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Success Story : दबाव में आकर दिया UPSC का इग्जाम, पहली कोशिश में बने IAS

Success Story : सफलता की कहानी तो आपने बहुत सुनी होगी। लेकिन आज हम आपको अपनी इस खबर मे एक ऐसी सफलता की कहानी बताने जा रहें हैं जिसका नाम हैं डॉ विकास दिव्यकीर्ति। डॉ विकास दिव्यकीर्ति एक मध्यवर्गीय परिवार में पले-बढ़े। इनका हिंदी भाषा से शुरू से गहरा लगाव रहा। आइए जानें इनकी सफलता की कहानी के बारे में।
 
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Success Story : दबाव में आकर दिया UPSC का इग्जाम, पहली कोशिश में बने IAS

HR Breaking News : एक जमाना था जब IAS की पढ़ाई के लिए लोग प्रयागराज जाते थे लेकिन अब सिविल सर्विस की तैयारी के लिए युवा दिल्ली का रुख करते हैं, यहां स्थित मुखर्जी नगर आईएएस कोचिंग इंस्टीट्यूट और स्टूडेंट्स से भरा पड़ा है. दिल्ली में IAS की कोचिंग के लिए प्रसिद्ध संस्थान ‘दृष्टि’ के बारे में आपने जरूर सुना होगा, फिर तो आप इसके फाउंडर डॉ विकास दिव्यकीर्ति (Dr Vikas Divyakirti)  के बारे में भी जानते होंगे.

 

 


देश के युवाओं को सिविल सर्विस एग्जाम की तैयारी कराने वाले डॉ विकास दिव्यकीर्ति (Dr Vikas Divyakirti) यूट्यूब से लेकर सोशल मीडिया पर अपने ज्ञान और प्रेरणादायक विचारों के लिए काफी प्रसिद्ध हैं. लेकिन, क्या आप जानते हैं वे किसी जमाने में वे स्वयं IAS अफसर थे. फिर बाद में उन्होंने इस प्रतिष्ठित नौकरी से इस्तीफा दे दिया.

 

पहले प्रयास में पास की UPSC की परीक्षा -


डॉ. विकास दिव्यकीर्ति (Dr Vikas Divyakirti) देश के सबसे लोकप्रिय शिक्षकों में से एक हैं. उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इस बाते से लगाया जा सकता है कि उनके कोचिंग संस्थान दृष्टि से हर साल कई छात्र UPSC की परीक्षा में सफल होते हैं. डॉ. विकास दिव्यकीर्ति अपने सुझावों से सिविल सेवा के उम्मीदवारों की मदद करने के लिए जाने जाते हैं.

हालाँकि, बहुत ही कम लोगों को इस बात की जानकारी है कि डॉ. दिव्यकीर्ति ने अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा (upsc civil services exam) पास कर ली थी, लेकिन टीचिंग प्रोफेशन में लौटने के लिए उन्होंने नौकरी छोड़ दी थी.

 

 

 

 


1 साल बाद ही दे दिया IAS की नौकरी से इस्तीफा -


हरियाणा से ताल्लुक रखने वाले डॉ विकास दिव्यकीर्ति (Dr Vikas Divyakirti) एक मध्यवर्गीय परिवार में पले-बढ़े. चूंकि उनके माता-पिता हिंदी साहित्य के प्रोफेसर रहे इसलिए हिंदी भाषा से शुरू से गहरा लगाव रहा. उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी साहित्य में पीएचडी पूरी की और अपने टीचिंग करियर की शुरुआत दिल्ली विश्वविद्यालय से की.

 

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि उन्होंने अपने रिश्तेदारों के दबाव में आकर UPSC एग्जाम के लिए आवेदन किया था. 1996 में, उन्होंने अपने पहले प्रयास में कठिन माने जाने वाली यूपीएससी परीक्षा पास कर ली. डीएनए की रिपोर्ट के अनुसार, IAS रहते हुए वे गृह मंत्रालय में पोस्टिंग पर रहे. लेकिन, एक साल के अंदर ही उन्होंने इस रुतबे वाली सरकारी नौकरी से इस्तीफा दे दिया.

शुरू किया IAS कोचिंग संस्थान ‘दृष्टि’-


हालांकि, यह फैसला बड़ा मुश्किल था लेकिन विकास दिव्यकीर्ति को लगा कि वे कुछ अलग करना चाहते हैं, जिसका समाज पर गहरा प्रभाव हो और वे अधिक से अधिक युवाओं को सिविल सर्विस जैसी जॉब के लिए तैयार कर सकें. आईएएस की नौकरी छोड़ने के बाद उन्होंने 1999 में दिल्ली में दृष्टि आईएएस क्लासेज शुरू कीं, जो देश के सबसे प्रसिद्ध आईएएस कोचिंग संस्थानों में से एक है. उनके पढ़ाए हुए छात्रों में से आज कई छात्र आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अफसर हैं.


 

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