Success Story : सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली लड़की पहली बार में बनी IAS, जानिए इनकी सफलता की कहानी
HR BREAKING NEWS (ब्यूरो)। बचपन में हर कोई कई तरह के सपने देखता है। किसी को टीचर बनना होता है, किसी को डॉक्टर तो किसी को प्रधानमंत्री या आईएएस अफसर (Female IAS Officer)। इनमें से कुछ ही होते हैं, जो बड़े होकर अपने इस सपने को वाकई में साकार कर पाते हैं। चंडीगढ़ की रहने वाली आईएएस कंचन सिंगला ने आईएएस अफसर बनने का सपना देखा था। मेहनत कर उन्होंने अपना लक्ष्य हासिल भी कर लिया।
Kanchan Singla IAS Age: कंचन सिंगला ने चंडीगढ़ के सेक्टर 16 में स्थित गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकंडरी स्कूल इसे पढ़ाई की है (Government School In Chandigarh)। उन्होंने 12वीं बोर्ड परीक्षा में 95।2 अंक हासिल किए थे। उनके पिता अनिल सिंगला चार्टर्ड अकाउंटेंट और मां प्रवीण सिंगला होममेकर हैं (Kanchan Singla IAS Family)। कंचन अपने माता-पिता को अपना रोल मॉडल मानती हैं। उनके छोटे भाई अनुज ने बीए ऑनर्स किया है। कंचन 24 साल की उम्र में आईएएस अफसर बन गई थीं।
Kanchan Singla IAS Education Qualification: कंचन सिंगला ने 2013 में दिल्ली लॉ यूनिवर्सिटी के एंट्रेंस एग्जाम में 10वीं और क्लैट परीक्षा (CLAT Exam) में ऑल इंडिया लेवल पर 62वीं रैंक हासिल की थी। उन्होंने दिल्ली नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में टॉप किया था। इसके साथ ही उन्हें 7 गोल्ड मेडल भी मिले थे। उन्होंने पढ़ाई और परिवार में सही बैलेंस बनाकर यूपीएससी परीक्षा (UPSC Exam) की तैयारी की थी।
Kanchan Singla IAS Rank: कंचन सिंगला बचपन से ही सरकारी नौकरी (Sarkari Naukri) करना चाहती थीं। साल 2018 में उन्होंने यूपीएससी परीक्षा (UPSC Exam) का पहला अटेंप्ट दिया था। इसमें उनका सेलेक्शन भारतीय रेल सेवा में हुआ था। अपनी ट्रेनिंग के दौरान 2019 में उन्होंने सिविल सर्विस परीक्षा का दूसरा अटेंप्ट दिया था (Civil Services Exam)। इसमें 35वीं रैंक हासिल कर वह आईएएस ऑफिसर बन गई थीं। उन्होंने अपना वैकल्पिक विषय लॉ रखा था।
IAS Interview: कंचन सिंगला शिक्षा और महिलाओं की बेहतरी के क्षेत्र में काम करना चाहती हैं। उनके माता-पिता ने यूपीएससी रिजल्ट में 35वीं रैंक की जानकारी दी थी। लेकिन कंचन को यकीन नहीं हुआ था। उन्हें लगा था कि उनका दिल रखने के लिए उन लोगों ने बेहतर रैंक बताई है। खुद रिजल्ट चेक करने के बाद ही उन्हें यकीन हो पाया था। कंचन ने यूपीएससी परीक्षा के लिए दिन-रात पढ़ाई की थी। उन्होंने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपनी कठिन मेहनत, अपनी दादी ब्रह्मकुमारी शांति माता, माता-पिता व परिजनों को दिया था।