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भारत का ये गांव दुनिया में सबसे अमीर, गांव के 17 बैंकों में हैं 5000 करोड़

क्या आपको पता है भारत का सबसे अमीर गांव कौनसा है। नहीं पता तो आज हम आपको बताते हैं इस गांव के बारे में। जानिये इस गांव की खास्यित। 
 
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Richest Village madhapar village history in hindi

richest village in india :  बैंक डिपोजिट के मामले में दुनिया के सबसे अमीर गांवों में से एक भारत में है. आपको जानकर हैरानी होगी कि गुजरात के कच्छ जिले के माधापार में लगभग 7,600 घर और 17 बैंक हैं और इन घरों के मालिक ज्यादातर यूके, यूएसए, कनाडा और दुनिया के कई अन्य हिस्सों में रहते हैं.

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स्विमिंग पूल (swimming pool) से लेकर शॉपिंग मॉल (Shopping Mall) तक


ये इतना समृद्ध गांव है कि दुनियाभर से लोग इसको देखने आते हैं. इस गांव में प्ले स्कूल से लेकर इंटर कॉलेज तक हिंदी और इंग्लिश मीडियम की पढ़ाई के लिए हैं. गांव का अपना शॉपिंग मॉल है, जहां दुनिया भर के बड़े ब्रांड रहते हैं. गांव में तालाब भी है और बच्चों को नहाने के लिए शानदार स्विमिंग पूल भी.

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विदेश में रहकर भी गांव से लगाव

Richest Village madhapar village history in hindi
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सबसे बड़ी बात ये भी है कि लोग तो इस गांव से बाहर गए, लेकिन गांव को हमेशा पकड़े रखा. गांव से उनका संपर्क हमेशा बना रहा. मधापर गांव के लोग विदेश से पैसा कमा कर गांव में जमा करते हैं. इस गांव के प्रत्येक घर में से कम से कम 02 लोग विदेश में रहते हैं.

 


BANK में जमा है 5000 करोड़ रुपये

Richest Village madhapar village history in hindi
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इस गांव में जो 17 बैंक हैं, वो सभी जाने-माने BANKS की ब्रांचेज हैं. इनमें 5000 करोड़ रुपये जमा है. आमतौर पर यहां के लोग भारत के दूसरे शहरों में जाने की तुलना में लंदन, कनाडा, अमेरिका, केन्या, यूगांडा, मोजांबिक, दक्षिण अफ्रीका और तंजानिया केन्या चले गए. वहीं जाकर बस गए.

 


आज भी खेती (Farming) करते हैं लोग


कृषि क्षेत्र की समृद्धि में एक बड़ी भूमिका निभाती है, और अधिकांश कृषि सामान मुंबई को निर्यात किया जाता है. इस गांव के लोग अब भी खेती-बाड़ी करते हैं, किसी ने अपना खेत नहीं बेचा.  गांव में अत्याधुनिक गौशाला भी है. गांव का अपना कम्युनिटी हॉल है. गांव के पोस्ट ऑफिस में 200 करोड़ रुपए की फिक्स डिपाजिट है.

 


1968 में बनाया गया संगठन (Madhapar Village Association)


1968 में लंदन में माधापर विलेज एसोसिएशन (Madhapar Village Association) नामक एक संगठन का गठन किया गया था. दफ्तर इसलिए खोला गया ताकि माधापार गांव के लोग आपस में मिलें.

इसी तरह गांव में एक कार्यालय खोला गया है ताकि लंदन से सीधा संपर्क बना रह सके. यह यूके में रहने वाले गांव के लोगों को एक करीबी समुदाय बनाने और संस्कृति और मूल्यों को जीवित रखने में भी मदद करता है.