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Success Story : रोजाना कमाता हैं 2 लाख रुपये, अमेरिका में पोस्टिंग फिर भी जॉब छोड़ रहा ये लड़का

Success Story : भारतीय मूल के राहुल पांडेय अभी अमेरिका की सिलिकन वैली में काम करते हैं और मेटा में बतौर प्रिंसिपल इंजीन काम करते हैं। हर रोज करीब 2 लाख रुपये की कमाई करते हैं। जानिए पूरी कहानी...
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HR Breaking News (नई दिल्ली)। ड्रीम जॉब, ड्रीम सैलरी और ड्रीम शहर, फिर भी इस भारतीय युवा का अलग ही ड्रीम है. रोज करीब 2 लाख रुपये की कमाई और अमेरिका में नौकरी होने के बावजूद मन नहीं लग रहा और सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म लिंक्डिन पर जॉब छोड़ने का ऐलान कर दिया है. इस युवक ने नौकरी छोड़ने का पूरा मन बना लिया है और अपने अगले प्‍लान पर काम करना शुरू कर दिया है.

भारतवंशी राहुल पांडेय दुनिया की ड्रीम वैली यानी अमेरिका की सिलिकन वैली में जॉब करते हैं. उनकी पोस्टिंग मेटा (फेसबुक, वॉट्सऐप की पैरेंट कंपनी) में बतौर टेक लीडर और मैनेजर है. राहुल का पैकेज अभी 80 हजार डॉलर (करीब 6.5 करोड़ रुपये) सालाना है. इस लिहाज से देखा जाए तो राहुल रोजाना करीब पौने 2 लाख रुपये कमाते हैं और उनकी गिनती अमेरिका के सबसे ज्‍यादा कमाई करने वाले 1 फीसदी लोगों में होती है. अब आप सोच रहे होंगे कि इतना सबकुछ पाने के बाद आखिर राहुल पर नौकरी छोड़ने का भूत क्‍यों सवार है.

क्‍या है राहुल की मंशा:

अपने लिंक्डिन पोस्‍ट में राहुल ने लिखा, ‘मेरी यात्रा इतनी आसान नहीं थी. वास्‍तव में फेसबुक ज्‍वाइन करने के बाद शुरुआती 6 महीने काफी अवसाद भरे थे. बतौर सीनियर इंजीनियर मुझे इम्‍पोस्‍टर सिंड्रोम महसूस होने लगा. मैं कंपनी के कल्‍चर और कामकाज को आत्‍मसात करने की कोशिश कर रहा था. साल 2017 में मेटा ज्‍वाइन करने के बाद तमाम दुश्‍वारियों के बावजूद अपने प्रदर्शन पर जोर दिया और कंपनी के कामकाज में ढल गया.’


सरे साल ही हिट हो गए राहुल:

मेटा में काम करते हुए राहुल का दूसरा ही साल था कि उन्‍होंने एक ऐसा टूल बनाया जिसका इस्‍तेमाल कंपनी के सभी इंजीनियर्स करने लगे और उनका काफी समय बचने लगा. राहुल के इस काम को कंपनी ने काफी नोटिस किया. राहुल के पास तकनीकी ज्ञान के साथ प्रोजेक्‍ट लीड करने की भी क्षमता थी और उन्‍हें प्रिंसिपल इंजीनियर बना दिया गया. कंपनी ने उन्‍हें प्रमोशन के साथ 2 करोड़ रुपये की इक्विटी हिस्‍सेदारी भी दी.

महामारी ने सब बदल दिया:

राहुल ने अपनी पोस्‍ट में लिखा, कोविड-19 महामारी के बाद मैं मेटा के बाहर अवसर तलाशने लगा. टेक फील्‍ड में 10 साल काम करने के दौरान फाइनेंशियल फ्रीडम की कुछ डिग्रियां भी हासिल की. फिर मैंने महसूस किया कि मैं इंजीनियरिंग के अलावा भी काफी कुछ सीख सकता हूं. हालांकि, अभी मेरे पास अच्‍छी जॉब है और मोटा सैलरी पैकेज भी. ऐसे में जॉब छोड़कर आगे बढ़ना आसान नहीं होगा.


क्‍या है अगली प्‍लानिंग:

राहुल ने साल 2022 में ही अपनी अगली प्‍लानिंग बना ली थी. उनका कहना है कि अब नौकरी करते रहने के बजाए अपना काम शुरू करने की बारी है. मेटा छोड़कर खुद का वेंचर शुरू करेंगे. इसके लिए राहुल ने टारो नाम का सॉफ्टवेयर भी बना लिया है, जो इंजीनियर्स को उनका करियर आगे बढ़ाने में मदद करेगा. राहुल का कहना है कि एक बार फिर उन्‍हें अवसाद और इम्‍पोस्‍टर सिंड्रोम महसूस होने लगा है. राहुल ने लिखा कि आगे की प्‍लानिंग जल्‍द बताएंगे और अपने भविष्‍य के प्रोजेक्‍ट पर ज्‍यादा बात करेंगे.