Success Story of IAS Officer Ummul Kher शरीर की सारी हड्डियां टूटने पर भी नहीं कम हुआ हौसला, झुग्गी में पढ़ाई कर हासिल की IAS की कुर्सी

HR Breaking News, डिजिटल डेस्क नई दिल्ली, Success Story of IAS Officer Ummul Kher: कहते हैं कि अगर आप जिद्दी हो तो आप अपने हर सपने को, सच्चाई में बदल सकते हो और कुछ ऐसा ही राजस्थान के पाली की रहने वाली आईएएस ऑफिसर उम्मुल खेर (Ummul Kher) ने कर दिखाया है. दरअसल, उम्मुल बचपन से ही दिव्यांग थीं. वो बोन फ्रेजाइल डिसऑर्डर (Bone Fragile Disorder) नामक बिमारी से पीड़ित हैं. इस बिमारी में इंसान के शरीर की हड्डिया बेहद कमजोर हो जाती हैं.
बोन फ्रेजाइल डिसऑर्डर की वजह से ही कई बार उम्मुल की हड्डियां अचानक टूट जाया करती थीं, जिस कारण उन्हें अपनी लाइफ में अब तक कुल 16 फ्रैक्चर और 8 सर्जरियों को झेलना पड़ा है. हालांकि, उन्होंने इतनी परेशानियों को झेलने के बाद भी कभी हार नहीं मानी और इसी के परिणामस्वरूप उन्होंने यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा (UPSC CSE Exam) पास कर डाली और आईएएस ऑफिसर (IAS Officer) बन गई.
झुग्गियों में रहकर तय किया बंगले तक का सफर
उम्मुल खेर (Ummul Kher) का जन्म राजस्थान के पाली मारवाड़ में एक बेहद ही गरीब परिवार में हुआ था. परिवार में तीन भाई-बहन और माता-पापा थे. जब उम्मुल बहुत छोटी थीं, तभी उनके पिता परिवार के गुजर-बसर के लिए दिल्ली आ गए थे. उनका परिवार दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में स्थित झुग्गी झोपड़ी में रहने लगा. उनके पिता फेरी लगाकर कपड़े बेचा करते थे, हालांकि इससे इतनी कमाई नहीं हो पाती थी कि घर का गुजारा अच्छे से हो पाए. एक समय तो ऐसा आया जब उम्मुल के पूरे परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा. एक सरकारी आदेश के बाद निजामुद्दीन की झुग्गियों को तोड़ दिया गया, जिसके बाद उनका पूरा परिवार सड़क पर आ गया था, लेकिन जैसे-तैसे करके उनका पूरा परिवार त्रिलोकपुरी की झुग्गियों में शिफ्ट हो गया था.
ट्यूशन पढ़ाकर निकाली UPSC के कोचिंग की फीस
उम्मुल के परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी. यही कारण था कि उम्मुल ने बहुत कम उम्र में ही ट्यूशन पढ़ाना शुरू कर दिया था और ट्यूशन पढ़ाकर ही वो अपने स्कूल की फीस दिया करती थीं. बता दें कि उम्मुल ने कक्षा 10वीं में 91 प्रतिशत और कक्षा 12वीं में 89 प्रतिशत अंक हासिल किए थे. इसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी (Delhi University) से ग्रेजुएशन करने के बाद उम्मुल ने जेएनयू (JNU) के इंटरनेशनल स्टडीज स्कूल से एमए (MA) किया और फिर यहीं के एमफिल और पीएचडी कोर्स में एडमिशन भी लिया. इसके साथ ही उन्होंने यूपीएससी की भी तैयारी शुरू कर दी. हालांकि, यूपीएससी की तैयारी करना उनके लिए बिल्कुल भी आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने अपनी कोशिश जारी रखी.
पहले अटेंप्ट में बनी आईएएस ऑफिसर
उम्मुल ने अपने जीवन में कई परेशानियां झेली थी. इसलिए उम्मुल के लिए यूपीएससी का महत्व बहुत ज्यादा था. वो जानती थी कि अगर उन्होंने यह परीक्षा पास कर ली, तो उनका जीवन पूरी तरह से बदल जाएगा और शायद यही कारण था कि उम्मुल ने साल 2017 में यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा अपने पहले प्रयास में ही पास कर डाली. उम्मुल ने ऑल इंडिया में 420वीं रैंक हासिल की थी, जिसके बाद वो आईएएस अफसर बनीं.