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Success Story : इस IPS महिला अधिकारी का नाम सुनते ही कांपने लगते हैं अपराधी, जानिये कौन है ये लेडी सिंघम

IPS Sanjukta Parashar success story : आज हम आपको एक ऐसे IPS महिला अधिकारी के बारे में बताने जा रहे है जिसका नाम सुनते ही कांपने लगते हैं अपराधी, इस आईपीएस ऑफिसर को एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के नाम से भी जाना जाता है। इनके नाम से ही उग्रवादी खौफ खाते है, आइए खबर में जानते है इस महिला अधिकारी के बारे में विस्तार से।

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HR Breaking News, Digital Desk - अपराध एक वो दीमक है, जो देश को खोखला बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ता। अगर सही समय पर इसकी रोकथाम न की जाए तो इसका दायरा बढ़ता चला जाता है। ठीक उसी तरह अगर अपराधी को शुरुआत में सजा न दी जाए तो उसकी हिम्मत बढ़ने लगती हैं। ऐसे ही बदमाशों को सफाया करने वाली आईपीएस संजुक्ता पराशर से हर अपराधी कांपता है।  दरअसल, आईपीएस संजुक्ता पराशर को एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के नाम से भी जाना जाता है। इनके नाम से ही उग्रवादी खौफ खाते है।

आईपीएस संजुक्ता पराशर (IPS Sanjukta Parashar success story) एक नीडर आईपीएस ऑफिसर है, उन्होंने कई उग्रवादियों का एनकाउंटर किया है। तो वहीं क्या आप जानते हैं पुलिस महकमे में न केवल पुरुष पुलिस अफसर ही दबंग है, बल्कि महकमे में लेडी सिंघम का भी दबदबा है। आईपीएस संजुक्ता पराशर की नाम उसी सूची में शामिल है। आइए जानते हैं कौन है आईपीएस संजुक्ता पराशर जो बदमाशों के हाथ से लोहा लेने का दम रखती है।
 

कौन हैं संजुक्ता पराशर 


मेघालय-असम कैडर की आईपीएस संजुक्ता का जन्म असम में 3 अक्टूबर 1979 में हुआ था। उन्होंने दिल्ली के इंद्रप्रस्थ कॉलेज से राजनीति विज्ञान में ग्रेजुएशन की थी। इसके बाद जेएनयू से इंटरनेशनल रिलेशन में परास्नातक किया। संजुक्ता ने सिविल सर्विसेज एग्जाम में ऑल इंडिया 85वीं रैंक हासिल की थी और मेघालय-असम कैडर को चुना।
 

संजुक्ता पराशर का परिवार


आईपीएस संजुक्ता पराशर एक अच्छी आईपीएस ऑफिसर होने के साथ-साथ वह एक मां और पत्नी भी हैं। उनके पति का नाम संदीप कक्कड़ है। उनका एक बेटा भी है, जिसकी देखरेख संजुक्ता की मां करती हैं। बात अगर संजुक्ता की मां की करें तो वह पेशे से डॉक्टर हैं। उनके पिता एक इंजीनियर हैं। उनका एक छोटा भाई भी हैं।


महकमे की लेडी सिंघम हैं आईपीएस संजुक्ता पराशर 


इस बात में कोई दो राय नहीं है कि, संजुक्ता पराशर को पुलिस महकमे की लेडी सिंघम कहा जाता है। वह एक निडर आईपीएस ऑफिसर है। आपको बता दें, आईपीएस संजुक्ता पराशर ने कभी भी किसी टास्क को देखकर हार नहीं मानी। वह हमेशा नई चुनौतियों का सामना करने को तैयार रहती हैं। उसी का नतीजा है कि, आज बदमाश उनका नाम सुनते ही थर थर कांपते हैं। जानकारी के अनुसार, असम के लोग उन्हें आयरन लेडी ऑफ असम कहते हैं। इसकी कई वजह हैं। 

आईपीएस संजुक्ता ने बोडो उग्रवादियों के खिलाफ ऑपरेशन में प्रमुख भूमिका निभाई थी। साल 2015 में असम के जोरहाट जिले में बतौर एसपी आईपीएस संजुक्ता ने लगातार अभियान चलाया। इस दौरान उन्होंने असम के जंगलों में एके-47 लिए सीआरपीएफ के जवानों और कमांडो को लीड किया। खास बात ये है कि, आईपीएस संजुक्ता पराशर ने असम में ऐसी जगहों पर एनकाउंटर किया है, जहां नॉर्मल ऑपरेशन चलाना भी मुश्किल था, वहां तक संजुक्ता अपनी टीम के साथ पहुंच गईं और उग्रवादियों पर हमला कर दिया। उनके नेतृत्व में 16 उग्रवादियों को मार गिराया गया और 64 नक्सलियों को गिरफ्तार कर किया गया।


कई बार मिली जान से मारने की धमकी


आईपीएस संजुक्ता पराशर की ताकत ही उनकी पहचान थी। उन्होंने सीआरपीएफ जवानों की टीम को भी लीड किया था। संजुक्ता पराशर को उग्रवादी ऑर्गेनाइजेशन की तरफ से कई बार जान से मारने की धमकी भी दी गई, लेकिन उन्होंने कभी इसकी परवाह नहीं की और वह निडर होकर AK-47 लिए घूमती थी।