FD में पैसे लगाने वाले हो जाएं सावधान, निवेश करने से पहले जान लें इसके नुकसान
Fixed Deposit : हर कोई अमीर बनना चाहता है। इसके लिए लोग मेहनत करते हैं वहीं, कुछ लोग निवेश करके भी मोटा पैसा कमाते हैं। यूं तो बाजार में निवेश के कई विकल्प मौजूद हैं लेकिन ज्यादातर लोग FD यानी फिकस्ड डिपॉजिट में निवेश करना पसंद करते हैं। यदि आप भी एफडी में पैसा लगाते हैं तो अब सर्तक हो जाईये वरना आपको भारी नुकसान उठना पड़ सकता है। आईये नीचे खबर में जानते हैं -
HR Breaking News - (Fixed Deposit Investment Tips)। आमतौर पर जब भी बात निवेश की आती है तो सभी एफडी यानी फिकस्ड डिपॉजिट के विकल्प को चुनते हैं। क्योंकि इसमें पैसा सुरक्षित रहता है और गारंटीड रिटर्न मिलता है। इसी वजह से एफडी (FD) भारत का सबसे लोकप्रिय निवेश विकल्प है। आज युवा से लेकर सीनियर सिटीजन्स तक हर कोई इन्वेस्टमेंट के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट पर आंख बंद करके भरोसा करते हैं।
अगर आप भी एफडी में पैसा लगाते हैं तो अब सावधान होने की जरूरत है। एफडी (Fixed Deposit Investment Tips) में पैसे इन्वेस्ट करने से आपको बड़ा नुकसान हो सकता है। दरअसल, निवेश करना एक आर्ट है और अगर आप भी एफडी (FD Tips) में निवेश करके अच्छा खास पैसा कमाना चाहते हैं तो इससे जुड़ी कई इंपोर्टेंट बातें जानना बहुत जरूरी है। चलिए नीचे खबर में सझते हैं प्वाइंट टू प्वाइंट -
वैसे तो देश के सरकारी और प्राइवेट बैंक निवेशकों को आकर्षित करने के लिए समय समय पर एफडी की ब्याज दरों में इजाफा करते रहते हैं। लेकिन बीते कुछ महीनों पहले देश के लगभग सारे बैंकों ने फिक्स्ड डिपॉजिट पर इंटरेस्ट रेट (FD Interest Rate Update) को भी बढ़ा दिया है। हालांकि फिर भी एफडी में पैसा लगाने पर आपको जहां एक तरफ कई सारे फायदे होते हैं तो वहीं आपको कुछ नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। इसमें सबसे पहले नुकसान एफडी की ब्याज दर है -
FD पर फिक्स्ड ब्याज दर -
एफडी (FD) का एक नुकसान यह है कि इसमें आपको गारंटीड इंटरेस्ट मिलता है यानी अगर आप एफडी में निवेश करेंगे तो फिक्स्ड ब्याज मिलेगा। इसमें अकाउंट खोलते समय जो ब्याज दर होती है उसी हिसाब के मैच्योरिटी पर कूल अमाउंट के साथ रिटर्न मिलता है।
अन्य निवेश विकल्पों से कम रिटर्न -
एफडी योजनाओं में इनवेस्टमेंट का एक नुकसान यह भी है कि एफडी में क्योंकि एक फिक्स इंटरेस्ट रेट मिलता है जिस वजह से इसमें बहद कम रिटर्न मिल पाता है। आम तौर पर यह रिटर्न म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) या दूसरे इनवेस्टमेंट विकल्पों (Investment Options) से कम भी होता है।
लॉक इन पीरियड
एक बार जब आप एफडी (FD lock in period) में निवेश करना शुरू कर देते हैं तो आपका पैसा एफडी की अवधि तक लॉक हो जाता है। इसका मतलब यह है कि यदि अचानक आपको पैसों की जरूरत आन पड़ती है तो ऐसी स्थिति में आप एफडी की अवधि पूरी होने से पहले पैसे विड्रॉल नहीं कर सकते हैं।
TDS की कटौती -
बता दें कि एफडी पर मिलने वाला ब्याज इनकम टैक्स (Income Tax) के दायरे में आता है। इसका सीधा सा मतलब है कि आपको मिलने वाले ब्याज पर टैक्स देना होगा। इसके अलावा एफडी पर टीडीएस (TDS) की भी कटौती की जाती है।
महंगाई से कम इंटरेस्ट रेट -
वैसे तो बैंक समय समय पर एफडी की ब्याज दरों को अपडेट करते रहते हैं लेकिन अधिकांश बार एफडी की इंटरेस्ट रेट (FD Interest Rate) महंगाई दर से कम ही होती है। ऐसे में यदि एफडी से महंगाई दर से अधिक ब्याज नहीं मिलता तो उसमें निवेश करने पर आपको कुछ खास फायदा नहीं मिलेगा। हालांकि, नुकसान उठना पड़ेगा। यदि महंगाई की दर आपके एफडी की ब्याज दर से अधिक है तो समय के साथ-साथ आपके पैसों की वैल्यू कम होती जाएगी।
समय से पहले FD तोड़ने पर जुर्माना -
अगर कभी न कभी आपको अचानक पैसों की जरूरत पड़ जाती है तो ऐसी स्थिति में आप एफडी की समय अवधि पूरा होने से पहले पैसे निकाल सकते हैं। लेकिन इसके लिए आपको जुर्माना या प्री मेच्योर पेनाल्टी (FD Premature Penalty Rules) देनी होती है। इसके अलावा आपको एफडी पर कोई कैपिटल गेन्स टैक्स नहीं देना होता है।
बैंक दिवालिया होने पैसा डूबने का खतरा -
आज के समय में लोग एफडी (FD) में इसलिए निवेश करना पसंद करते हैं क्योंकि इसमें पैसा सुरक्षित रहता है। लेकिन बता दें कि इसके लिए भी एक लिमिट है प्रत्येक बैंक में प्रति जमाकर्ता 5 लाख रुपये तक का बीमा होता है, जिसमें मूलधन और ब्याज दोनों शामिल होते हैं। यदि बैंक दिवालिया हो जाता है और आपने 10 या फिर 15 लाख रुपये तक की एफडी कराई तो ऐसे में आपका पैसा डूब जाएगा।
