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Wheat Procurement : हरियाणा के किसानों के लिए बड़ी खबर! आज से शुरू होगी गेहूं की खरीद, पूरे राज्य में खोल दिए 414 सेंटर

Wheat Purchase in Haryana : अभी से सरकार की तरफ से किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आ रही है। पूरे प्रदेश में रबी सीजन की सरसों और गेहूं की सरकारी खरीद करने के लिए क्रय केंद्र को चिंहित कर दिया गया है। बता दें कि आज से ही गेहूं की खरीद शुरू हो जाएगी। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने इसके लिए पूरी तैयारी बर ली है। आइए जानते है इसके बारे में पूरी जानकारी विस्तार से..

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Wheat Purchase in Haryana : अभी से सरकार की तरफ से किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आ रही है। पूरे प्रदेश में रबी सीजन की सरसों और गेहूं की सरकारी खरीद (Government procurement of mustard and wheat) करने के लिए क्रय केंद्र को चिंहित कर दिया गया है। बता दें कि आज से ही गेहूं की खरीद शुरू हो जाएगी। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने इसके लिए पूरी तैयारी बर ली है। आइए जानते है इसके बारे में पूरी जानकारी विस्तार से..

सरकार ने किसानों को बड़ी रहत भरी खबर दे दी है।  हरियाणा और पंजाब में आज से गेहूं खरीद शुरू (Wheat procurement starts in Haryana and Punjab from today) होगी. बात अगर हरियाणा की करें तो सरकार ने राज्य भर में गेहूं की खरीद के लिए 414 क्रय केंद्र खोले गए हैं. बाजार समिति के अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने गेहूं खरीद के लिए सभी तैयारियां कर ली हैं. 


खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने खरीदे गए स्टॉक को मंडियों से गोदामों तक पहुंचाने के लिए टेंडर्स भी जारी कर दिए हैं. खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के निदेशालय ने कहा कि कुल 414 खरीद केंद्रों में से, सबसे अधिक 63 सिरसा जिले में स्थापित किए गए हैं. उसके बाद फतेहाबाद में 51 क्रय केंद्र खोल गए हैं.

कैथल और जींद जिलों में क्रमशः 43 और 41 खरीद केंद्र बनाए गए हैं, जहां सरसों की खरीद चल रही है. वहीं गेहूं की खरीद आज से शुरू होगी. खास बात यह है कि केंद्र सरकार ने गेहूं के लिए एमएसपी 2,275 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है जबकि सरसों का एमएसपी 5,650 रुपये प्रति क्विंटल है. राज्य सरकार ने यह अनिवार्य कर दिया है कि जिन किसानों ने अपनी रबी फसल का डेटा 'मेरी फसल मेरा ब्योरा' (MFMB Portal) पर अपलोड किया है, उनकी उपज खरीद केंद्रों पर एमएसपी पर खरीदी जाएगी.


सरसों की खरीद 28 मार्च से तो गेहूं की एक अप्रैल से होगी शुरू


सरसों की खरीद 28 मार्च से और गेहूं की एक अप्रैल से शुरू होगी। सरसों की खरीद को लेकर भी एजेंसी को हायर कर लिया है। हैफेड (HAFED) ही नैफेड के लिए सरसों की खरीद करेगी। सरकार की ओर से अभी गेहूं की खरीद को लेकर 414 क्रय केंद्र खोल दिए है। 


गेहूं के लिए इन मंडियों में बने सेंटर


आदमपुर, अग्रोहा, बालसमंद, बांडाहेड़ी, बरवाला, बास, दौलतपुर, घिराय, हांसी, हसनगढ़, हिसार, खांडाखेड़ी, खेड़ी जालब, कोथकलां, लोहारी राघो, नारनौंद, पाबड़ा, पेटवाड़, सरसौद, श्यामसुख, सिसाय, थुराना, उकलाना, कैमरी, राजली, मतलौडा आदि में सेंटर बनाए गए हैं, जहां पर खरीद (Center built for Wheat purchase) होगी।

सरसों के लिए यह बनाए सेंटर (Center built for mustard purchase) जिले में बास, हांसी, हिसार, लौहारीराघो, उकलाना, आदमपुर, बरवाला, अग्रोहा, घिराय, सिसाय, बालसमंद, खेड़ी लोहचब आदि मंडियों में खरीद सेंटर बनाए गए हैं।


63 फीसदी तक किसानों ने किया पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन


जानकारी के लिए बता दें कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार, कुल रबी फसलों (Rabi crops) का लगभग 63 प्रतिशत एमएफएमबी पोर्टल पर पंजीकृत किया गया है. भिवानी में जिला प्रशासन ने राजस्थान सीमा पर सड़कों पर निगरानी बढ़ा दी है, ताकि वहां के किसानों को हरियाणा की मंडियों में उपज लाने और यहां एमएसपी पर बेचने से रोका जा सके. 


एक अधिकारी ने कहा कि राजस्थान से उपज लाकर हरियाणा की अनाज मंडियों (Grain Markets of Haryana) में एमएसपी पर बेचने की प्रथा पहले से ही चली आ रही थी. भिवानी की मंडियों में राजस्थान से रबी उपज की अनाधिकृत आवक को देखते हुए राजस्थान की सीमा से सटे लोहारू और सिवानी क्षेत्र में पुलिस नाके स्थापित किए गए हैं.

किसानों को न हो कोई परेशानी


अधिकारी ने इसके बारे में कहा कि उपायुक्त नरेश नरवाल ने इन चौकियों पर पुलिस (police at checkpoints) के साथ-साथ नागरिक अधिकारियों को भी तैनात किया है. उन्होंने कहा कि अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि राजस्थान से सरसों और गेहूं की उपज को भिवानी में अनुमति न दी जाए. डीसी ने सभी अधिकारियों को आदेशों का सख्ती से पालन करने का भी निर्देश दिया है. खरीद प्रक्रिया सुचारु रूप से चले इसके लिए डीसी ने प्रत्येक मंडी में समितियां भी गठित की हैं. 


डीसी ने कहा कि किसानों को खरीद के दौरान किसी भी समस्या का सामना नहीं करना चाहिए. एमएफएमबी पोर्टल (MFMB Portal) पर पंजीकृत फसलें ही खरीदी जाएं. किसानों को टोकन प्राप्त करने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए. किसानों के लिए साफ-सफाई और अन्य उचित सुविधाएं होनी चाहिए.