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Success Story : ऊंट गाड़ी चलाने वाले का बेटा 6 साल में 12 नौकरियां बदलकर बना IPS अफसर

UPSC Success Story : जब हम किसी काम को करने की ठान लेते है तो हर समस्या का सामना कर उससे हासिल कर लेते है, ऐसी ही कहानी आईपीएस अधिकारी प्रेमसुख डेलू की है, जिनका यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास करके आईएएस-आईपीएस बनना था, आइए खबर में जानते है इनके जुड़ी पूरी जानकारी।

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HR Breaking News, Digital Desk - देश में लाखों लोगों का सपना यूपीएससी परीक्षा क्रैक करके आईएएस या आईपीएस बनना है. इसमें से बहुत कम लोगों का सपना पूरा हो पाता है. आमतौर पर कोई भी एक सरकारी नौकरी मिलना नेमत की तरह है. लेकिन कुछ ऐसे लोग हैं जिन्हें एक के बाद एक नौकरियां मिलती जाती हैं. इसके पीछे उनकी लगन, मेहनत और प्रतिभा होती है.

ऐसे ही हैं गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी प्रेमसुख डेलू (Gujarat cadre IPS officer Premsukh Delu). राजस्थान के बीकानेर जिले के निवासी आईपीएस प्रेमसुख डेलू को एक के बाद एक 12 नौकरियां मिली. उनका सेलेक्शन पटवारी से लेकर कांस्टेबल और तहसीलदार जैसे 12 पदों पर हआ. आखिर में उनका यह सफर पूरा हुआ यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पर जाकर. वह यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा क्रैक करके आईपीएस बने.

पिता चलाते थे ऊंट गाड़ी

राजस्थान के बीकानेर के रहने वाले प्रेमसुख डेलू का जन्म एक सामान्य से किसान परिवार में हुआ था. उनके पिता ऊंट गाड़ी चलाते थे और उससे सामान ढोते थे. प्रेमसुख डेलू बचपन से ही अपने परिवार को गरीबी से जंजाल से निकालना चाहते थे और उनका पूरा ध्यान पढ़ाई पर था. उन्होंने 10वीं तक की पढ़ाई गांव के ही सरकारी स्कूल से की. आगे की पढ़ाई बीकानेर के सरकारी डूंगर कॉलेज से की. प्रेमसुख डेलू इतिहास से एमए किया. जिसमें वह गोल्ड मेडलिस्ट रहे. पीजी के बाद उन्होंने इतिहास में यूजीसी नेट-जेआरएफ परीक्षा पास की. हालांकि उन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी 2010 में ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद ही शुरू कर दिया था. इसके लिए प्रेरित उनके भाई ने किया. जो राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल हैं.
 

सबसे पहले पटवारी बने प्रेमसुख डेलू 


आईपीएस प्रेमसुख डेलू को सबसे पहले पटवारी की नौकरी मिली. इसके बाद राजस्थान ग्रामसेवक परीक्षा में दूसरा स्थान हासिल किया. लेकिन उन्होंने तैयारी जारी रखी और राजस्थान की सहायक जेलर भर्ती परीक्षा न सिर्फ पास की बल्कि टॉपर रहे. जेलर का पद ग्रहण करते इसके पहले ही वह राजस्थान पुलिस में सब इंस्पेक्टर बन गए. तब तक वह यूजीसी नेट परीक्षा पास करने के साथ बीएड भी कर चुके थे. अब उन्हें कॉलेज में लेक्चरर की नौकरी मिल गई. इसके बाद उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा (upsc civil services exam) देने का फैसला किया. इसके बाद उनका सेलेक्शन राजस्थान पीसीएस परीक्षा के जरिए तहसीलदार पद पर हुआ.

तहसीलदार पद पर रहते हुए की सिविल सेवा की तैयारी


तहसीलदार जैसा बेहद व्यस्तता और जिम्मेदारी भरा पद संभालते हुए भी उन्होंने आईएएस बनने का सपना नहीं छोड़ा. वह ऑफिस ड्यूटी खत्म होने के बाद पढ़ते रहे. आखिरकार साल 2015 में दूसरे प्रयास में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में कामयाबी मिली. वह आईपीएस बन गए. प्रेमसुख डेलू की ऑल इंडिया रैंक 170 थी. उनकी पहली पोस्टिंग गुजरात के अमरेली जिले में एसीपी के पद पर हुई.