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EMI बाउंस होने पर पर रिकवरी एजेंट उठा ले जाए वाहन तो क्या करें, ग्राहक जान लें अपने अधिकार

Car Loan EMI Rules : आजकल बहुत से लोग लोन पर कार लेते हैं। कई बार विभिन्न कारणों से लोन की ईएमआई भरने में अधिकतर असमर्थ भी हो जाते हैं। ऐसा होने पर बैंक कई तरह के कदम उठाता है। बैंक के रिकवरी एजेंट (recovery agent rules) गाड़ी को उठाकर ले जाते हैं। ऐसे में आपकी परेशानी बढ़ जाती है, लेकिन इसके बावजूद आपके कुछ अधिकार (borrower's rights) होते हैं। इन अधिकारों की जानकारी लेकर आप अपनी समस्या का समाधान भी कर सकते हैं। आइये जानते हैं क्या हैं वे अधिकार।

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EMI बाउंस होने पर पर रिकवरी एजेंट उठा ले जाए वाहन तो क्या करें, ग्राहक जान लें अपने अधिकार

HR Breaking News : (Car loan EMI)। कार लोन के लिए गाड़ी की 80 प्रतिशत तक की कीमत का लोन होने के कारण यह आजकल सुविधाजनक विकल्प समझा जाने लगा है। लेकिन जब कार लोन की ईएमआई (loan EMI) मिस होती है तो आप बैंक या फाइनेंस कंपनी की नजरों में आ जाते हैं।

बैंक को लोन राशि डूबने का खतरा होने लगता है और वह इसकी भरपाई करने के लिए कई तरह के एक्शन लोनधारक (loan borrower's rights) पर लेता है। ऐसे में लोनधारक अपने अधिकारों का उपयोग करके इस समस्या का हल निकाल सकते हैं। अगर आपके साथ भी ऐसी ही स्थिति बन रही है तो लोनधारक के इन अधिकारों को जरूर जान लें। 


ईएमआई मिस होने पर बैंक का कदम-


अगर आप कार लोन की ईएमआई (EMI payment rules) नहीं चुकाते हैं तो पहली ईएमआई मिस होने पर बैंक अपनी कार्रवाई शुरू कर देता है। पहली ईएमआई मिस होते ही आप बैंक (bank news) के रडार पर आ जाते हैं। बैंक गाड़ी को अपने कब्जे में भी ले सकता है।

पहली बार ईएमआई बाउंस होती है तो बैंक रिमाइंडर  भेजता है और पेनल्टी (panelity on EMI bounse) के साथ भुगतान के लिए कहता है। दूसरी बार ईएमआई मिस होने पर  बैंक से ईएमआई चुकाने के लिए नोटिस (bank notice) आता है। साथ ही बैंक से रिकवरी एजेंट भी घर आकर सवाल जवाब करते हैं। इसके अलावा लोन डॉक्यूमेंट्स में तय किए गए गारंटरों से भी संपर्क किया जाता है।

बैंक कब लेता है कब्जे में वाहन-


कार लोन लेने के बाद इसकी तीन ईएमआई(EMI bounse rules) कोई ग्राहक लगतार नहीं चुका पाता है और बैंक को इसकी वजह भी नहीं बताता है तो  बैंक आपके केस को नॉन परफॉर्मिंग असेट (NPA account) में डाल देता है और सख्त एक्शन भी ले सकता है। ऐसा होने पर बैंक कार रिकवरी की कार्रवाई शुरू कर देता है। इस कार्रवाई के दौरान बैंक रिकवरी एजेंट्स (bank recovery rules) आपके घर आना शुरू हो जाते हैं। जरूरी प्रक्रिया पूरी करते हुए वे कागजी कार्रवाई के बाद गाड़ी को साथ ले जाते हैं। 

1 महीने का मिलता है ग्राहक को समय-


गाड़ी रिकवर कर लेने के बाद बैंक (bank loan news) एक महीने का समय देगा। इन 30 दिनों में आपको चार महीनों की ईएमआई, पैनल्टी और गाड़ी जहां पर पार्क की गई है उसका पार्किंग चार्ज देना होगा। तब जाकर आप गाड़ी को अपने पास रख सकते हैं।

लोनधारक के अधिकार-


लोन लेने के बाद उसे चुकाने में असमर्थ हो जाते हैं तो यह अपराध की श्रेणी में नहीं आता है, लेकिन जानबूझकर धोखाधड़ी करने पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है। लोनधारक के भी कई अधिकार होते हैं। बैंक रिकवरी एजेंट लोन (loan default case) की ईएमआई न भरे जाने पर जबर्दस्ती गाड़ी उठाकर नहीं ले जा सकते। न ही रिकवरी एजेंट आपके साथ बुरा बर्ताव कर सकता है। अगर रिकवरी एजेंट (rules for recovery agent) ऐसा करता है तो आप पुलिस में शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।

बैंक नहीं दे सकते किसी को यह जानकारी-


कार लोन लेने वाले या एग्रीमेंट में गारंटर (loan gaurantor) के अलावा आपकी फाइनेंशियल कंडीशन साझा करने का अधिकार बैंक को नहीं होता। यह जानकारी सबसे दूर रखी जाती है, इसलिए आप ईएमआई (EMI rules) नहीं चुका पा रहे हैं तो बैंक से संपर्क करके खुलकर बिना किसी दबाव के अपनी फाइनेंशियल कंडीशन के बारे में बता सकते हैं। 

बैंक से अतिरिक्त समय मांगकर करें समाधान-


बैंक मैनेजर से मिलकर लोन की ईएमआई चुकाने (loan repayment) के लिए अतिरिक्त समय मांगा जा सकता है। हालांकि, यह बैंक पर निर्भर होता है कि आपको अतिरिक्त समय मिले या न मिले। अतिरिक्त समय मिलना एक सुविधा जैसा है, इसलिए अतिरिक्त समय मिलने पर आपको अधिक ब्याज या इस पर पेनल्टी (panelity on EMI missing) देनी पड़ सकती है।