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SI भर्ती परीक्षा दोबारा करवाने व नॉर्मलाइजेशन बंद करने की मांग, युवाओं का विरोध प्रदर्शन

HR BREAKING NEWS, HISAR करनाल जिले में युवाओं ने सरकार के खिलाफ SI भर्ती परीक्षा दोबारा करवाने व नॉर्मलाइजेशन बंद करने की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। रेलवे रोड से आंबेडकर चौक तक सरकार व HSSC के खिलाफ नारेबाजी करते हुए नौजवान पहुंचे। वहां पर उन्होंने सांसद संजय भाटिया व जिलाध्यक्ष योगेंद्र राणा को
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SI भर्ती परीक्षा दोबारा करवाने व नॉर्मलाइजेशन बंद करने की मांग, युवाओं का विरोध प्रदर्शन

HR BREAKING NEWS, HISAR करनाल जिले में युवाओं ने सरकार के खिलाफ SI भर्ती परीक्षा दोबारा करवाने व नॉर्मलाइजेशन बंद करने की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। रेलवे रोड से आंबेडकर चौक तक सरकार व HSSC के खिलाफ नारेबाजी करते हुए नौजवान पहुंचे। वहां पर उन्होंने सांसद संजय भाटिया व जिलाध्यक्ष योगेंद्र राणा को मांग पत्र दिया।

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जारी हुए परिणाम में 80 अंक वाले शामिल नहीं हुए, जबकि 56 वाले को शामिल किया गया है। यदि नॉर्मलाइजेशन रखना है तो शिफ्ट वाइज सभी पात्रों का अंकों के अनुसार पूरा परिणाम सार्वजनिक किया जाए। पर्दे के पीछे बनाए जा रहे नॉर्मलाइजेशन में पारदर्शिता नहीं है। सांसद ने पात्रों की बात को सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया।

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पात्र अंकित शर्मा ने बताया कि 26 सितंबर को सब इंस्पेक्टर कर पेपर हुआ था। कई केंद्रों पर सही की जगह दूसरा पेपर बंट गया। कई सेंटरों पर कोई न कोई कमी सामने आई। इनमें से तीन सेंटर मीडिया में हाईलाइट हो गए, जिनमें सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल झारसा गुरुग्राम, मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर 46 गुरुग्राम और सैनी सीनियर सेकेंडरी स्कूल रेवाड़ी शामिल थे।


HSSC ने 3 केंद्रों की ही दोबारा से परीक्षा ले ली। जबकि उन्होंने पेपर से पहले ही मांग उठाई थी कि सभी का पेपर दोबारा लिया जाए। उन्होंने कहा था कि जब हरियाणा पुलिस के 8 लाख बच्चों का पेपर दोबारा लिया जा सकता है तो डेढ़ लाख का एसआई भर्ती पेपर क्यों नहीं ले सकते हैं। वे पांच बार पंचकूला जा चुके हैं। तब उन्हें आश्वासन दिया गया कि वे साइट पर नोटिस डाल देंगे। जबकि कोई नोटिस नहीं डाला गया। गुमराह किया गया है। कोर्ट में भी याचिका डाली है। अब वे सांसद व जिलाध्यक्ष को मांग पत्र देने पहुंचे हैं।

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रविंद्र कुमार ने बताया कि वह इसीलिए इकट्ठे हुए हैं कि सब इंस्पेक्टर का पेपर दोबारा हो। सरकार इतनी पारदर्शिता दिखा रही है कि उन्हें नहीं पता। उन्हें दिखाया कि किसके कितने नंबर आए हैं। इसमें से इतने काटे गए हैं और इतने बढ़ाए गए हैं। फार्म भरते समय नॉर्मलाइजेशन का नियम लिखा होता है। हमारे फार्म पर ऐसा नहीं था। परिणाम में 80 फीसदी अंक लेने वाले का नंबर नहीं है और 56 फीसदी वाले को शामिल किया गया है। जब वे एचएसएससी अधिकारियों से मिले तो उन्होंने कहा उनके पास स्टाफ नहीं है। पहली परीक्षा में भी स्टाफ रहा है। आगे की परीक्षाओं में भी स्टाफ होगा। फिर दोबारा के लिए स्टाफ क्यों नहीं है। प्रदेश में बेरोजगारी 37 प्रतिशत से ज्यादा है। पिछले तीन सालों से पेपरों की तैयारी कर रहे हैं। घर छोड़कर तैयारी के लिए कोई लाइब्रेरी में बैठा है तो कोई कोचिंग ले रहा है।

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