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Success Story :पिता को फल बेचते देख आया आइडिया, बना डाली आइसक्रीम

Business Ideas :अगर आप भी आइसक्रीम खाने के शौकीन हैं तो आज हम आपको एक ऐसी फलेवर आइसक्रीम के बारे में बताने जा रहे हैं जो करोडों की पसन्द हैं। इसे बनाने वाले ने इसमें सब नैचुरल फलों का इस्तेमाल किया है।

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HR Breaking News (ब्यूरो) : आइसक्रीम भला किसे पसंद नहीं! गर्मी तो गर्मी, सर्दियों में भी आइसक्रीम बड़े चाव से खाई जाती है. आपने स्ट्राबेरी, वनीला, मैंगो, ऑरेंज समेत तमाम तरह के फ्लेवर वाली आइसक्रीम खाई होगी. जब फलों के फ्लेवर वाली आइसक्रीम इतनी स्वादिष्ट होती है तो सीधे फलों से ही तैयार की गई आइसक्रीम और कितनी शानदार होगी न!
बस यही जिज्ञासा तो उठी थी, फल बेचनेवाले के बेटे रघुनंदन एस कामथ के मन में. और उनके इसी आइडिया ने ऐसा कमाल किया कि मुंबई में आइसक्रीम की एक छोटी सी दुकान चलाने वाले रघुनंदन ने ‘आइसक्रीम मैन’ के रूप में अपनी पहचान स्थापित कर ली. बात हो रही है, प्रसिद्ध आइसक्रीम कंपनी नैचुरल आइसक्रीम (Natural Icecream) की. आज देश के कोने-कोने में कंपनी के आइसक्रीम पार्लर हैं और कंपनी का सालाना टर्नओवर 300 करोड़ का है.

 

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तो चलिए, आइसक्रीम मैन की इस इंस्पाइरेशनल स्टोरी के बारे में आपको शुरुआत से बताते हैं.

फल बेचकर होता था परिवार का गुजारा


रघुनंदन का जन्म कर्नाटक के पुत्तुर तालुका में मुलकी नाम के एक छोटे से गांव में हुआ था. पिता फलों की खेती करते थे और फल बेचकर ही किसी तरह परिवार का गुजारा चलता था. The Better India की रिपोर्ट के मुताबिक, सात भाई-बहनों में रघुनंदन सबसे छोटे थे. वर्ष 1966 में रघु अपने भाइयों के पास मुंबई चले गए, जहां एक भाई गोकुल नाम से फूड इटरी चलाते थे. इडली, डोसा वगैरह के साथ वे ग्राहकों को आइसक्रीम भी देते थे. हालांकि, आइसक्रीम एक छोटा सा पार्ट था, उनके बिजनेस का.

छोटे से आइसक्रीम पार्लर से की शुरुआत


रघु आइसक्रीम में अपनी एक पहचान कायम करना चाहते थे. 1983 में उनकी शादी हुई और फिर उन्होंने आइसक्रीम का बिजनेस शुरू करने की सोची. आइसक्रीम तब एक क्लासी आइटम थी और बाजार में पहले से ही स्थापित ब्रांड भी पहले से थे. रघु ने रिस्क उठाया और तय किया कि वे केवल आइसक्रीम का ही काम करेंगे.

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तारीख थी- 14 फरवरी 1984, जब रघु ने मुंबई में Naturals Ice Cream, Mumbai नाम से पहला आउटलेट शुरू किया. उन्होंने इसके लिए जुहू (Juhu Natural Ice Cream) को चुना, कारण कि यहां बड़े-बड़े लोग रहा करते हैं. अब दिक्कत ये थी कि केवल आइसक्रीम खाने लोग वहां आ नहीं रहे थे तो उन्होंने इसके साथ पाव भाजी भी बेचना शुरू कर दिया. गर्म मसालेदार पाव भाजी के बाद लोगों को ठंडे और मीठे आइटम की तलब होती और रघु उन्हें आइसक्रीम परोसते थे.

बिना मिलावट, सजावट, न ज्यादा ना ही कम


अपने आइसक्रीम के स्वाद और गुणवत्ता को लेकर रघु का स्टैंड क्लियर था. ऐसे में उन्होंने केवल फल, दूध और चीन से आइसक्रीम तैयार किया. कोई मिलावट नहीं. एकदम नैचुरल. आज भी उनकी कंपनी की यही यूएसपी है. आम, चॉकलेट, सीताफल, काजूद्राक्ष और स्ट्रॉबेरी शुरू में सिर्फ 5 फ्लेवर की आइसक्रीम लॉन्च की गई थी.

पाव भाजी और आइसक्रीम साथ बेचने का उनका आइडिया चल निकला था और एक साल में इन्वेस्टमेंट से ज्यादा कमाई भी कर ली. लेकिन मन में कसक थी, आइसक्रीम को ब्रांड बनाने की. ऐसे में उन्होंने 1985 में पावभाजी बेचनी बंद कर दी. उनका आउटलेट (Juhu Naturals Icecream) चलता रहा और उन्होंने सिर्फ आइसक्रीम पार्लर को जारी रखा.


अब चुनौती थी मार्केट में कंपीटिशन की


रघु का आइसक्रीम पार्लर तो चल निकला था, लेकिन मार्केट में कंपीटिशन की चुनौती सामने थी. ऐसे में उन्होंने प्रॉडक्ट को सुपर स्पेशल बनाने पर फोकस किया. बहुत से सेलिब्रिटी उनके नियमित ग्राहक थे, जो अलग-अलग देशों से घूमकर आने के बाद उन्हें बताते कि विदेशों में उन्होंने आइसक्रीम के कौन-कौन से फ्लेवर खाए.

इन्हीं फीडबैक और सुझावों के आधार पर, उन्होंने अपने शुरूआती 5 फ्लेवर के अलावा, कटहल, कच्चा नारियल और काला जामुन जैसे फलों से भी आइसक्रीम बनाना भी शुरू कर दिया. सोचिए कि फल बेचने वाले के बेटे के लिए यह कितनी बड़ी बात थी. नारियल, कटहल और काला जामुन जैसे फलों की प्रोसेसिंग आसान नहीं थी, लेकिन रघु ने तमाम चुनौतियों को स्वीकार किया.

अपने हिसाब से मशीनें बनवाई और बढ़ चला कारोबार


फलों की प्रोसेसिंग के लिए उन्होंने खुद स्पेशल मशीनें बनवाई. अपनी जरूरत के हिसाब से डिजाइन कर मैन्युफैक्चर करवाया. मशीनों की मदद से काम तेज होने लगा तो उत्पादन बढ़ने लगा और बिजनेस भी. फ्रेंचाइजी के जरिये धीरे-धीरे कंपनी के आउटलेट भी बढ़ने लगा. कुछ आउटलेट रघुनंदन कामत के कंट्रोल में हैं, जबकि ज्यादातर फ्रेंचाइजी के तौर पर संचालित हो रहे हैं.

कंपनी का कहना है कि क्वालिटी के नाम पर न तो उन्होंने पहले समझौता किया है, न भविष्य में करेगी. आज देशभर में Naturals Ice Cream के 135 से ज्यादा आउटलेट हैं, जहां 20 से ज्यादा फ्लेवर्स की आइसक्रीम उपलब्ध हैं.