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Saving Account : बैंक अकाउंट से पैसे निकालने व जमा करने की क्या है लिमिट, जान लें आयकर के नियम

Saving Account Rules : बैंकिंग सेक्टर का देश में लगातार विस्तार हो ता जा रहा है। लगभग हर कोई बैंकिंग सेक्टर से जुड़ा है। जन धन खातों के बाद तो बैंक अकाउंट्स की संख्या बहुत ज्यादा बढ़ी है। डिजिटलाइजेशन के युग में बैंक खातों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।

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Saving Account : बैंक अकाउंट से पैसे निकालने व जमा करने की क्या है लिमिट, जान लें आयकर के नियम

HR Breaking News (Saving Account Rules) देश के बैंकों में रोजाना करोड़ों उपभोक्ता पैसों का लेनदेन करते हैं। पैसों के लेनदेन को लेकर बहुत सारे नियम भी बने हुए हैं।

 

 

इन नियमों से बहुत सारे उभोक्ता अनजान हैं। आइए जानते हैं कि बैंक अकाउंट में पैसा जमा करने को लेकर क्या कुछ नियम बने हुए हैं। कितने रुपये जमा करा सकते हैं कितने निकाल सकते हैं। 

करोड़ों उपभोक्ताओं को होनी चाहिए ये जानकारी


बैंकिंग का प्रयोग करने वाले कराड़ों उपभोक्ताओं को जानकारी होनी चाहिए कि वो बैंक में कितने रुपये डाल सकते हैं। यह भी जानकारी होनी चाहिए कि कितने रुपये निकाल सकते हैं। 

आयकर विभाग के रडार में आ सकते हैं


वहीं, आयकर के नियमों को लेकर यह भी है कि कितने ज्यादा रुपये डालने पर आईटी डिपार्टेमेंट (Income tax department) की रडार पर आ जाएंग। यह बैंक खाते के अकाउंट के टाइप पर भी निर्भर करता है। आम तौर पर बैंक में करंट अकाउंट और सेविंग अकाउंट होते हैं। करंट अकांउट में बिजनेस करने वालों का खाता खुलता है।

दूसरा साधारण अकाउंट होता है, जिसे सेविंग अकाउंट बोलते हैं। वहीं नौकरी करने वालों का सैलरी अकाउंट खुलता है, यह भी सेविंग अकाउंट (Saving Account RBI rules) की श्रेणी में ही आता है। इसके अलावा सैलरी अकाउंट भी होता है। 


होती रहती है मॉनिटिरंग


बैंक अकाउंट (Bank Account) में कितने रुपये जमा करें या कितने रुपये निकाल लें। इन सब की मॉनिटरिंग होती रहती है। इसलिए आपको जानना चाहिए कि बैंक में कैश जमा करने और निकालने की भी एक लिमिट तय होती है।

बैंक से एक बार में कितना रुपया निकाल सकते हैं, कितने के बाद आप आयकर विभाग की रडार पर आ जाएंगे, ये सब तय होता है। 

कैश व चेक की भी होती है अलग लिमिट


अकाउंट में एक तय सीमा से अधिक रुपये जमा होने पर आप इनकम टैक्स (Income tax rules) के दायरे में आ जाएंगे। आयकर विभाग आपसे आपकी आय का सोर्स पूछेगा। कैश जमा कराने में आपकी लिमिट (bank deposit limit) अलग होती है और चेक के लिए रुपये जमा करने की लिमिट अलग होती है। चेक से आप एक रुपये से लेकर कितने ही रुपये जमा करा सकते हैं।  


कैस पर है यह नियम


नकदी को लेकर बैंक के नियम अलग हैं। बैंक में नकदी जमा कराना चाहते हैं तो कैश में 50000 रुपये से ज्यादा जमा नहीं कर सकते हैं। इससे ऊपर जमा करने के लिए आपको पैन नंबर देना होगा।

एक दिन में एक लाख रुपये तक की आमतौर पर नकदी जमा (cash deposite) होती है। कभी कभी जमा कराने में लिमिट ढाई लाख रुपये तक हो सकती है। एक वर्ष में ज्यादा से ज्यादा दस लाख तक जमा कर सकते हैं।

आयकर विभाग की रडार पर आ जाएगा अकाउंट


सेविंग अकाउंट (Saving Account) में आपने अगर दस लाख रुपये से अधिक सालाना जमा कराए तो आप आयकर विभाग के रडार में आ जाएंगे। आपको अपने रुपयों के लिए आय का सोर्स देना होगा।

बैंक इसकी रिपोर्ट आयकर विभाग को भेजता है। ये लिमिट आपके सभी खातों के साथ है।  इसके बाद आप अपने रुपये का विवरण नहीं दे पाते हैं तो आपसे आयकर विभाग जुर्माना वसूलेगा। 

कितने रुपये रख सकते हैं अकाउंट में


सेविंग अकाउंट (Saving Account update) के लिए बात आती है कि आप कितने भी रुपये रख सकते हैं। बैंकिंग रुल्स के मुताबिक सेविंग अकाउंट में कितना भी पैसा रख सकते हैं।

सेविंग अकाउंट में रुपये रखने की कोई सीमा तय नहीं है। हां, अगर ज्यादा रुपये जमा है तो आपको इनकम टैक्स विभाग को पूरा विवरण या टैक्स जरूर देना होगा। 

निकासी के लिए यह हैं नियम


बैंक में जाकर रुपये निकालने (Saving Account cash withdrawl) की सीमा अलग है। नकदी पैसा निकालते हुए भी बैंक को आपको नकदी को लेकर रुल्स का पालन करना होगा। चाहे आप नकदी चेक से निकाल रहे हैं या फॉर्म भरकर। आप ज्यादा रुपये निकाले हैं तो टीडीएस कट सकता है।  

आयकर विभाग वसूलेगा मोटा जुर्माना


बैंक में दस लाख रुपये से ज्यादा जमा कराने पर आयकर विभाग इसकी सूचना इनकम टैक्स विभाग (Saving Account IT rules) को देगा। अगर आप आयकर विभाग को संतोषजनक जवाब नहीं दे पाते हैं तो आपको भारी जुर्माना और साथ में भारी भरकर टैक्स जमा करना पड़ेगा। जानकारी न देने पर 60 प्रतिशत कर, पच्चीस प्रतिशत सरचार्ज, और चार प्रतिशत सेस देना पड़ेगा।

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