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SC के इतिहास में पहली बार 9 जजों ने एक साथ ली शपथ, जल्द ही देश को मिल सकती है पहली महिला चीफ जस्टिस

एचआर ब्रेकिंग न्यूज़: आज पहली बार सुप्रीम कोर्ट के 9 जजों ने एक साथ शपथ ली है। ऐसा सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में पहली बार हुआ है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में आज 9 जजों ने शपथ ली जिसमे 3 महिलाएं भी शामिल है। इन महिला जजों में से एक महिला जस्टिस बीवी नागरत्ना भी शामिल
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SC के इतिहास में पहली बार 9 जजों ने एक साथ ली शपथ, जल्द ही देश को मिल सकती है पहली महिला चीफ जस्टिस

एचआर ब्रेकिंग न्यूज़: आज पहली बार सुप्रीम कोर्ट के 9 जजों ने एक साथ शपथ ली है। ऐसा सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में पहली बार हुआ है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में आज 9 जजों ने शपथ ली जिसमे 3 महिलाएं भी शामिल है। इन महिला जजों में से एक महिला जस्टिस बीवी नागरत्ना भी शामिल है। माना जा रहा है कि, 2027 तक देश को पहली महिला चीफ जस्टिस मिल जाएगी और वो महिला बीवी नागरत्ना हो सकती है। वही, दूसरी और जस्टिस जस्टिस पीएस नरसिम्हा भी है जीने बार सीधे सुप्रीम कोर्ट में अप्पोइंट कर रहा है। सूत्रों के अनुसार वे 2028 तक चीफ जस्टिस बन सकते हैं।

जानिए कौन-कौन है ये 9 जज

जस्टिस बीवी नागरत्ना: बीवी नागरत्ना को 2008 में कर्नाटक के हाईकोर्ट में एडिशनल जज के तौर पर नियुक्त किया गया था। साल 2012 में फेक न्यूज़ के बढ़ते मामलों को लेकर बीवी नागरत्ना ने निर्देशानुसार मीडिया ब्रॉडकास्टिंग को रेगुलेट करने की संभावनाओं की जांच की। साथ ही सरकारी नियंत्रण के खतरों से भी आगाह किया था।

जस्टिस हिमा कोहली: हिमा कोहली तेलंगाना हाईकोर्ट की जज थीं। तेलंगाना हाई कोर्ट की पहली महिला जज की उपलब्धि भी इन्हे हासिल है। हिमा कोहली को भारत में लीगल मदद और एजुकेशन जैसे मुद्दों से जुड़े फैसलों के लिए जाना जाता है। दिल्ली हाई कोर्ट की जज रहते हुए उन्होंने दृष्टि बाधित लोगों को सरकारी शिक्षण संस्थानों में सुविधाएं दिए जाने जैसे अहम फैसला सुनाया था। साथ ही इन्होने नाबालिग आरोपियों की पेचान जैसे कई अहम फैसले भी सुनाए है।

जस्टिस बेला मनधूरिया त्रिवेदी: बेला त्रिवेदी गुजरात हाईकोर्ट में जज रही उसके बाद एडिशनल जज के तौर पर भी काम किया। इन्होने राजस्थान हिघ्कोर्ट में भी एडिशनल जज के रूप में काम किया है।

जस्टिस जितेंद्र कुमार माहेश्वरी: जस्टिस माहेश्वरी सिक्किम हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके हैं। आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस और मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में भी जज रह चुके है। ये हाईकोर्ट की बेंच के लिए प्रमोट होने से पहले ग्वालियर में ही वकील थे।

जस्टिस अभय श्रीनिवास ओका: अभय त्रिवेदी बॉम्बे हाईकोर्ट में एडिशनल जज के तौर पर कार्यरत थे। इसके बाद इन्हे कर्नाटक के चीफ जस्टिस अपॉइंट किया गया। कर्नाटक का चीफ जस्टिस रहते हुए इन्होने लोगों के मौलिक अधिकारों की रक्षा और राज्यों की ज्यादतियों को लेकर फैसले दिए हैं। जस्टिस ओका को कॉन्स्टिट्यूशनल और सर्विस मैटर्स जैसे मामलों में फैसला सुनाने के लिया जाना जाता है।

जस्टिस सीटी रवि: सीटी रवि केरल हाईकोर्ट में जज के तौर पर काम कर चुके है। केसों के स्पीड ट्रायल को लेकर सीटी रवि ने बड़ी टिप्पणी की थी, इन्होने कहा था कि कानून की उम्र लम्बी होती है, लेकिन ज़िंदगी छोटी। ये टिप्पणी 2013 में करप्शन के एक मामले में की गयी थी जिस जिस वजह से दो केसों को अलग हुए थे, ताकि उनके ट्रायल जल्दी हो सकें।

जस्टिस विक्रम नाथ: ये गुजरात के हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस रह चुके है। इसके साथ-साथ विक्रम नाथ इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस भी रह चुके है। जस्टिस नाथ देश के पहले ऐसे चीफ जस्टिस थे, जिन्होंने हाईकोर्ट की वर्चुअल कार्यवाही शुरू की थी।

जस्टिस एमएम सुंदरेश: जस्टिस सुंदरेश केरल हाईकोर्ट के जज हैं। इन्होने 1985 में वकालत शुरू की थी। चेन्नई से BA करने के बाद और मद्रास लॉ कॉलेज से लॉ की डिग्री हासिल की।

जस्टिस पीएस नरसिम्हा: पीएस नरसिम्हा पहले जज है जिन्हे सुप्रीम कोर्ट में अपॉइंट किया गया था। बार द्वारा सीधे सुप्रीम कोर्ट में अपॉइंट होने वाले ये देश के 9 वे जज हैं और माना जा रहा है कि, 2028 में चीफ जस्टिस भी बन सकते हैं। यदि पीएस नरसिम्हा चीफ जस्टिस बनते है तो बार से अपॉइंट होने के बाद चीफ जस्टिस बनने वाले वे तीसरे न्यायाधीश होंगे। इटली नौसेना जैसे कई अन्य मामलों से भी जुड़े है, साथ ही BCCI ने इन्हे प्रशासनिक कार्यों से जुड़े मामलों को सुलझाने के लिए मध्यस्थ भी नियुक्त किया था।

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