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व्हाट एन आइडिया सर जी! नए-नए प्रयोगों के लिए मशहूर है हरियाणा का ये स्वास्थ्य केंद्र

कुरुक्षेत्र। व्हाट एन आइडिया डा. साहब…। कृष्णा नगर गामड़ी शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में आकर आप भी कुछ ऐसा ही कहेंगे। यहां के प्रभारी ने छोटे-छोटे प्रयोग करके इस पीएचसी को न केवल देश की पहली गुणवत्ता आश्वासन मानक वाला स्वास्थ्य केंद्र बना दिया, बल्कि अलग-अलग प्रतियोगिताओं में भाग लेकर इन्हीं की बदौलत साढ़े चार लाख
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व्हाट एन आइडिया सर जी! नए-नए प्रयोगों के लिए मशहूर है हरियाणा का ये स्वास्थ्य केंद्र

कुरुक्षेत्र। व्हाट एन आइडिया डा. साहब…। कृष्णा नगर गामड़ी शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में आकर आप भी कुछ ऐसा ही कहेंगे। यहां के प्रभारी ने छोटे-छोटे प्रयोग करके इस पीएचसी को न केवल देश की पहली गुणवत्ता आश्वासन मानक वाला स्वास्थ्य केंद्र बना दिया, बल्कि अलग-अलग प्रतियोगिताओं में भाग लेकर इन्हीं की बदौलत साढ़े चार लाख रुपये भी जीते हैं।

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इस पीएचसी में मरीजों को दी जाने वाले सुविधाओं से लेकर हर सामान यहां तक कि सफाई करने का रिकार्ड चार्ट पर रोजाना अपडेट किया जाता है। शायद ही सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में आपने पहले कहीं देखा या सुना होगा, मगर इन्हीं छोटे-छोटे प्रयोगों की वजह से यूपीएचसी ने एक बार फिर प्रदेश की कायाकल्प प्रतियोगिता में 25 पीएचसी में पहला स्थान प्राप्त किया है। इसके साथ ही दो लाख रुपये का इनाम भी जीता है।

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प्रभारी डा. प्रदीप सिंगला बताते हैं कि स्वास्थ्य केंद्र को पूरी तरह से कीटाणुमुक्त बनाने का प्रयास रंग ला रहा है। यहां मरीजों को सामान्य दिनों में महज आठ से नौ मिनट में पर्ची बनने से लेकर परामर्श और दवा तक मिल जाता है।

यह देखा गया पांच स्टेप में

कायाकल्प प्रतियोगिता में पीएचसी में साफ सफाई से लेकर संक्रमण नियंत्रण को विशेष रूप से देखा जाता है। इस शहरी पीएचसी में प्रोसिजर करने से पहले और बाद में चिकित्सक व स्टाफ अच्छे से हाथों को कीटाणुमुक्त करते हैं। यानी अच्छे से हाथ धोते हैं। दूसरा स्टेप पीपीई किट डालने और निकालने का है। तीसरा इंजेक्शन लगाते हुए सुई को गैर संक्रमित रखा जाता है।

मरीज को जहां बैठाया जा रहा है, टीका या उपचार देने के लिए लेटाया जा रहा है या जिन औजारों से उपचार दिया जाता है उसे पूरी तरह से कीटाणु मुक्त किया जा रहा है या नहीं इस बात का ख्याल भी इस केंद्र में विशेष तौर पर रखा जाता है। पांचवें स्टेप में केंद्र से निकलने वाले चार तरह के कचरे का प्रबंधन और निस्तारण जांचा गया। जिसमें पीएचसी ने अच्छी खासी छाप निर्णायक मंडल पर छोड़ी।

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