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Success Story : स्कूल से निकाल देने पर भी कम नहीं हुए हौसलें, IPS बनकर ही लिया दम

कहते हैं स्कूल में नंबर आपका भविष्य तय नहीं करते बल्कि आपकी काबिलियत करती हैं। ऐसे ही शख्स की कहानी आज हम आपको बताने जा रहे हैं जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन से ये साबित कर दिया कि जीवन में कुछ भी असंभव नहीं है। 

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Success Story : स्कूल से निकाल देने पर भी कम नहीं हुए हौसलें, IPS बनकर ही लिया दम

HR Breaking News (ब्यूरो)। संघ लोक सेवा के द्वारा कराई जाने वाली सिविल परीक्षा देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा मानी जाती है और बेहद कठिन होती है. इस बात से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि हर साल इस परीक्षा के लिए लाखों छात्र आवेदन करते हैं और उसमें से गिने-चुने लोगों को ही सफलता हासिल होती है.

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ऐसे में माना जाता है कि ये परीक्षा तो टॉपर्स के लिए ही बनी है, लेकिन ऐसे कई IAS-IPS हैं, जिनके बारे में अगर आप जान लेंगे तो आप भी सोचेंगे कि अगर इन्‍होंने इतनी परेशानी में इस परीक्षा को पास कर लिया तो, मैं क्‍यों नहीं कर सकता या नहीं कर सकती. ऐसे ही आज हम आपको एक ऐसे आईपीएस अधिकारी के बारे में बता रहे हैं जिन्‍हें कभी क्‍लास से बाहर कर दिया जाता था तो कभी स्‍कूल से ही निकाल दिया गया. ये आईपीएस अधिकारी है आकाश कुलहरि. जानिए इनकी पूरी कहानी.         

जब निकाल दिया स्‍कूल से 

आकाश कुलहरि ने एक इंटरव्यू में बताया था कि मेरा 10वीं का रिजल्ट आने के बाद मुझे स्कूल से निकाल दिया गया था, लेकिन फिर मेरा आत्मविश्वास जगा और मैंने कड़ी मेहनत की, उसी वजह से आज यहां तक पहुंचा. हां, ये बात सही है कि कभी हार न मानने का स्वभाव मुझमें था उसी वजह से आज मैं टॉप पर पहुंचा.

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फर्स्ट अटेम्प्ट में सक्‍सेस 

आकाश ने जेएनयू में पढ़ाई के दौरान ही सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू कर दी थी और उन्होंने साल 2005 में एम.फिल भी किया. किसी जमाने में क्‍लास से बाहर कर दिए जाने वाले आकाश ने पहले ही प्रयास में सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास कर ली. उन्‍हें ये सफलता 2006 में मिली थी. वे बताते हैं कि उनका ध्‍यान शुरुआत से ही खेलकूद में ज्यादा था.वो बताते हैं कि ग्रेजुएट होने तक उन्‍होंने अपना कोई करियर प्‍लान भी नहीं किया था, इसके बाद उन्होंने लक्ष्य तय किया और सफलता हासिल की.

राजस्‍थान के बिकानेर से है आकाश

  

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आकाश कुलहरि राजस्थान के बीकानेर जिले के रहने वाले है. उनकी पढ़ाई बीकानेर शहर के सीबीएसई बोर्ड के बीकानेर स्कूल से शुरू हुई थी. उन्‍होंने 10वीं कक्षा 57 प्रतिशत नंबरों के साथ पास की थी. उसी समय उन्‍हें कम नंबर आने की वजह से स्कूल से निकाल दिया था. इसके बाद बड़ी मुश्किल से परिवार वालों ने उनका एडमिशन केंद्रीय विद्यालय बीकानेर में करवाया.

वहां से उन्‍होंने इंटरमीडिएट परीक्षा 85 प्रतिशत के साथ पास की फिर उन्होंने दुग्गल कॉलेज में एडमिशन ले लिया. यहां से उन्होंने बीकॉम किया. उसके बाद आकाश ने जेएनयू दिल्ली से स्कूल ऑफ सोशल साइंस विषय से एमकॉम किया.