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ऑक्सीजन प्लांटों से हटाकर जेबीटी शिक्षकों को भेजा जाए स्कूलों में

एचआर ब्रेकिंग न्यूज। हिसार । केंद्र व राज्य सरकार के आदेश जारी होने के बाद भी एक जून से ऑक्सीजन प्लांटों पर बिना किसी काम के जेबीटी शिक्षकों को ही जबरन ड्यूटियां दिए जाने को लेकर मंगलवार को राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने सीटीएम मोहित से मिलकर तत्काल प्रभाव से जेबीटी शिक्षकों को इस ड्यूटी
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ऑक्सीजन प्लांटों से हटाकर जेबीटी शिक्षकों को भेजा जाए स्कूलों में

एचआर ब्रेकिंग न्यूज। हिसार । केंद्र व राज्य सरकार के आदेश जारी होने के बाद भी एक जून से ऑक्सीजन प्लांटों पर बिना किसी काम के जेबीटी शिक्षकों को ही जबरन ड्यूटियां दिए जाने को लेकर मंगलवार को राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने सीटीएम मोहित से मिलकर तत्काल प्रभाव से जेबीटी शिक्षकों को इस ड्यूटी से रिलीव कर उन्हें वापस उनके मूल स्कूलों में भेजने की मांग की गई।
संघ के सुनील बास ने बताया कि कोविड 19 के दूसरे चरण में लगातार जेबीटी शिक्षकों द्वारा 24 घंटे की ड्यूटियां प्रशासन द्वारा लगाई गई, जिसे पूरी निष्ठा के साथ निभाना भी गया। लेकिन अब हालात सामान्य होने पर एक जून से केन्द्र सरकार ने आक्सीजन प्लांटों से औघोगिक सप्लाई के आदेश जारी किए जा चुके हैं। वहीं इन प्लांटों से अन्य विभागों के कर्मचारियों के साथ साथ पुलिस विभाग की ड्यूटियां काटकर उन्हें उनके मूल विभाग में भेजा जा चुका है, परंतु शिक्षकों को केवल खाली बैठाने की तरफ किसी का ध्यान ही नहीं है। जबकि एक जून से शिक्षकों के लिए स्कूल खोले जा चुके हैं। शिक्षकों को नए दाखिले, ड्राप आउट बच्चों को स्कूल लाना, मिड डे मील राशन वितरित करने के साथ साथ अन्य आवश्यक विभागीय कार्यों का निपटान करने जैसे कार्य प्रभावित हो रहें हैं।

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यह है स्थिति
वतर्मान में 27 मई से चल रही ड्यूटियों में 30 जेबीटी शिक्षकों में से दो प्राथमिक स्कूलों जीपीएस ढाणी विष्णु व जीपीएस पुराना खारिया  के 100प्रतिशत स्टॉफ चारों के चारों शिक्षकों की ड्यूटियां लगा रखी हैं। खुद शिक्षा विभाग द्वारा प्रशासन को सूचित किया जा चुका है परंतु कोई सुनवाई नहीं हो पा रही। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रशासन का रवैया शिक्षकों के प्रति कैसा है। इस बारे सीटीएम हिसार से मांग की गई कि तत्काल प्रभाव से जेबीटी शिक्षकों की ड्यूटी हटाई जाए।
डिप्टी डीईओ को भी सौंपा ज्ञापन

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वहीं पिछले ब्लाक की एलटीसी के बजट की मांग को लेकर डिप्टी डीईओ राजेश जैन को निदेशक मौलिक शिक्षा के नाम ज्ञापन सौंपकर मांग की गई कि एक तरफ तो सरकार इस ब्लाक की एलटीसी के संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर रही है, वहीं पिछले ब्लाक की वो एलटीसी जो दिसम्बर 2019 से स्वीकृति मिल चुकी हैं, उनके बजट के बारे में चुप्पी साधे बैठी है। उल्लेखनीय है कि एलटीसी किसी भी सरकारी कर्मचारी को हर चार साल में एक माह के वेतन के बराबर राशी नगद प्रदान की जाती है। पिछले ब्लाक 2016 से 2019 की स्वीकृति प्राप्त एलटीसी के बजट की 40 प्रतिशत के करीब शिक्षक आज तक राह तक रहे हैं। जबकि अब अगले ब्लाक 2020 से 2023 का भी डेढ़ साल बीतने को पर वित्त विभाग सबकुछ जानते हुए भी अपने नाक कान मुंह बन्द किए बैठा है, जिसे लेकर शिक्षकों में भारी रोष है। इस मौके पर जयभगवान बडाला,  सुनील बास, सुरेश लितानी, सतीश वस्त, रमेश सिसाय आदि शिक्षक नेता शामिल रहें।