IAS Success Story : केवल 22 साल की उम्र में IAS अफसर बनी ये लड़की, इस तरह हासिल की सफलता
HR Breaking News, Digital Desk - यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा (UPSC ) की तैयारी करने वाले उम्मीदवारों को अटूट समर्पण और संकल्प के साथ पढ़ाई करने की आवश्यकता होती है. बहुत से उम्मीदवार इस परीक्षा के लिए सालों-साल तैयारी करते हैं, लेकिन फिर भी इस परीक्षा में सफलता हासिल नहीं कर पाते हैं।
वहीं, कुछ ऐसे उम्मीदवार भी हैं, जो अपने पहले प्रयास में इस परीक्षा को पास कर आईएएस ऑफिसर (IAS officer) बन गए हैं. आज हम आपको एक ऐसी ही उम्मीदवार अनन्या सिंह के बारे में बताएंगे, जिन्होंने मजह 22 साल की उम्र में सिविल सेवा परीक्षा पास कर ली थी. अनन्या ने इस परीक्षा में ऑल इंडिया 51वीं रैंक पाकर आईएएस ऑफिसर का पद हासिल कर लिया था।
कौन हैं आईएएस अनन्या सिंह?
आईएएस अनन्या सिंह (IAS Ananya Singh) उत्तर प्रदेश के प्रयागराज की रहने वाली हैं. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा सेंट मैरी कॉन्वेंट स्कूल से पूरी की है. अनन्या ने शैक्षणिक रूप से लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है. अनन्या ने कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षा में उन्हें 96% और कक्षा 12वीं में 98.25% अंक प्राप्त किए थे. 10वीं और 12वीं दोनों कक्षाओं में उन्होंने अपने जिले में CISCE बोर्ड में सफलता हासिल की थी. उन्होंने अपनी आगे की शिक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय के श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से पूरी की, जहां उन्होंने इकोलॉमिक्स ऑनर्स की डिग्री हासिल की।
इसके बाद उन्होंने साल 2019 यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में भाग लिया और अपने पहले प्रयास में ही ऑल इंडिया 51वीं रैंक हासिल कर ली. जब अनन्या ने परीक्षा का रिजल्ट देखा, तो उन्होंने दावा किया कि वह अपनी रैंक से हैरान थीं. महज 22 साल की उम्र में उन्होंने आईएएस अधिकारी बनने का अपने बचपन का सपना पूरा कर लिया था. वर्तमान में, आईएएस अनन्या सिंह को पश्चिम बंगाल कैडर सौंपा गया है।
इस तरह की यूपीएससी की तैयारी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अनन्या सिंह (Ananya Singh) ने टाइम-टेबल बनाकर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की. उन्होंने शुरुआत में प्री और मेंस एग्जाम की तैयारी एक साथ की. अनन्या कहती हैं कि प्री और मेंस एग्जाम से पहले का समय काफी कठिन होता है और इस दौरान वास्तव में कड़ी मेहनत करनी चाहिए।
अनन्या ने बताया कि तैयारी की शुरुआत के लिए सबसे पहले उन्होंने किताबों की लिस्ट तैयार की और सिलेबस के अनुसार किताब जमा किए. इसके साथ ही जरूरत के हिसाब से हैंड नोट्स भी बनाएं. नोट्स के दो फायदे हुए एक तो ये शॉर्ट और क्रिस्प थे, जिसकी वजह से यह तैयारी और रिवीजन में बहुत काम आए. इसके साथ ही नोट्स लिखने की वजह से आंसर दिमाग में रजिस्टर हो गए।
