limit) करना चाहते हैं, तो आपको अपना पेन नंबर (PAN number) यानी विशेष पहचान नंबर देना पड़ता है। यह नंबर बैंक को आपके लेन-देन की जानकारी देने में मदद करता है। अगर आपके पास वह पहचान नंबर नहीं है, तो फॉर्म 60/61 भरकर यह कार्य कर सकते हैं। इन कदमों से यह सुनिश्चित होता है कि सभी जमा की जानकारी इनकम टैक्स विभाग (income tax department) तक पहुंच जाए। इस प्रक्रिया के माध्यम से वित्तीय लेन-देन पर नजर रखी जाती है और सभी जानकारी सही तरीके से रिकॉर्ड की जाती है।
सालभर में कराए 10 लाख जमा तो आएगा नोटिस-
आप अपने बैंक खाते में एक साल में जितना चाहें पैसा जमा कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए आपको इनकम टैक्स विभाग (IT department) यह बताना जरूरी होता है कि वह धन कहां से आया, इसके लिए वाजिब स्रोस भी बताना होगा। यदि आप एक साल में 10 लाख रुपये से अधिक जमा करते हैं, तो आपको टैक्स विभाग से नोटिस मिल सकता है। इस स्थिति में आपको आय का स्रोत बताना होगा। अगर वह राशि आपकी सालाना (savings account transaction limit per year) आय है, तो आपको उस पर टैक्स (income tax new update) देना पड़ सकता है। यह नियम यह सुनिश्चित करता है कि सभी बड़े लेन-देन सही तरीके से रिकॉर्ड किए जाएं और सरकार को जानकारी मिलती रहे।
नोटिस आने पर करें यह काम -
अगर आप बहुत अधिक नकद लेन-देन करते हैं, तो इनकम टैक्स विभाग (Income Tax Department) आपसे पूछताछ कर सकता है। इस स्थिति में आपके पास अपने बैंक लेन-देन का पूरा रिकॉर्ड होना जरूरी है। आपको यह भी बताना होगा कि आपने यह पैसे कहां से प्राप्त किए। उचित स्रोस या कागजात न होने पर आप फंस भी सकते हैं। अगर आपने संपत्ति बेचकर पैसे जुटाए हैं, तो उसके दस्तावेज़ दिखाने होंगे। अगर आपको विभागीय नियमों की पूरी जानकारी नहीं है तो इस प्रकार के मामलों में एक चार्टर्ड अकाउंटेंट (Chartered Accountant) से सहायता प्राप्त करना फायदेमंद हो सकता है। आपको घबराने की आवश्यकता नहीं है, सही जानकारी देने से आप मुश्किलों से बच सकते हैं।
यह है बैंक से कैश लेनदेन की लिमिट -
नकद लेन-देन की सीमा (cash transaction limit) इनकम टैक्स एक्ट की धारा 269एसटी के तहत तय की गई है। एक दिन में या किसी एक लेन-देन में 2 लाख रुपये की एक निश्चित राशि से अधिक कोई व्यक्ति किसी से नहीं ले सकता। यह नियम किसी विशेष अवसर या घटना से जुड़े लेन-देन पर लागू होता है। इसका मतलब है कि एक दिन में एक व्यक्ति से अधिक राशि लेना मना है, चाहे वह एक बार में हो या अलग-अलग बार में मिलाकर हो। यह सीमा किसी भी प्रकार के बड़े पैमाने पर नकद लेन-देन से बचने व टैक्स नियमों (Income tax rules) की पालना सुनिश्चित कराने के लिए लागू की जाती है।
जमा करवा सकते हैं केवल इतने रुपये कैश -
एक वर्ष में आपके बैंक खाते में जमा या निकासी की एक सीमा (account transaction limit ) होती है। यह सीमा निर्धारित करना जरूरी है। नियमों के अनुसार, एक वित्तीय वर्ष में बैंक सेविंग अकाउंट में कुल रकम जमा या निकासी की एक तय राशि होती है। यह राशि 10 लाख रुपये तक सीमित होती है। इसलिए, आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि इस सीमा के भीतर ही आपका लेन-देन हो ताकि भविष्य में किसी भी जांच से आपको परेशानी न हो। ऐसा कर आप इनकम टैक्स विभाग के नोटिस (inocme tax notice) व अन्य कार्रवाई से भी बच सकेंगे।
जरूर ले लें बैंक से जानकारी -
अगर आपके बैंक खाते में एक वित्तीय वर्ष में निर्धारित सीमा से ज्यादा लेन-देन (saving account withdrawal limit)होता है, तो बैंक इसे संबंधित विभाग को सूचित करता है। वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल से 31 मार्च तक होता है और इसमें आपके सभी लेन-देन की समीक्षा की जाती है। अगर आपने 10 लाख रुपये से ज्यादा की राशि जमा (Bank account deposit limit) की है, तो बैंक इसे रिपोर्ट करता है। इस प्रकार के बड़े लेन-देन से आपको आयकर विभाग की जांच का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए लेन-देन की सही सीमा में रहना जरूरी होता है।
इस कारण से देते हैं बैंक आयकर विभाग को जानकारी -
अगर आपके बैंक खाते में एक वित्तीय वर्ष निर्धारित सीमा से ज्यादा राशि जमा या निकासी (saving account transaction limit) होती है, तो यह हाई वैल्यू ट्रांजेक्शन माना जाता है। इसके तहत बैंक या वित्तीय संस्थाओं को आयकर विभाग को इसकी जानकारी देनी होती है। यह नियम आयकर अधिनियम 1962 (Income Tax Act 1962) के सेक्शन 114B के तहत लागू है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बड़े पैमाने पर होने वाले लेन-देन की पूरी जानकारी विभाग को मिले और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जांच की जा सके।