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Success Story : बार-बार असफलता के बाद भी नहीं मानी हार, ये लड़की 5वें प्रयास में बनी IRS

IRS Damini Diwakar Success Story - आईएएस और आईपीएस बनने के लिए देश की सबसे मुश्किल यूपीएससी सिविल परीक्षा को पास करना पड़ता है। लेकिन कुछ छात्र तो पहले ही प्रयास में इस परीक्षा को पास कर लेते हैं, वहीं कुछ छात्रों को पास करने के लिए  सालों मेहनत करनी पड़ती है। आज हम आपको इस आर्टिकल में आईआरएस अधिकारी दामिनी दिवाकर की सफलता की कहानी बताने जा रहे हैं। जिन्हें बार बार असफलता का सामना करना पड़ा। 

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HR Breaking News (ब्यूरो)। आईएएस-आईपीएस अधिकारी बनने के लिए सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास करनी पड़ती है. इसके लिए लाखों एस्पिरेंट्स दिन-रात एक कर रहे हैं. हर साल हजारों यूपीएससी एस्पिरेंट्स सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होते हैं।

लेकिन इंटरव्यू राउंड तक कुछ हजार ही पहुंच पाते हैं। फाइनल सेलेक्शन करीब एक हजार कैंडिडेट का होता है. कम ही ऐसे कैंडिडेट होते हैं जो पहले या दूसरे प्रयास में यूपीएससी क्रैक कर पाते हैं. आज हम बात करेंगे आईआरएस अधिकारी दामिनी दिवाकर की यूपीएससी जर्नी के बारे में. जो बेहद प्रेरित करने वाली है. उन्होंने अपने पांचवें प्रयास में यूपीएससी क्लियर किया था।

दामिनी दिवाकर यूपीएससी 2022 बैच की आईआरएस अधिकारी हैं. वह मध्य प्रदेश के एक छोटे से गांव की रहने वाली हैं. वह महज 3 साल की थीं तो उनके पिता गुजर गए थे. वह पूरी तरह अपनी मां के संरक्षण में पली-बढ़ीं. दामिनी से बड़ी उनकी एक बहन हैं. इस तरह परिवार की तीन महिलाओं ने मिलकर जीवन के रास्ते में आने वाले संघर्षों का सामना किया।


कॉलेज में ही तय कर लिया था सिविल सर्वेंट बनना


दामिनी दिवाकर ने कॉलेज की पढ़ाई के दौरान ही सिविल सर्वेंट बनना तय कर लिया था. उन्होंने अपने कॉलेज में कई काउंसलिंग प्रोग्राम में हिस्सा लिया. जहां उनकी मुलाकात कई सिविल सर्वेंट्स से हुई. उनकी प्रेरक कहानियों ने दामिनी को भी प्रेरित किया।

कई असफलताओं के बाद मिली कामयाबी

दामिनी दिवाकर के लिए यूपीएससी क्रैक करने की जर्नी आसान नहीं थी. इस जर्नी में कई असफलताओं का सामना करना पड़ा. उन्हें यूपीएससी के चार अटेम्प्ट में असफलता हाथ लगी. इसके बाद उन्होंने पांचवें प्रयास में ऑल इंडिया 435 रैंक हासिल की।

यूपीएससी में ऑप्शनल सब्जेक्ट

दामिनी दिवाकर ने यूपीएससी में ऑप्शनल सब्जेक्ट के तौर पर मनोविज्ञान रखा था. दामिनी के अनुसार मनोविज्ञान इसलिए ऑप्शनल के तौर पर रखा था क्योंकि उन्हें इससे हमेशा ही कुछ नया सीखने को मिलता था. इसलिए यह विषय उन्हें हमेशा ही आकर्षित करता था. रिपोर्ट्स के अनुसार दामिनी ने यूपीएससी की तैयारी के लिए कोई कोचिंग नहीं की थी।