Tax slab : टैक्सपेयर के लिए बड़ा अपडेट, 1 अप्रैल से लागू होंगे टैक्स के ये नए नियम
New Tax Rule : 1 अप्रेल से नए वित्तय वर्ष की शुरुआत होने वाली है। ऐसे में 1 अप्रेल से नए टैक्स नियमों को लागू कर दिया जाएगा। हाल ही में देशभर के करोड़ों टैक्सपेयर्स (latest update for taxpayers) के लिए एक बड़ा अपडेट जारी किया है। टैक्सपेयर्स के लिए ये नियम 1 अप्रेल से लागू किया जाएगा। टैक्स के ये नियम बजट 2025 में पेश किय गया था। आइए विस्तार से जानते हैं टैक्स के इन नियम नियमों के बारे में।

HR Breaking News - (Income Tax Rules)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2025 को केंद्रीय बजट 2025 (Union Budget 2025) पैश किया था। इस बजट में केंद्रीय कर्मचारियों के लिए कई बड़े ऐलान किये गए थे। बजट 2025 में मिडिल क्लास लोगों के लिए कई राहत भरी खबर जारी की गई है। इसमें टैक्स स्लैब (new tax slab) में बदलाव से लेकर टीडीस, टैक्स रिबेट और अन्य चीजें को शामिल किया गया था। सरकार द्वारा बनाएं गए इन नियमों को 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी रूप से लागू कर दिया जाएगा। इन नियमों (new rules) को लागू होने में अब कुछ ही दिन बचे हैं। खबर में जानिये इस बारे में पूरी डिटेल।
जानिये नई टैक्स स्लैब के बारे में डिटेल-
नई व्यवस्था के तहत सालाना 12 लाख रुपये तक कमाने वाले लोगों को टैक्स (income tax structure) का भुगतान करने से छूट दी जाती है। इसके अलावा, वेतनभोगी कर्मचारी को भी 75,000 रुपये की स्टैंडर्ड डिडक्शन के लिए पात्र होंगे। इसका मतलब ये है कि 12.75 लाख रुपये तक की वेतन आय (Tax deduction) अब टैक्स से मुक्त कर दिया जा सकता है। हालांकि, ये टैक्स छूट सिर्फ उन लोगों पर ही लागू होती है जो नया टैक्स विकल्प चुनते हैं। वहीं इससे ज्यादा होने पर नए टैक्स स्लैब के मुताबिक टैक्स का भरना होता है।
1 अप्रेल से लागू होगी ये टैक्स स्लेब-
आय टैक्स
4 लाख तक शून्य
4 लाख - 8 लाख 5 प्रतिशत
8 लाख - 12 लाख 10 प्रतिशत
12 लाख - 16 लाख 15 प्रतिशत
16 लाख - 20 लाख 20 प्रतिशत
20 लाख - 24 लाख 25 प्रतिशत
24 लाख से अधिक 30 प्रतिशत
जानिये क्या होती है टैक्स रिबेट-
सबसे बड़ा बदलाव नई कर व्यवस्था (New tax regime) को चुनने वाले करदाताओं के लिए किया गया है। ये नियम धारा 87A के तहत छूट को पहले 25,000 रुपये से बढ़ाकर 60,000 रुपये तक कर दिया गया है। इस टैक्स रिबेट में बढ़ौतरी का मतलब है कि 12 लाख रुपये तक की आय (tax free income) वाले व्यक्तियों को इस व्यवस्था के तहत किसी भी टैक्स का भुगतान नहीं करना होगा। इसकी वजहह से टैक्स फ्री इनकम की लिमिट में भी शानदार बढ़ौतरी देखने को मिलेगी।
सोर्स पर टैक्स कटौती-
सोर्स पर टैक्स कटौती (TDS kya h) विनियमों को भी अपडेट किया गया है। इसमें अनावश्यक कटौती को कम करने और टैक्सपेयर्स के लिए कैश फ्लो में सुधार करने के लिए विभिन्न वर्गों में सीमा को बढ़ा दिया गया है। उदाहरण के तौर पर वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज आय पर टीडीएस की सीमा (TDS limit kya hoti h) दोगुनी करके 1 लाख रुपये तक कर दी गई है। इसकी वजह से बुजुर्गों के लिए वित्तीय सुरक्षा में भी बढ़ौतरी देखने को मिल रही है।
छूट की लिमिट में किया इजाफा-
इसी हिसाब से किराये की आय पर छूट की लिमिट (tax limit in india) को भी बढ़ाकर 6 लाख रुपये सालाना तक कर दिया गया है। इसकी वजह से मकान मालिकों का बोझ भी काफी हद तक कम कर दिया गया है। वहीं शहरी क्षेत्रों में किराये के बाजारों को भी इसकी वजह से काफी बढ़ावा मिल रहा है।
अपडेटेड टैक्स रिटर्न को किया फाइनल-
केंद्रीय बजट में अपडेटेड टैक्स रिटर्न (ITR-U) फाइल करने की समयसीमा को प्रासंगिक मूल्यांकन वर्ष के 12 महीने से बढ़ाकर 48 महीने तक का कर दिया गया है, इसकी वजह टैक्सपेयर्स (Latest news for taxpayers) को भारी जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है। बिना टैक्स दायित्वों का पालन करने के लिए अधिक विस्तारित अवधि दी जाती है। इस कदम की वजह से टैक्सपेयर्स (update for taxpayers) की रिटर्न दाखिल करने में अनजाने में होने वाली देरी के बारे में चिंता कम होने की उम्मीद जताई जा रही है।
स्टार्ट-अप को लेकर भी आया फैसला-
इसके अलावा, 1 अप्रैल (New rule form 1st April) 2030 से पहले जिन भी स्टार्ट-अप को शुरु किया जाएगा। उनमें दस में से तीन वर्षों के लिए मुनाफे में 100 प्रतिशत तक की कटौती का लाभ दिया जाएगा। जो भारतीय अर्थव्यवस्था के भीतर उद्यमशीलता और नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए एक बड़ा प्रयास होने वाला है। इनकम टैक्स बिल (Tax bill), फाइनेंस बिल और अन्य टैक्स संबंधी नियम पेश किए गए हैं, जो 1 अप्रैल 2025 से लागू किये जाएगें।