खुद की बजाय पत्नी के नाम से FD कराने का बड़ा फायदा, अधिकतर लोगों को नहीं है जानकारी
FD Investment Tips :आजकल अनेक लोग एफडी में निवेश करते हैं। यह बेहतर रिटर्न पाने का एक अच्छा जरिया बन चुका है, अगर आप खुद के बजाय पत्नी के नाम एफडी कराते हैं तो कई फायदों का लाभ (FD benefits) ले सकते हैं। इस बारे में अधिकतर लोग अनजान ही हैं। आइये खबर में जानते हैं पत्नी के नाम एफडी (FD on wife's name) कराने के क्या क्या बेनेफिट हैं।

HR Breaking News (FD new rules)। बेशक आज के समय में एफडी (Fixed Deposit) में निवेश करके लोग तगड़ा रिटर्न पा रहे हैं, लेकिन थोड़ी सी समझबूझ से और काम लिया जाए तो इस मुनाफे को डबल किया जा सकता है।
खुद के बजाय पत्नी के नाम एफडी (Fixed Deposit) कराकर आप गारंटिड रिटर्न के रूप में अधिक फायदा एफडी से ले सकते हैं। अधिकतर लोग एफडी में इस तरीके से निवेश करने से अनजान ही हैं और वे खुद के नाम पर ही एफडी कराते हैं। जबकि पत्नी के नाम एफडी कराकर कई तरह के टैक्स से भी बचा जा सकता है।
नहीं करना पड़ेगा टीडीएस का भुगतान
फिक्स्ड डिपॉजिट को लोग बेहतर रिटर्न का विकल्प मानते हैं, लेकिन बता दें कि इस पर मिलने वाले ब्याज (interest on FD) पर निवेशक को टीडीएस चुकाना पड़ता है।
एफडी से प्राप्त होने वाले ब्याज को कुल सालाना कमाई के साथ जोड़ा जाता है। इस कारण इस पर टैक्स देना पड़ता है। पत्नी के नाम से एफडी (Best FD for women) कराएंगे तो काफी सारे टैक्स (Tax on FD) भुगतान से बच सकते हैं और यह पैसा उनकी बचत के रूप में उनके पास रहेगा।
हाउसवाइफ को नहीं देना पड़ता कोई टैक्स
खुद के बजाय अपनी पत्नी के नाम एफडी (FD tax rules) कराएंगे तो कई सारे लाभ आपको मिलेंगे। यह तो आप जानते ही हैं कि ज्यादातर महिलाएं लोअर टैक्स ब्रैकेट की कैटेगरी में आती हैं या हाउसवाइफ होती हैं।
हाउसवाइफ की कोई कमाई न होने के कारण उसे टैक्स (tax on FD return) भी नहीं चुकाना होता। ऐसे में आप पत्नी के नाम एफडी कराकर टीडीएस के भुगतान से बच सकते हैं।
पत्नी है फर्स्ट होल्डर तो नहीं देना पड़ेगा यह टैक्स
किसी भी एफडी कराने वाले शख्स को एक वित्त वर्ष में 40,000 रुपये से ज्यादा ब्याज मिलता है तो समझो कि टीडीएस (TDS rules on FD) देना ही पड़ेगा। इस पर 10 प्रतिशत टीडीएस का भुगतान करना पड़ता है।
इसलिए खुद के बजाय पत्नी के नाम एफडी है तो कम इनकम होने पर फॉर्म 15G भरकर टीडीएस (TDS ke niyam) के भुगतान से बचा जा सकता है। पत्नी के साथ जॉइंट एफडी (joint FD benefits) कराने पर भी आप टीडीएस के भुगतान से बच सकते हैं, लेकिन इसमें वह फर्स्ट होल्डर होनी चाहिए।