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Success Story : पिता ने 15 साल तक साइकिल पर दूध बेचकर बेटी को पढ़ाया, बेटी ने भी हासिल कर दिखाई बड़ी सफलता

अपनी मेहनत से सफलता प्राप्त करने वाला हर शख्स अपने आप में ही खास होता है और उतनी ही खास होती है उसकी वहां तक पहुंचने की दास्तां। ऐसी ही सफलता की कहानी है उष्मा जोशी की। जिन्होनें अपने मां बाप की मेहनत को देख जीवन में कुछ बड़ा करने की सोची और अपना मनचाहा मुकाम हासिल भी कर लिया।

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Success Story : पिता ने 15 साल तक साइकिल पर दूध बेचकर बेटी को पढ़ाया, बेटी ने भी हासिल कर दिखाई बड़ी सफलता

HR BREAKING NEWS (ब्यूरो)। मेहनत से किए काम से मिली कमाई, उसका नाम ही काम करने वाले का फल होता. लेकिन जब मां-बाप बच्चे को बहुत मेहनत से पढ़ाएं, तो उसकी कामयाबी ही उनका फल होती है. ऐसी ही कहानी है IIM पहुंची उष्मा जोशी की. उष्मा को उनके मां-बाप ने गरीबी में बहुत मेहनत से पढ़ाया. इंदौर की रहने वाले उमेश जोशी ने अपने पिता के संघर्ष से बहुत कुछ सीखा है.


2001 में जन्मीं उष्मा जोशी के दादा इंदौर आए थे. इसके बाद उनके पापा उमेश जोशी आए. शुरुआत में वे दूध की दुकान पर काम करते थे. इसके साथ ही शहर में साइकिल से दूध बेचने जाते थे. 15 साल तक साइकिल पर घूम-घूम कर दूध बेचा. उष्मा ने पिता को संघर्ष करते देखा है. वे मेहनत की कद्र जानती हैं.

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15 साल तक साइकिल दूध बेचने के बाद उष्मा के पिता ने इंदौर में बच्चों को पढ़ाना शुरू किया. अब उष्मा के पिता इंदौर में कंप्यूटर संस्थान चलाते हैं. उष्मा की मां भी वहीं पढ़ाती हैं. मां-पिता की मेहनत से प्रभावित उष्मा ने इंदौर शहर के छोटे से स्कूल से पढ़ाई की. इंदौर से स्कूलिंग की, 10वीं और 12वीं में 90 प्रतिशत से ऊपर नंबर पाए. इंदौर में बीकॉम की पढ़ाई के दौरान ही दूसरे साल से IIM की तैयारी शुरू की थी. उष्मा को भी बीकॉम में 99.1 फीसदी अंक मिले थे.


उष्मा ने 12वीं तक की पढ़ाई वहीं से की. पढ़ाई के दौरान कुछ बिजनेस बुक्स पढ़ीं. तभी से विचार आया कि भविष्य में उन्हें बिजनेस करना है. मुझे उन किताबों से आइडिया आया कि बड़ा बिजनेस कैसे चलाना है. तब से उन्होंने आईएमएम जाने की सोची थी. उष्मा आज देश के प्रतिष्ठित मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट की छात्रा बनीं.

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उष्मा ने कैट क्लियर करने के लिए कोई कोचिंग नहीं ली. उन्होंने खुद पढ़ाई की. कुछ ऑनलाइन कंटेंट से भी मदद ली. उषमा जोशी ने कैट की परीक्षा पहले प्रयास में ही पास की, प्रवेश परीक्षा में 99.54 पर्सेंटाइल मिले. इसके बाद आईएमएम अहमदाबाद में दाखिला मिला. वह एमबीए प्रथम वर्ष की छात्रा है.