राजनीतिक पार्टियों के झंडों से ज्यादा किसान यूनियन के झंडों की डिमांड, सबसे महंगा हुआ किसानों का झंडा

अंबाला। हरियाणा में हुए नगर निगम के चुनाव को लेकर फैक्ट्री एरिया में शिव प्रकाश ने अपनी दुकान में राजनीतिक पार्टियों के पोस्टर, स्टीकर, फ्लैग, बैनर, कार्ड और लड़ियों के अलावा हर तरह का चुनाव प्रचार का 2 लाख तक का सामान स्टोर किया था। उन्हें उम्मीद थी कि शायद नगर निगम के चुनाव में उन्हें अच्छी आमदन हो। लेकिन शिव कुमार का कहना है कि नगर निगम चुनाव में किसान आंदोलन के चलते पार्टियों के चुनाव प्रचार का सामान नहीं बिका।
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पार्टियों के चुनाव प्रचार के सामान से 2 लाख रुपए का सामान दुकान में धरा का धरा रह गया। शिवप्रकाश कहते हैं कि अब किसान यूनियन के झंडे खासी मात्रा में बिक रहे हैं। अब यूनियन के झंडों से ही घाटा पूरा हो पाएगा। साथ ही एक किसान यूनियन की ओर से 1.50 लाख रुपये के झंडो और टोपियों का ऑर्डर मिला है।
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उन्होंने बताया कि नगर निगम चुनाव में मांग देखते हुए हमने अतिरिक्त स्टाक मंगा लिया था। मगर पंद्रह दिनों में ही बिक्री आधी रह गई। इस कारण काफी माल बिना बिके रह गया है। अब हमें एक टी-शर्ट के साथ एक फ्री देना पड़ रहा है। अन्य चुनावी सामग्री पर भी 50 फीसदी तक की छूट दी जा रही है। अब तो पार्टियों के चुनाव प्रचार का सामान जिला परिषद के चुनावों में ही बिकने की उम्मीद है।