home page

Senior Citizen : सीनियर सिटीजन बचा सकते हैं 1.5 लाख का इनकम टैक्स, जानिये तरीका

आज हम आपको ऐसे ऑप्शन के बारे में बताएंगे जिनसे सीनियर सिटीजंस अपनी टैक्स लायबिलिटी को कम कर सकते हैं. जिन ऑप्शंस का जिक्र हम करेंगे ये फायदा केवल उन लोगों के लिए है जो पुराने टैक्स सिस्टम रिटर्न फाइल कर रहे हैं. इस स्कीम का फायदा उन लोगों के लिए बिल्कुल भी नहीं है जो नए टैक्स सिस्टम में शामिल हैं.आइए जानते है इसके बारे में विस्तार से.

 | 

HR Breaking News (नई दिल्ली)। फाइनेंशियल प्लानिंग में टैक्स सेविंग एक अहम कंपोनेंट है. सोच समझकर टैक्स प्लानिंग करने से लोग अपनी फाइनेंशियल जरूरतों को तो पूरा कर ही सकते हैं साथ ही टैक्स लाइबिलिटी को भी कम कर सकते हैं. रिटायरमेंट के दौरान तो फाइनेंशियल प्लानिंग तो और भी अहम हो जाती है. खुद की वेल्थ ग्रोथ के लिए टैक्स प्लानिंग काफी जरूरी हो गई है. ऐसे में सीनियर सिटीजंस को लो रिस्क और टैक्स सेविंग सॉल्यूशंस में इंवेस्ट करना काफी जरूरी है. हालांकि, सीनियर सिटजंस को रिटायरमेंट होने के बाद भी सालाना टैक्स पेमेंट जरूर करना चाहिए.

रिटायरमेंट के बाद भी अपनी टैक्स लायबिलिटी को कम करने के लिए यह जरूरी है कि आप बेस्ट सेविंग ऑप्शंस की तलाश करें. आज हम आपको उन्हीें ऑप्शन के बारे में बताएंगे जिनसे सीनियर सिटीजंस अपनी टैक्स लायबिलिटी को कम कर सकते हैं. जिन ऑप्शंस का जिक्र हम करेंगे ये फायदा केवल उन लोगों के लिए है जो पुराने टैक्स सिस्टम रिटर्न फाइल कर रहे हैं. इस स्कीम का फायदा उन लोगों के लिए बिल्कुल भी नहीं है जो नए टैक्स सिस्टम में शामिल हैं.

टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपाॅजिट


इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80 सी के तहत, आप इस प्रकार की एफडी में किए गए निवेश पर टैक्स सेविंग कर सकते हैं. वह सीनियर सिटीजन जो इस तरह की फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करते हैं, वे सालाना अधिकतम 1.5 लाख रुपए की टैक्स सेविंग कर सकते हैं. सीनियर सिटीजंस टैक्स सेविंग एफडी में मसिक, तिमाही छमाही और सालाना आधार ब्याज के रूप में अच्छी कमाई करते हैं. सबसे अच्छी बात ये है कि इन टैक्स सेविंग एफडी पर सीनियर सिटीजंस को बाकी लोगों के लिए अच्छा रिटर्न भी मिलता है और लॉक-इन पीरियड 5 साल का है.

पब्लिक प्रोविडेंट फंड


जब टैक्स सेविंग की बात आती है तो सीनियर सिटीजंस के लिए सबसे फेवरेट स्कीम में पब्लिक प्रोविडेंट फंड का नाम आता है. यह एक भारत सरकार की योजना है. जोकि पूरी तरह से सेफ इंवेस्टमेंट है. पीपीएफ में निवेश करने से आपको सालाना 1.5 लाख रुपये तक की बचत हो सकती है. पीपीएफ की ड्यूरेबिलिटी इसका सबसे अच्छा फीचर है. पीपीएफ स्कीम की मैच्योरिटी 15 साल है, जिसे पांच वर्षों के अंतराल में अनिश्चित काल तक रिन्युअल किया जा सकता है.

टैक्स फ्री बांड


टैक्स फ्री बांड में बांड होल्डर्स को दिया जाने वाला ब्याज इनकम टैक्स से मुक्त होता है, जिससे वे एक प्रकार के फिक्स्ड इनकम इनवेंस्मेंट बन जाते हैं. पब्लिक सेक्टर इनिशिएटिव, सरकारी कॉरपोरेशन, म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन और बाकी इंफ्रा फर्म्स सरकार की ओर से ये बांड जारी करने वाली संस्थाएं हैं. यह सेफ इंवेस्टमेंट ऑप्शन हैं जो निवेशकों को हर साल प्री फिक्स्ड इंट्रस्ट के रूप में कमाई कराते हैं. इसके अलावा, निवेशक अधिक पैसा बचा सकते हैं क्योंकि वे जो ब्याज कमाते हैं वह टैक्स फ्री होता है. मैच्योरिटी पर, दूसरे बॉन्ड की तरह से प्रिंसीपल अमाउंट वापस कर दिया जाता है. इस तरह के बॉन्ड एनएचएआई, आरईसी और पाऐवर फाइनेंस कॉर्पोरेशन (पीएफसी) द्वारा जारी किए जाते हैं. उनकी सेफ्टी रेटिंग एक्सीलेंट है.

इक्विटी लिंक्ड बचत योजनाएं


यदि आप बड़े रिटर्न और शानदार टैक्स बेनिफिट की तलाश में हैं, तो इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस) एक शानदार ऑप्शन है. इस समय ईएलएसएस फंड में निवेश का लक्ष्य अस्थिर रिटर्न के बजाय लगातार रिटर्न जेनरेट करना है. धारा 80सी के तहत, ईएलएसएस फंड में किया गया निवेश 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स बेनिफिट देता है. ईएलएसएस की तीन साल की लॉक-इन अवधि इसे कर-औप एफडी की तुलना में बेहतर बनाती है, जिसमें पांच साल की लॉक-इन अवधि होती है. अन्य प्रकार की एफडी के विपरीत, कर-सेविंग एफडी में बिल्कुल भी लिक्विडिटी नहीं होती है. आपको उन एफडी के अगेंस्ट लोन नहीं मिलता है, न ही आप उन्हें बहुत जल्दी तोड़ सकते हैं.