Art n Craft Diploma Case : KU ने डिस्टेंस डिप्लोमा को बताया ITI के बराबर फिर भी नही मिल रही जॉइनिंग, खुद सीनियर सेकेंडरी शिक्षा निदेशक द्वारा पत्र लिख मांगी गई थी रिपोर्ट

HR BREAKING NEWS, हरियाणा। Art n Craft Diploma Case : लंबे समय से हरियाणा में विवि के डिस्टेंस डिप्लोमा की मान्यता व भर्ती का विवाद चल रहा है। कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के दूरवर्ती शिक्षा निदेशालय का आर्ट एंड क्राफ्ट का डिप्लोमा सिलेबस और प्रैक्टिकल के आधार पर आईटीआई के समकक्ष घोषित होने के बावजूद अब तक ड्राइंग शिक्षक भर्ती में चयनित आवेदकों को जॉइनिंग नहीं मिल पाई है। दिलचस्प बात तो यह है कि खुद सीनियर सेकेंडरी शिक्षा निदेशक की ओर से केयू के डिप्लोमा की आईटीआई से समकक्षता को लेकर केयू प्रशासन से पत्र लिखकर रिपोर्ट मांगी थी। इसपर केयू प्रशासन ने लिखित में दूरवर्ती शिक्षा निदेशालय को कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर समकक्ष करने की रिपोर्ट शिक्षा विभाग को भेजी है।
बता दें कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की ओर से निकाली गई कला शिक्षकों की भर्ती में 600 से अधिक आवेदकों के पास केयू का यही डिप्लोमा है (Art n Craft Diploma Case)। इस डिप्लोमा पर आईटीआई के आवेदकों की ओर से सवाल उठाए गए थे। इसके बाद केयू के इस डिप्लोमा के आधार पर भर्ती सूची में आए आवेदकों की नियुक्ति रोक दी गई है। इसपर आवेदकों की ओर से केयू प्रशासन के सामने मामले को उठाया गया। इसके आधार पर केयू कुलपति की ओर से डीन एकेडमिक अफेयर की अध्यक्षता में कमेटी गठित की। कमेटी की सिफारिश पर केयू प्रशासन ने दूरवर्ती के डिप्लोमा को आईटीआई के डिप्लोमा के समकक्ष मानने की अधिसूचना जारी की थी।
अब नही रहा कोई संशय, नियुक्ति जल्द दे सरकार :
आर्ट एंड क्राफ्ट (Art n Craft Diploma Case) का केयू के दूरवर्ती शिक्षा निदेशालय से डिप्लोमा करने वाले सचिन, नरेश कुमार, रजनीत कौर, अरुणा देवी, रजनी, बलबीर कुमार, सतीश और दिलावर ने कहा कि अब उनके डिप्लोमा और आईटीआई के डिप्लोमा में कोई अंतर नहीं रहा। ऐसे में कोई संशय बचा ही नहीं है। इसलिए प्रदेश सरकार को योग्यता के आधार पर ड्राइंग शिक्षक भर्ती में मेरिट में आए आवेदकों को नियुक्ति देनी चाहिए। आवेदक चंद्रप्रकाश ने बताया कि आरटीआई में मांगी गई सूचना में खुद सीनियर सेकेंडरी शिक्षा निदेशक ने बताया है कि समकक्षता को लेकर केयू प्रशासन से रिपोर्ट मांगी थी। जब समकक्षता को लेकर केयू प्रशासन ने रिपोर्ट दे दी है तो अब डिप्लोमा पर किसी तरह का कोई सवाल उठ ही नहीं सकता।
एमडीयू कर चुका है डिप्लोमा को मान्य :
एमडीयू रोहतक ने भी केयू के दूरवर्ती शिक्षा निदेशालय की ओर से करवाए गए इस डिप्लोमा को मान्य किया है। आवेदक पृथ्वी सिंह ने बताया कि उन्होंने केयू से डिप्लोमा करने के बाद एमडीयू में बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स में सीधे तीसरे वर्ष में दाखिला लिया और उसे डिग्री भी मिली है। ऐसे में जब केयू और एमडीयू जैसी यूनिवर्सिटी इस डिप्लोमा को मान्यता दे रही हैं तो इस डिप्लोमा पर सवाल उठाना उचित नहीं है।
816 में से 667 के पास केयू का डिप्लोमा (Art n Craft Diploma Case)
प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2006 में आर्ट एंड क्राफ्ट टीचर्स भर्ती के लिए 816 पद विज्ञापित किए थे, जिनकी नियुक्ति वर्ष 2010 में की गई थी। इस भर्ती को अनियमितताओं के चलते वर्ष 2015 में हाईकोर्ट और 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था। इसके बाद वर्तमान सरकार ने भर्ती का विज्ञापन दिसंबर 2020 में निकाला और 31 जनवरी 2021 को परीक्षा करवाई। सभी उम्मीदवारों के दस्तावेज जांचे गए और उनके साक्षात्कार लिए गए। 14 नवंबर 2021 को सरकार ने भर्ती का अंतिम परिणाम घोषित किया। इसमें कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के डिप्लोमा होल्डर्स ने मेरिट आधार पर 816 में से लगभग 667 सीटों पर कब्जा किया।
15 हजार से अधिक है विवि के डिप्लोमा होल्डर्स (Art & Craft Diploma Case) :
23 नवंबर को शिक्षा निदेशालय की ओर से जिले आवंटित करने का नोटिस भेजा गया। इसके लिए 25 नवंबर को सभी चयनित आवेदकों को पंचकूला बुलाया था। 24 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट का एक फैसला आया, जिसमें आईटीआई सर्टिफिकेट व कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के डिप्लोमा को समकक्ष करने पर टिप्पणी की गई। कोर्ट ने कहा कि समकक्षता देखना न्यायालय का काम नहीं है। सर्विस नियम बनाना राज्य सरकारों का काम है न कि कोर्ट का। समकक्षता का निर्धारण सरकार स्वयं तय करे। केयू के इसी डिप्लोमा के आधार पर प्रदेश में व अन्य राज्यों में हजारों शिक्षक ड्राइंग टीचर के पद पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इस डिप्लोमा को यूनिवर्सिटी से लगभग 15 हजार छात्रों उत्तीर्ण किया था।