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FD के ब्याज पर कब नहीं देना होता टैक्स, निवेश करने वाले जान लें नियम

Bank FD - निश्चित रिटर्न और कम जोखिम के कारण, आज भी कई निवेशक निवेश के कई विकल्पों के बावजूद फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) को प्राथमिकता देते हैं. लेकिन अधिकतर लोगों को इस बात की जानकारी नहीं है कि एफडी के ब्याज पर कब टैक्स नहीं देना होता है... ऐसे में अगर आप भी इसके बारे में नहीं जानते है तो चलिए आइए जान लेते है नीचे इस खबर में- 

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FD के ब्याज पर कब नहीं देना होता टैक्स, निवेश करने वाले जान लें नियम

HR Breaking News, Digital Desk- (Bank FD) निश्चित रिटर्न और कम जोखिम के कारण, आज भी कई निवेशक निवेश के कई विकल्पों के बावजूद फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) को प्राथमिकता देते हैं. निवेशक अपनी आवश्यकताओं के अनुसार एफडी की अवधि का चयन कर सकते हैं. कई बैंक हैं जो एफडी पर आकर्षक ब्याज दरें प्रदान करते हैं। हालांकि, एफडी पर अर्जित ब्याज पर टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) लागू होता है.

टीडीएस क्या है?

टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) सरकार द्वारा आय के स्रोत पर सीधे एकत्र किया जाने वाला कर है. जब आप ब्याज, किराया या वेतन जैसी आय प्राप्त करते हैं, तो टीडीएस काटा जाता है. यह राशि सरकार के पास जमा की जाती है। आप आयकर रिटर्न दाखिल करके अतिरिक्त टीडीएस वापस पा सकते हैं। यह कर संग्रह को सुव्यवस्थित करता है और कर चोरी को कम करता है।


एफडी पर टीडीएस कैसे लगता है-

बैंक में निवेशकों (investors in banks) के द्वारा कराई गई एफडी पर ब्याज मिलता है. इसी ब्याज पर बैंक के द्वारा टीडीएस काटा जाता है. जिसे सरकार के खाते में जमा किया जाता है. पहले से तय दरों के अनुसार टीडीएस (TDS) काटा जाता है. जिसे व्यक्ति के इनकम टैक्स खाते में जोड़ दिया जाता है.


 

कैसे होती है टीडीएस की गणना-

एफडी (Bank FD) पर मिलने वाला ब्याज पूरी तरह से करयोग्य होता है. जिसे अन्य स्त्रोत से आय माना जाता है. इस पर टीडीएस की गणना ब्याज की राशि, अवधि और व्यक्ति के टैक्स स्लैब के अनुसार की जाती है.

यदि किसी व्यक्ति की करयोग्य आय 2.5 लाख रुपये सालाना से कम है तो उस पर टैक्स का भुगतान (payment of tax) नहीं होता है. यदि संस्थान द्वारा सोर्स पर टैक्स काट (cut tax) भी लिया जाता है तो बाद में आयकर रिटर्न फ़ाइल (income tax return file) करके टैक्स रिफंड प्राप्त किया जा सकता है.

 

कब नहीं देना होगा एफडी के ब्याज पर टैक्स-

यदि किसी व्यक्ति ने एफडी पर सालाना 40,000 रुपये या इससे कम ब्याज कमाया है तो ऐसे में टीडीएस का भुगतान नहीं किया जाएगा. जब एफडी पर मिलने वाला ब्याज 40,000 रुपये से ज्यादा हो जाता है तो ऐसे में बैंक की तरफ से ब्याज पर 10 फीसदी टीडीएस काटा जाता है.

- वरिष्ठ नागरिकों (Senior Citizen) को 50,000 रुपये तक के ब्याज पर कोई टीडीएस का भुगतान नहीं करना पड़ता.

- इस मामले में काटा जाएगा 20 फीसदी TDS

- यदि किसी व्यक्ति के पास पैन कार्ड नहीं है तो ऐसे में उसे एफडी के ब्याज पर बीस प्रतिशत टीडीएस भी देना पड़ सकता है.